Chaitra-Navaratri 3rd-day-Maa-Chandraghanta Puja-Vidhi-In-Hindi
नई दिल्ली,(समयधारा) : विदेश ही नहीं देश भर में चैत्र नवरात्र की धूम है l इस त्यौहार के तीसरे दिन यानी 1 अप्रैल को नवरात्र का तीसरा दिन हैl
नवरात्र के नौ दिन माँ दुर्गा के नौ रूपों नौ अवतारों के लिए जाना जाता हैl
माँ का हर रूप हर अवतार हमारे जीवन के हर दुखों को हरने के लिए काफी हैl
कहते है माँ दुर्गा के हर रूप हमारे सांसारिक जीवन की सभी कष्टों को दूर करने में सहायक हैl
इन नौ रूपों में आज माँ के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा को पूजा जाता है l
1 अप्रैल 2025 नवरात्र 3rd डे, तृतीयं चंद्रघंटा पूजन (तृतीय दिवस), चन्द्रघन्टा मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप :
मां दुर्गा की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। नवरात्र उपासना में तीसरे दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन और आराधना की जाती है।
इनका स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है।
इसी कारण इन देवी का नाम चंद्रघंटा पड़ा है। इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। इनका वाहन सिंह है।
मन, वचन, कर्म एवं शरीर से शुद्ध होकर विधि विधान के अनुसार मां चंद्रघंटा की शरण लेकर उनकी उपासना एवं आराधना में तत्पर होना चाहिए।
आज का मंत्र :
पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यां चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
संस्कृत सुभाषितानि :
अष्टावक्र गीता अष्टादश अध्याय :
शुद्धं बुद्धं प्रियं पूर्णं
अर्थात:
आत्मा के सम्बन्ध में जो लोग अभ्यास में लग रहे हैं, वे अपने शुद्ध, बुद्ध, प्रिय, पूर्ण, निष्प्रपंच और निरामय ब्रह्म स्वरूप को नहीं जानते॥३५॥
आरोग्यं :
नवदुर्गा के औषधि रूप :
तृतीय चंद्रघंटा (चन्दुसूर) दुर्गा का तीसरा रूप है चंद्रघंटा, इसे चनदुसूर या चमसूर कहा गया है।
नवरात्रि पर विशेष माँ दुर्गा के 9 रूपों का महत्व व उनका प्रभाव हमारे दैनिक जीवन में..