30 साल से कम उम्र के लोगों में बड़ा ‘हार्टअटैक’ का खतरा

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जयपुर, 18 मई :  नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) के आंकड़ों के मुताबिक नौ फीसदी महिलाएं और 14 फीसदी पुरुष उच्च रक्तचाप की जद में हैं। 

विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च रक्तचाप हृदय की बीमारियों के लिए सबसे बड़ा खतरा बनकर उभर रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रपट के मुताबिक, कार्डियोवस्कुलर बीमारी कैंसर और मधुमेह जैसी गैर संक्रामक बीमारियों ने शहरी क्षेत्रों में मृत्यु दर के प्रमुख कारणों के रूप में संक्रामक बीमारियों को पीछे छोड़ दिया है।

रपट में कहा गया है कि भारत में हृदय रोग के लिए उच्च रक्तचाप तीसरा सबसे बड़ा जोखिम कारक है और यह सीधे तौर पर स्ट्रोक से हुई सभी मौतों का लगभग 57 फीसदी और भारत में सभी कोरोनरी हृदय रोगों से होने वाली मृत्यु के लिए लगभग 24 फीसदी जिम्मेदार है। 

एनएफएचएस के आंकड़े के मुताबिक, लगभग नौ फीसदी महिलाएं और 14 फीसदी पुरुष 15 से 49 साल आयु वर्ग में इस बीमारी के शिकार होते हैं, जो कि राष्ट्रीय स्तर पर उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं।

एक अन्य अध्ययन से यह पता चलता है कि भारत में दिल का दौरा पड़ने वाले लगभग 35 फीसदी रोगी 50 वर्ष से कम आयु के हैं और लगभग 10 फीसदी रोगियों की उम्र 30 वर्ष से कम है। 

रपट यह बताती है कि उच्च रक्तचाप के मामलों में 23 प्रतिशत से 42 प्रतिशत की वृद्धि शहरी एनसीआर की आबादी और 11 प्रतिशत से 28 प्रतिशत ग्रामीण एनसीआर की आबादी में वृद्धि हुई है।

जयपुर के आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. पी.आर. सोदानी ने कहा, “उच्च रक्तचाप रक्त की धमनियों को संकुचित करने का कारण बनता है, जिससे रक्त का प्रवाह आपके शरीर में आसानी से नहीं हो पाता है, और हृदय का काम करना कठिन हो जाता है।

जब रक्त दिल में स्वतंत्र रूप से प्रवाह नहीं करता, तो लगातार सीने में दर्द या अनियमित दिल की धड़कन का अनुभव होता है। समय के साथ अधिक दवाब के कारण दिल बड़ा या फिर मोटा होता जाता है।

यह स्थिति पूरे शरीर में रक्त पंप करने की वेंट्रिकल (दिल के निचले भाग का हिस्सा) की क्षमता को सीमित करती है और दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है।”

डॉ. सोदानी ने कहा, “आलसपूर्ण जीवनशैली, अस्वस्थ खानपान और लगातार तनाव के साथ शारीरिक गतिविधि में कमी के साथ अन्य कारक हैं, जो उच्च रक्तचाप के कारण बनते हैं।

इसके कुछ सामान्य लक्षणों में पसीना आना, चिंता, सोने में समस्या आदि शामिल हैं।

रक्त प्रवाह जब उच्च रक्तचाप के खतरे के स्तर तक बढ़ता है तो इसके लक्षणों में सिरदर्द और नाक से खून निकलना भी शामिल हो सकते हैं।”

उच्च रक्तचाप से बचने के उपाय : 

– शराब के सेवन की मात्रा सीमित करें और धूम्रपान छोड़ें। 

– नमक सेवन को नियंत्रित करें। 

– कम वसा वाले फल और सब्जियां अधिक मात्रा लें। 

– वजन को नियंत्रण में रखें, तनाव कम करें। 

– शारीरिक गतिविधि को दिनचर्या में शामिल करें। 

–आईएएनएस

Dropadi Kanojiya: द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।