शायरी – नासमझ हूँ साहब, शब्दों की मिट्टी से महफ़िल सजाता हूँ..

किसी को बेकार तो किसी को लाजवाब नज़र आता हूँ..

Sayaris In Hindi Love Shayri, nasamajh hun sahab shabdon ki mitti se mehfil sajata hun kisi ko bekar to kisi ko lajwaab nazar aata hun

Sayaris In Hindi Love Shayri  

नासमझ हूँ साहब,
शब्दों की मिट्टी से महफ़िल सजाता हूँ..

किसी को बेकार
तो किसी को लाजवाब नज़र आता हूँ…

लोग आँखों में आँखें डालकर
प्यार की बात करते हैं..!!

हमारी तो पलकें
उनके नाम से ही झुक जाती हैं..!

दर्द सबके एक है,
मगर हौंसले सबके अलग-अलग है,
कोई हताश हो के बिखर गया
तो कोई संघर्ष करके निखर गया !

कारवाँ  ए जिंदगी 

हसरतों के सिवा 

कुछ भी नहीं 

 ये किया नहीं, वो हुआ नहीं 

ये मिला नहीं, वो रहा नहीं..

दूरियाँ
तो पहले ही आ चुकी थी ज़माने में ,

कोरोना ने आकर
इल्ज़ाम अपने सर ले लिया 

मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ ,

हासिल कहाँ नसीब से होती हैं !

मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं ,

जहाँ कश्तियाँ ज़िद पर होती हैँ !

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Sonal: सोनल कोठारी एक उभरती हुई जुझारू लेखिका है l विभिन्न विषयों पर अपनी कलम की लेखनी से पाठकों को सटीक जानकारी देना उनका उद्देश्य है l समयधारा के साथ सोनल कोठारी ने अपना लेखन सफ़र शुरू किया है l विभिन्न मीडिया हाउस के साथ सोनल कोठारी का वर्क एक्सपीरियंस 5 साल से ज्यादा का है l