Ishq Shayari Jakhm Shayri Dard-E-Dil Shayri Hindi Sayari
अश्कों से, सदमों से, जख्मों से,
अजाबों से मिलता है..!
इल्म जिंदगी का
कहां दो चार किताबों से मिलता है..!
जुबां से रोक ले
तो आंखो से बंया होता है
ये इश्क है,
इसे सब्र कहां होता है…
अपनी जिंदगी में भी लिखे है
कुछ ऐसे ही किस्से
किसी ने अपना बनाकर वक्त गुजार लिया
किसी ने वक्त गुजारने के लिए अपना बना लिया
कुछ इस अदा से निभाना है
किरदार मेरा मुझको…!
जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे
वो नफरत भी ना कर सके…!!
मोहब्बत उसी को आज़माती है
जो हर मोड़ पर चलना जानता है….!!
कुछ “पाकर” तो हर कोई मुस्कुराता है,
मोहब्बत शायद उनकी ही होती है,
जो बहुत कुछ “खोकर” भी मुस्कुराना जानता है…
था जिनकी वफा पर नाज़ हमे,
हमराज बदलते देखे हैं …
हालात बदलते ही सबके,
अंदाज बदलते देखे हैं …!!
Ishq Shayari Jakhm Shayri Dard-E-Dil Shayri Hindi Sayari
शाॅपिंग में मशगूल बीवी का
सब्र से साथ देना भी
मुहब्बत है गालिब ,
ज़रूरी नहीं हर कोई
ताज महल बनवाता फिरे ..