Corona Side Effect : lagatar badh raha hai vajan kahi yah gambhir anjani bimari to nahi weight gain constantly
कोरोना के दौरान लगभग सभी लोग घर में कैद थे, इस वजह से कईयों ने अपना वजन बेहिसाब बड़ा लिया l मोटापे ने कई सारी बीमारियाँ भी दे दी l
कई बार देखा गया है कि एक्सरसाइज के बाद भी लोगों का वजन बढ़ जाता हैl वजन बढ़ने की ये स्थिति सामान्य नहीं हैl
लगातार वजन बढ़ना किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता हैl
एक रिसर्च के मुताबिक, कई बार वजन बढ़ने का कारण ईटिंग डिसऑर्डर भी हो सकता हैl
ईटिंग डिसऑर्डर जिसे आहार सम्बंधी विकार के नाम से भी जाना जाता हैl
ये आज के समय में बहुत आम है लेकिन भविष्य में ये आपकी सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव डाल सकता हैl
ऐसे में आपको वजन बढ़ने और ईटिंग डिसऑर्डर के बारे में जानना जरूरी हैl
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जानलेवा हो सकता है ईटिंग डिसऑर्डर –
आज के समय में बच्चों से लेकर व्यस्क तक ईटिंग डिसऑर्डर से परेशान हैं और इसका मूल कारण खाने की आदत और जीवनशैली हैl
ईटिंग डिसऑर्डर होने पर व्यक्ति जरूरत से ज्यादा या बार-बार खाने लगता हैl
ऐसे में ईटिंग डिसऑर्डर ना सिर्फ वजन बढ़ाता है बल्कि इससे पीड़ित व्यक्ति मानसिक और शारीरिक तौर पर बहुत प्रभावित होता हैl
ईटिंग डिसऑर्डर होने पर पीड़ित व्यक्ति के गुर्दे तक फेल हो सकते हैं या फिर दिल संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता हैl
यदि ईटिंग डिसऑर्डर का सही समय पर इलाज ना करवाया जाए तो ये जानलेवा भी हो सकता हैl
क्या कहती है रिसर्च- (Corona Side Effect : lagatar badh raha hai vajan kahi yah gambhir anjani bimari to nahi weight gain constantly)
फिनलैंड के हेलसिंकी विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के अनुसार, युवा वयस्कों में ईटिंग डिसऑर्डर होने पर उनके स्वास्थ्य पर लंबे समय तक प्रभाव पड़ता है।
इस विकार के कारण उनका वजन बहुत अधिक बढ़ने लगता हैl अधिक वजन किसी भी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता हैl
ईटिंग डिसऑर्डर के प्रकार-
मुख्यतौर ईटिंग डिसऑर्डर तीन तरह का होता हैl एनोरेक्सिया नर्वोसा (व्यक्ति अपनी जरूरत के हिसाब से कम खाना खाता है),
बुलिमिया नर्वोसा (जरूरत से ज्यादा खाना), बिंज-ईटिंग (भूख ना लगने के बाद भी खाना)
हर समय खाते रहना, बार-बार खाना खाने के दौरे पड़ना)l
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ईटिंग डिसऑर्डर का इलाज-
यदि जांच के दौरान ईटिंग डिसऑर्डर का पता चलता है तो आपको इलाज के लिए तुरंत विशेषज्ञ के पास जाना चाहिएl
आमतौर पर इस तरह के खाने के विकार का इलाज डायटिशियन, डॉक्टर्स और थेरेपिस्ट मिलकर करते हैंl
इस इलाज के दौरान टॉक थेरेपी को भी अहत अहम समझा जाता हैl इस समस्या का इलाज इस बात को ध्यान में रखकर किया जाता है कि विकार कितना गंभीर हैl
कुछ लोगों को अधिक वजन घटाने और अन्य मेडिकल कॉम्प्लिकेशन के कारण अस्पताल में रखा जाता हैl
ईटिंग डिसऑर्डर से बचाव-
- अपना खाने का समय निश्चित करेंl
- जब भी खाएं बहुत ही कम मात्रा में खाएंl
- खुद को बाहरी एक्टिविटीज में व्यस्त रखेंl
- घर में जंकफूड या पैक्ड फूड ना रखेंl
- अगर खाने का मन बार-बार करें तो इसे नियंत्रित करेंl साथ ही ऐसी स्थिति में सिर्फ पानी पी लेंl
- बार-बार भूख लगे तो केला, अंडा जैसे पोषक खाद्य पदार्थ खाएं जिन्हें खाने से भूख कम लगती हैl