Mother’s Day : एक तरफ भारत माँ तो दूसरी तरफ माँ का वजूद ही खतरे में..!

"माँ" कौन होती है..? जिसकी कोख से आप पैदा हुए वही "माँ" होती है... सही ना..! पर माँ तो हमारी...

Mother's Day : एक तरफ भारत माँ तो दूसरी तरफ माँ का वजूद ही खतरे में..!

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नईं दिल्ली (समयधारा) : अचानक ही वह जोर-जोर से उई माँ… उई माँ… चिल्लाने लगी l आसपास के लोगों ने उसे आकर घेर लिया l

पर उसका चिल्लाना कम नहीं हो रहा था l ऐसे में दूर कही से एक औरत दोड़ती हुई उसके पास आई और उसे अपनी बाँहों में भर लियाl

अब उसका चिल्लाना बंद हो गया l उस औरत की बाहों में जाकर उसका सारा दर्द ही गायब हो गया l

यह वाकया तो आपके मेरे सभी के जीवन में आया होगा l और वह औरत “माँ” के अलावा कोई हो ही नहीं सकती l

Thanks उनको जिसने ‘Mothers Day’ बनाया, ‘माँ के अस्तित्व के नमन’ को यादगार बनाया 

जब कभी भी कोई भी दर्द में हो तो वह उई माँ या मॉडर्न डे में मम्मी (Mummy)  ही कहता है न की कुछ और… l

दोस्तों समयधारा की और से आप सभी को मदर्स डे 2025  की शुभकामनाएं l तो चलिए जानते है की इस बार मदर्स डे पर हम आपके लिए क्या लाये है l

“माँ” कौन होती है..? जिसकी कोख से आप पैदा हुए वही “माँ” होती है… सही ना..!

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  • पर माँ तो हमारी धरती माँ भी होती है…!
  • माँ तो भारत माँ भी होती है..!!
  • माँ तो हर वह औरत होती है जिसने किसी का भी सृजन/पालन पोषण किया हो ..!!

Mothers Day Special : वाह री टेक्नोलॉजी तूने फिर माँ से मिला दिया…! 

तो माँ का सही अर्थ आखिर है क्या…? हम धन्यवाद देना चाहिय अमेरिका की उस बेटी को जिसकी वजह से हम मदर्स डे सेलिब्रेट करते है l (हमारे आर्टिकल Mother’s Day क्या मनाया जाता है पढियें)

आज हम माँ के सही अर्थ को समझने’ की कोशिश करते है l इस कलयुग में हम माँ को कितना समझते है यह सोचने वाली बात है l

इस संसार में… सबसे बड़ी सम्पत्ति ‘बुद्धि’ सबसे अच्छा हथियार ‘धैर्य’ सबसे अच्छी सुरक्षा ‘विश्वास’ है, और आपको “बुद्धि-धैर्य -विश्वास” सब सिर्फ “माँ” में मिलेंगे, इनकी कदर कर लो

सोशल मीडिया पर माँ को लेकर इन दो चार दिनों में प्यार उमड़ आयेगा l कई लोग जैसे माँ के बिना ज़िंदा रह ही नहीं सकते ये जताएंगेl

सब माँ से कितना प्यार करते है इसकों दिखानें को होड़ मच जायेगी l और इस होड़ में बिचारी माँ वह फिर वही अपने आप को पाती है जहाँ पहले थी l

चार दिन की चांदनी फिर अँधेरी रात वाली हालात माँ की होती है..! “मदर्स डे (Mother’s Day) के आसपास तो लोग माँ को पूछना उसे महत्व देना शुरू कर देते है l

फिर न जाने माँ कहाँ चली जाती है साल के बाकी दिनों में माँ का महत्व कुछ कम ही लोगों को पता चलता है l

यानी धीरे-धीरे माँ का वजूद खत्म होता जा रहा है..? हम सब के लिए वह सिर्फ और सिर्फ एक शो पिस रह गईं है l

जिसे मदर्स डे के दिन सब अपनी तरफ से पेश करते है सोशल मीडिया में उस पर अपना प्यार लुटाते है l

पर इन सब के बीच माँ का वजूद क्या रह गया है l सबसे पहले हम धरती माँ की बात करे तो धरती माँ का सबसे ज्यादा कर्ज हमारे ऊपर है पर हम सबसे ज्यादा उसे ही चोट पहुंचा रहे है l

अब बात आती है भारत माता की और भारत माता के लिए इन दिनों के जो हालात है वो तो आप देख ही रहे हो पहलगाम पर हमला भारत माँ को छलनी कर गया l

और अब बदला ऑपरेशन सिंदूर(#OperationSindoor) की जिसे लोग हमले पर मरहम की बात कर रहे है असल में वह भी तो भारत माँ के दुखों को बढ़ाने वाला ही है..?

क्या इस ऑपरेशन के दौरान जो क्षति भारतीय नागरिकों भारतीय सैनिको की होगी उससे भारत माता को दुःख नहीं पहुंचेगा l

दोस्तों माँ को दर्द हर बात होता है जब-जब उसका अपना कोई खोता है…. वह दर्द से कराह उठती है l

और उसका यह दर्द उन आवाजों के पीछे छीप जाता है जब लोग उस पर अपनी विजय और शहादत की आवाज को बुलंद कर देते है l

यह माँ का दर्द कोई समझेगा l (Mothers-Day-Special-Tribute-To-Silent-Sacrifice-Of-Mothers-and-Pain-of-Motherhood)

अब बात आती है उस माँ की जो सृजन करती है जो पालन पोषण करती है l इस माँ का दुःख तो अनंत है l

क्योंकि इस माँ का दर्द बयां करते-करते शायद मेरे पास शब्द ही खत्म हो जाएँ l पर इसका दर्द कम नहीं होगा..?

जब दो सगे भाई या भाई-बहन प्रॉपर्टी के लिए एक दुसरे से लड़ते है तब उसे दर्द होता है l

जब कभी वह अपनी पत्नी या बच्चों के लिए माँ  नजरअंदाज एक बार नहीं कई बार करते है.. तब-तब वह दर्द से कराह उठती है l

जब कभी पडोसी या किसी रिश्तेदारों के आगे (बच्चों के कुकर्मों के कारण) माँ को शर्म से झुकना पड़ता है तब-तब उसका दुःख और बढ़ जाता है l

Mother’s day-जानें भारत में कब है मदर्स डे? क्यों मनाया जाता है..? क्या है महत्व..?

माँ को सृजन कर्ता ममता की मुरुत कहाँ जाता है l पर इस माँ को सम्मान के नाम पर झूठा दिखावा देने वाले उन कलयुगी लोगों को क्या जो उसे सिर्फ अपने मतलब के लिए इस्तेमाल करते है l

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Dharmesh Jain: धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।