चैत्र नवरात्रि का महत्व – Chaitra Navratri Importance

शास्त्रों में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है। यह त्योहार वसंत ऋतु में आता है और मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित होता है।

मान्यता है कि इन पावन दिनों में देवी मां की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति हो जाती है।

इस दौरान मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है।

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा तो होती ही है। साथ ही साथ, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही हिंदू नववर्ष भी प्रारंभ हो जाता है, जिसे हिंदू नव संवत्सर कहा जाता है।

चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाने का भी विधान है। इन नौ दिनों में व्रत/उपवास, ध्यान और भजन-कीर्तन से मन और शरीर की शुद्धि होती है और भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है।

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