Omicron का नया सब-वेरिएंट XBB.1.16 दिल्ली सहित देशभर में तेजी से फैल रहा,बूस्टर डोज़ भी फेल,जानें लक्षण और इलाज

खुद INSACOG के एक सदस्य ने इस बात की पुष्टि की है. INSACOG के डाटा से इस बात का खुलासा हो गया है कि दिल्ली समेत देशभर में कोरोना पॉजिटिविटी रेट में जो बड़ा उछाल देखने को मिल रहा है उसके पीछे ओमिक्रोन का नया सब वेरिएंट XBB.1.16 ही वजह है।

ओमिक्रोन सब-वेरिएंट XBB1.16

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नई दिल्‍ली:दिल्ली सहित देशभर में कोविड(COVID-19)के ओमिक्रोन वेरिएंट(Omicron)का नया सब वेरिएंट XBB.1.16 तेजी से हाहाकार मचा रहा है।

इसके कारण जहां दिल्ली में कोविड(Delhi COVID cases)के मामलों में 18 फीसदी का तेज उछाल आया है तो वहीं महाराष्ट्र सहित देश के कई बड़े राज्यों में भी इसी सब वेरिएंट XBB.1.16 के केसों में इजाफा दर्ज हुआ है।

हाल के कोविड केसों के जीनोम एनालिसिस में इस बात की पुष्टि हो गई है कि इस वक्त देश में साठ फीसदी केस ओमिक्रोन के नए सब वेरिएंट XBB.1.16 के ही(Omicron-sub-variant-XBB116-found-in-India) है।

खुद INSACOG के एक सदस्य ने इस बात की पुष्टि की है. INSACOG के डाटा से इस बात का खुलासा हो गया है कि दिल्ली समेत देशभर में कोरोना पॉजिटिविटी रेट में जो बड़ा उछाल देखने को मिल रहा है उसके पीछे ओमिक्रोन का नया सब वेरिएंट XBB.1.16 ही वजह(Omicron-sub-variant-XBB116-found-in-India-says-INSACOG-data)है। 

हालांकि 25-30 फीसदी कोविड मामले ऐसे है जोकि इस XBB वेरिएंट के सबलीनिएज के है। दूसरे शब्दों में कहें तो भारत के तकरीबन 90 फीसदी कोविड केसों का कारण XBB सब वेरिएंट ही है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभी कुछ ही दिन पहले कहा था कि भारत में कोविड के ओमिक्रोन का नया सब  वेरिएंट एक्सबीबी.1.16 तेजी से पैर पसार रहा है। WHO के मुताबिक, XBB.1.16 सबवेरिएंट पर नजर रखने की जरूरत है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हाल में बैठक करके दिल्ली में इस वेरिएंट के ही केस तेजी से फैलने की बात को स्वीकार किया था।

उन्होंने कहा था कि राजधानी में मौजूदा वक्त में एक्सबीबी.1.16 वेरिएंट के 48 फीसदी मामले दर्ज हुए है।शेष मामलों मे भी इसी के सब वेरिएंट पता चले है।

देश में कोरोना डेली पॉजिटिविटी रेट 2.87 प्रतिशत हो गया है। जोकि बीते हफ्ते की तुलना में दोगुना(Omicron-sub-variant-XBB116-found-in-India-says-INSACOG-data)है।

आपको बता दें कि ओमिक्रोन के XBB.1.16 वेरिएंट विश्वभर के 22 देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है।इसकी उपस्थिति भारत में बीते वर्श फरवरी में पुणे में पाई गई थी और अब इसकी संक्रामकता इतनी तेज हो गई है कि इसने अन्य सभी वेरिएंट्स को पछाड़ दिया है।

ऐसे में जरूरी है कि आप जानें कि आखिर XBB.1.16 वेरिएंट क्या है और यह इतना संक्रामक क्यों है? इसके लक्षण और इलाज क्या(Omicron-sub-variant-XBB116-found-in-India-says-INSACOG-data-XBB116-symptoms-treatment)है।

 

ओमिक्रोन का XBB.1.16 सब वेरिएंट क्‍या है? इतनी तेजी से क्‍यों फैल रहा?

