हवा में यूँ फ़ैल रहा है कोरोना , जाने Airborne Corona क्या है..? कैसे घटाएं जोखिम

दुनिया भर के सैकड़ों वैज्ञानिकों ने कहा है कि Covid-19 का संक्रमण हवा से भी फैलता है

airborne coronavirus how-it-spread how-we-should-minimize-the-risks

Coronavirus in AC- एसी बस में कोरोना

airborne coronavirus how-it-spread how-we-should-minimize-the-risks
भारत ही नहीं पूरा विश्व इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहा है l लोगों के अंदर संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है l

हालात यह है कि भारत कोरोना संक्रमित देशों में तीसरे नंबर पर आ गया है l
व Covid-19 कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर जिस बात की आशंका पहले से जताई जा रही थी,

अब कई वैज्ञानिकों ने उसे सही ठहरा दिया है। दुनिया भर के सैकड़ों वैज्ञानिकों ने कहा है कि Covid-19 का संक्रमण हवा से भी फैलता है।

हवा से संक्रमण फैलने के मायने ये हैं कि कोरोनावायरस(Coronavirus) ड्रॉपलेट्स के साथ घंटों में हवा में घूमता रह सकता है।

यह समस्या बंद जगह पर ज्यादा हो सकती है।

ये कण सांस के जरिए किसी दूसरे शख्स के भीतर जाएंगे और उसे संक्रमित कर देंगे।

हवा में यूँ फ़ैल रहा है कोरोना , जाने Airborne Corona क्या है..? कैसे घटाएं जोखिम

इस तरह संक्रमण फैलने का खतरा भीड़भाड़ वाले इलाके या बंद जगह में ज्यादा होती है।
हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि हवा के जरिए ये वायरस कितनी तेजी से फैल रहे हैं।

airborne coronavirus how-it-spread how-we-should-minimize-the-risks
वर्जीनिया टेक के एक एरोसोल (Aerosol) एक्सपर्ट का लिंसी मार का कहना है कि किसी

संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से जितनी तेजी से संक्रमण फैलता है
उसके मुकाबले हवा से संक्रमण कितने समय में फैलता है इसको लेकर अभी कोई जानकारी नहीं है।

मार सहित करीब 200 से ज्यादा एक्सपर्ट्स ने यह कहा है कि किसी व्यक्ति से एरोसोल बिना किसी सिम्टम के भी निकल सकता है।

जैसे बात करने या गाने के दौरान भी ये एरोसोल निकल सकता है।

दुनिया भर के सैकड़ों वैज्ञानिकों ने कहा है कि Covid-19 का संक्रमण हवा से भी फैलता है

ये एक्सपर्ट्स अपने सबूतों के साथ एक ओपन लेटर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन को भेजा है।
एरोसोल के मायने ड्रॉपलेट्स से ही हैं। दोनों एक ही हैं। वैज्ञानिक5 माइक्रॉन डायमीटर से छोटे ड्रॉपलेट्स को एरोसोल कहते हैं।

5 माइक्रॉन कितना छोटा है इस बात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं  कि एक इनसान का बाल 50 माइक्रॉन डायमीटर का होता है।

इन ड्रॉपलेट्स से होने वाले संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है N95 मास्क। इससे ज्यादातर एरोसोल फिल्टर हो जाते हैं।

इसीलिए डॉक्टर फिलहाल N95 मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं।
airborne coronavirus how-it-spread how-we-should-minimize-the-risks

Varsa: वर्षा कोठारी एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। वर्षा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।