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शायरी – मिली थी जिन्दगी किसी के काम आने के लिए,

पर वक्त बीत रहा है कागज के टुकड़े कमाने के लिए , क्या करोगे इतना पैसा कमा कर,

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Shayaris Ki Duniya Ishq Sayari Daulat Kafan Shauharat Shayari 

मिली थी जिन्दगी किसी के काम आने के लिए,
पर वक्त बीत रहा है कागज के टुकड़े कमाने के लिए ,
क्या करोगे इतना पैसा कमा कर,
ना कफन में जेब है ना कब्र में अलमारी,
और ये मौत के फ़रिश्ते तो रिश्वत भी नही लेते 

 

बस नाम लिखने की इजाज़त नहीं मिली

बाकी हम सब कुछ तुम पर ही लिखते हैं

जुबां से रोक ले
तो आंखो से बंया होता है

ये इश्क है,
इसे सब्र कहां होता है…

अपनी जिंदगी में भी लिखे है

कुछ ऐसे ही किस्से

किसी ने अपना बनाकर वक्त गुजार लिया 

किसी ने वक्त गुजारने के लिए अपना बना लिया

कुछ इस अदा से निभाना है
किरदार मेरा मुझको…!

Shayaris Ki Duniya Ishq Sayari Daulat Kafan Shauharat Shayari 

जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे
वो नफरत भी ना कर सके…!!

मोहब्बत  उसी को आज़माती है
जो हर मोड़ पर चलना जानता है….!!
कुछ “पाकर” तो हर कोई मुस्कुराता है,
मोहब्बत शायद उनकी ही होती है,

जो बहुत कुछ “खोकर” भी मुस्कुराना जानता है…

था जिनकी वफा पर नाज़ हमे,

हमराज बदलते देखे हैं …

हालात बदलते ही सबके,

अंदाज बदलते देखे हैं …!!

शाॅपिंग में मशगूल बीवी का
सब्र से साथ देना भी

मुहब्बत है गालिब ,

ज़रूरी नहीं हर कोई
ताज महल बनवाता फिरे ..

Shayaris Ki Duniya Ishq Sayari Daulat Kafan Shauharat Shayari 

समयधारा डेस्क