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-ओमिक्रोन के XBB.1.16 सबवेरिएंट ने महाराष्ट्र में तो कहर बरपा रखा है। हर नए वेरिएंट की तरह इसके बेहद संक्रामक होने के पीछे भी म्यूटेशन है।

-वायरस के न्यूक्लियोटाइड और अमीनो एसिड्स में बदलाव हुआ है। XBB.1.16 का ट्रांसमिशन रेट काफी ज्यादा है।

-ओमीक्रोन का यह म्यूटेंट स्‍ट्रेन हाइब्रिड इम्‍यूनिटी को मात दे सकता है।

-वैक्सीनेशन वाली इम्‍यूनिटी भी इसका इन्‍फेक्‍शन नहीं रोक पाती। इसके गंभीर बीमारी देने की क्षमता पर रिसर्च चल रही है लेकिन WHO ने आगाह किया है।

 

 

 

ओमिक्रोन XBB.1.16 सब-वेरिएंट के लक्षण और इलाज-XBB.1.16-symptoms-treatment

 

एम्स और आईसीएमआर की तरफ से कुछ गाइडलाइन (ref.) जारी की गई है जिनके मुताबिक

-मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार, नए सबवेरिएंट XBB.1.16 के लक्षण काफी हद तक ओमीक्रोन के पिछले वेरिएंट्स जैसे ही हैं।

-तेज बुखार, खांसी, गले में खराश, बदन दर्द, सिर में दर्द, सर्दी जैसे लक्षण आम हैं। सूंघने और टेस्‍ट करने की क्षमता नहीं जाती।

-राहत की बात यह है कि ज्यादातर मरीज घर पर सिर्फ आराम करके ठीक हो जा रहे हैं। XBB.1.16 वायरस से नाक बंद होने की शिकायतें हैं।

-डॉक्‍टर्स के अनुसार, को-मॉर्बिडिटीज वाली आबादी को नए सबवेरिएंट से ज्यादा रिस्क है।

अगर आप सिर्फ बुखार, खांसी, गले में सूजन जैसे लक्षण हैं और सांस फूलना या कम ऑक्सीजन लेवल की परेशानी नहीं है, तो घर पर आइसोलेशन में रहकर इलाज करवाएं।

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9 दवाओं का इस्तेमाल न करें

गाइडलाइन के मुताबिक, घर पर इलाज करवाते हुए 9 तरह के ड्रग्स/दवा का इस्तेमाल ना करें।

  1. लोपीनाविर-रिटोनाविर (Lopinavir-ritonavir)
  2. हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine)
  3. आइवरमेक्टिन (Ivermectin)
  4. न्यूट्रलाइजिंग मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (Neutralizing monoclonal antibody)
  5. कंवलसेंट प्लाज्मा (Convalescent plasma)
  6. मोलनुपिराविर (Molnupiravir)
  7. फेविपिराविर (Favipiravir)
  8. एजिथ्रोमाइसिन (Azithromycin)
  9. डॉक्सीसाइक्लिन (Doxycycline)

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वैक्‍सीन की कितनी भी डोज लें XBB.1.16 से नहीं बचेंगे 

INSACOG के एक सदस्य के मुताबिक, XBB.1.16 के सारे मामले ब्रेकथ्रू इन्‍फेक्‍शन के हैं मतलब वैक्सीन की चाहे जितनी डोज ली हों, यह संक्रमित कर रहा है।

इसके बावजूद XBB.1.16 से 2021 जैसी डेल्टा लहर(Omicron Delta Variant)आने की आशंका नहीं है। ओमिक्रोन के चलते 2022 में कोरोना लहर देखी गई लेकिन फिलहाल वैसे खतरे से एक्सपर्ट्स इनकार कर रहे हैं।

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WHO का XBB.1.16 को लेकर क्या कहना है

WHO की कोविड-19 टेक्निकल लीड मारिया वेन केरखोव के मुताबिक, XBB.1.16 पर ‘नजर रखने’ की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ‘हम वायरस के और बदलकर ज्यादा गंभीर होने को लेकर चिंतित हैं।’

हालांकि, उन्होंने कहा कि चूंकि यह वायरस कई महीनों से सर्कुलेट हो रहा है, ऐसा लगता नहीं कि इससे गंभीर बीमारी होती है। उन्होंने कहा कि नया सबवेरिएंट अमेरिका में फैले XBB.1.5 जैसा है लेकिन इसमें एक स्पाइक प्रोटीन ज्यादा है।

 

 

 

अस्वीकारीकरण: यह पोस्ट केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

 

(इनपुट एजेंसी से भी)

 

 

 

 

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Radha Kashyap: