कोरोना मौत को लेकर केंद्र सरकार ने की गाइडलाइंस जारी, अब...Death from Covid-19
Central government issued guidelines regarding corona death
नई दिल्ली (समयधारा) : देश भर में आनेवाली तीसरी कोरोना लहर के कहर के बीच केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया l
सरकार ने कोरोना मौत (Corona Death) को लेकर गाइडलाइन्स जारी की है l
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research) ने 3 सितंबर कोरोना वायरस से हुई मौत के लिए गाइडलाइंस जारी कर दिए हैं।
इसके तहत रिपोर्ट पॉजिटिव आने के 30 दिन के भीतर अगर कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो जाती है तो उसे कोविड डेथ माना जाएगा।
भले ही मरीज की मौत अस्पताल में हुई हो या फिर अस्पताल के बाहर।
इसके अलावा अगर किसी मरीज की मौत 30 दिन के बाद होती है, तो भी उसे गाइडलाइंस के तहत कोविड डेथ माना जाएगा।
गाइडलाइंस के मुताबिक, RTPCR, मॉलिक्यूलर, रैपिड एंटीजन या किसी दूसरे टेस्ट से कोरोना संक्रमण का पता चलता है तो उसे कोविड केस माना जाएगा।
सरकार ने कहा है कि ICMR की स्टडी में सामने आया है कि 95 फीसदी मौतें रिपोर्ट पॉजिटिव आने के 25 दिन के भीतर हो जाती हैं।
Central government issued guidelines regarding corona death
गाइडलाइंस में सरकार ने बताया, अगर किसी कोरोना मरीज की घर या अस्पताल में मौत होती है तो
रजिस्ट्रेशन ऑफ बर्थ एंड डेथ एक्ट (Registration of Birth and Death -RBD) 1969 की धारा 10 के तहत जो फॉर्म 4 और 4A जारी किया जाएगा।
इसमें मौत का कारण कोविड-19 डेथ लिखा जाएगा।
सरकार ने बताया कि रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया इसको लेकर जल्द ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चीफ रजिस्ट्रार के लिए जरूरी गाइडलाइंस जारी करेंगे।
वहीं ये भी कहा गया है कि कि अगर किसी कोरोना मरीज की मौत जहर से (poisoning), आत्महत्या से (suicide),
हत्या से या किसी एक्सीडेंट (accident) से हो जाती है तो उसे कोविड डेथ नहीं माना जाएगा।
Central government issued guidelines regarding corona death
इस गाइडलाइंस में ये भी कहा गया है अगर मृतक के परिजन डेथ सर्टिफिकेट (Medical Certificate of Cause of Death – MCCD), पर लिखे मौत के कारण से संतुष्ट नहीं होते हैं तो,
ऐसे मामलों में फिर जिला स्तर (district level) पर एक कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी इस मामले की जांच पड़ताल करेगी और उसे 30 दिन के भीतर अपनी सौंपनी होगी।