रियल हीरो: अक्षय कुमार देंगे शहीद हुए सीआरपीफ के जवानों को 1.08 करोड़ रुपए
अक्षय कुमार न सिर्फ देश से जुड़ी फिल्में बनाते हैं बल्कि वह देश के हित में कई काम भी करते हैं। तभी तो कभी वह देश के सैनिकों की हिम्मत बढ़ाते हैं तो कभी देश के युवाओं को कुछ अच्छा करने की सलाह देते हैं। अब खबर है कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले, सुकमा में 11 मार्च को माओवादियों के हमले में शहीद हुए सीआरपीफ के 12 जवानों के परिवारों की मदद के लिए बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार आगे आए हैं। अक्षय ने हर शहीद के परिवार को 9 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी है। उन्होंने कुल 1.08 करोड़ रुपए शहीदों के परिवारों को सौंपे हैं। 11 मार्च को, पांच राज्यों में मतगणना के दौरान ही सुकमा में हमले की खबर आई थी। हमले में सीआरपीएफ की 219वीं बटालियन के 12 जवान शहीद हो गए, जबकि तीन अन्य जवान घायल हो गए थे।
हमले के बाद दुखी सीआरपीएफ के करीब तीन लाख जवानों ने होली न मनाने का फैसला किया था। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस हमले के चलते होली नहीं मनाने का फैसला किया था। हमले की जानकारी मिलने के बाद वे तुरंत रायपुर भी गए थे। साथ ही गृह मंत्रालय, सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे थे। हमले के बाद सुरक्षाबलों की ओर से ऑपरेशन चलाया गया था। इसमें मौके से आईईडी, बम और तीर मिले थे।
सूत्रों के अनुसार इस हमले के पीछे हिडमा और सोनू नाम के नक्सली कमांडर का हाथ है। अधिकारियों ने बताया कि गश्ती दल को भेज्जी क्षेत्र में बन रहे इंजरम भेज्जी मार्ग की सुरक्षा के लिए रवाना किया गया था। दल में लगभग एक सौ जवान शामिल थे। दल जब भेज्जी और कोत्ताचेरू गांव के मध्य जंगल में था तब नक्सलियों ने पुलिस दल पर गोलीबारी शुरू कर दी। हमले में सीआरपीएफ के 11 जवानों की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि चार अन्य घायल हो गए। एक जवान ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
पिछले दो साल में सीआरपीएफ पर यह सबसे बड़ा हमला है। यह हमला उसी दिन हुआ है जब 2014 में बस्तर में हमला हुआ था। उस हमले में 11 सीआरपीएफ जवानों सहित 16 लोग मारे गए थे। हालांकि अभी तक इस बारे में अक्षय की ओर से कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है। वैसे भी अक्षय ऐसे काम करने के बाद मीडिया में कभी भी अपने काम को प्रमोट नहीं करते हैं।
गौरतलब है कि अक्षय कुमार इन दिनों अपनी एक फिल्म में भी काम कर रहे हैं। पिछले दिनों अपनी फिल्म से उन्होंने उन लोगों को संदेश दिया जो कोर्ट कचहरी से दूर रहना चाहते हैं और कुछ ऐसे लोग जो कोर्ट के चक्कर लगा—लगाकर हार जाते हैं। उन्हें यह संदेश दिया था कि आखिर जीत सच्चाई की होती है। उनके साथ इस फिल्म में हुमा कुरैशी थी और दोनों ने मिलकर फिल्म् में कमाल कर दिया था।