breaking_newsHome sliderदेशराजनीति

Live तीसरा मोर्चा : तेलंगाना के मुख्यमंत्री KCR देश भर के संगठनो, एसोसिएशनों और नौकरशाहों से बैठक करेंगे

हैदराबाद, 5 मार्च :  तीसरे मोर्चे के विचार को फिर से उठाने और इसका नेतृत्व करने का प्रस्ताव रखने वाले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने सोमवार को राष्ट्रीय एजेंडा तैयार करने के लिए पूरे देश में सिलसिलेवार बैठकें करने की योजना का खुलासा किया। राव संगठनों, एसोसिएशनों और सेवानिवृत्त नौकरशाहों के साथ बैठकों के लिए कार्यक्रम तैयार कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, वह सबसे पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के सेवानिवृत्त अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।

कार्यालय ने कहा कि इन सभी सेवानिवृत नौकरशाहों ने राज्यों के राजनीतिक मामलों को करीब से देखा है, ऐसे में इनके साथ बैठक काफी उपयोगी होगी।

राव सेवानिवृत्त रक्षाकर्मियों और अधिकारियों, कानूनी दिग्गजों, किसान संगठनों व कर्मचारियों, आर्थिक विशेषज्ञों और सेवानिवृत्त आर्थिक सचिवों से मुलाकात कर सकते हैं।

कार्यालय के अनुसार, “इन लोगों के साथ बैठक के बाद राव मीडिया घरानों, पत्रकारों, आद्यौगिक घरानों, मजदूर संगठनों से एक के बाद एक मुलाकात करेंगे।”

यह बैठकें हैदराबाद, नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और बेंगलुरू में होंगी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस, दोनों को छोड़कर तीसरे मोर्चे को गठित करने के राव के विचार का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और नेता से अभिनेता बने पवन कल्याण ने समर्थन किया है।

मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र के छह से सात सांसदों ने भी इस मामले में उन्हें समर्थन देने के लिए फोन किया था।

उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस, दोनों लोगों के लिए विफल रही हैं और भारतीय राजनीति में गुणात्मक बदलाव की जरूरत है।

उच्च वृद्धि दर के लिए संविधान में संशोधन की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य, शहरी विकास, ग्रामीण सड़क, आरक्षण जैसे विषयों को राज्य को स्थानांतरित कर देना चाहिए।

–आईएएनएस

Show More

Dharmesh Jain

धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button