बिजली कर्मचारियों आज करेंगे शक्ति प्रदर्शन, केजरीवाल सरकार को देंगे अल्टीमेटम
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नई दिल्ली:दिवाली पर पूरी दिल्ली(Delhi) में अंधकार छा सकता है। इस बात के लिए बिजली कर्मचारियों(Electricity workers) ने पूरी तरह कमर कस ली है और दिल्ली सरकार(Delhi Govt) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अल्टीमेटम भी दे डाला है।
शनिवार, 28 अक्टूबर 2023 को ठेकेदारी हटाओ राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा (Thekedari Hatao Rashtriya Sanyukt Morcha)ने संविदा कर्मचारियों (Contract Workers) के नियमित वेतन सहित अन्य मांगों और ठेकेदारी प्रथा(Contractual System)के खिलाफ एक प्रेस-कॉन्फ्रेंस की,
जिसमें जिसमें मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष डी.सी.कपिल(D.C. Kapil) ने एलान किया किया किअगर केजरीवाल सरकार ने उनकी मांगे नहीं मांगी तो मोर्च में शामिल दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों के 25 हजार संविदा कर्मचारी 31 अक्टूबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे और दिवाली(Delhi Diwali) पर बिजली हड़ताल की घोषणा(Delhi-BSES-workers-to-be-strike-on-Diwali-Rashtiya-Sanyukt-Morcha-ultimatum-to-Kejriwal-govt) करेंगे।
(प्रेस विज्ञप्ति) ठेकेदारी हटाओ राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा ने शनिवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली की केजरीवाल सरकार को खुली चुनौती देते हुए कहा कि यदि सरकार ने हमारी लंबित मांग नहीं मानी तो 31 अक्टूबर को मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास का घेराव किया जाएगा और दिवाली पर दिल्ली की बिजली गुल कर दी(Delhi-BSES-workers-to-be-strike-on-Diwali-Rashtiya-Sanyukt-Morcha-to-kejriwal-govt)जाएगी।
मोर्चे के अध्यक्ष डी.सी. कपिल ने कहा कि ठेकेदारी प्रथम रूप में एक शोषणकारी प्रथा है और यह अनुसूचित जाति,जनजाति,ओ.बी.सी. वर्ग के आरक्षण के खिलाफ षड्यंत्र है।
इस प्रथा के तहत राजनेताओं,अधिकारियों और ठेकेदारों की तिगड़ी मिलकर,ठेकाकर्मियों को मिलने वाले वेतन को सरेआम लूट रही है।
आम आदमी पार्टी ने अपने 2013, 2015 और 2020 के चुनावी घोषणा पत्रों में कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने और दिल्ली से ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने का जो वायदा किया था उसे पूरा करने में दिल्ली सरकार(Delhi Govt) पूरी तरह फेल हो चुकी है।
केजरीवाल सरकार के नौ वर्षों के शासनकाल में मात्र 432 युवाओं को ही सरकारी नौकरी मिल पाई है।
पांच लाख 32 हजार सरकारी पद खाली पड़े हुए है। इन पदों पर स्थायी भर्ती करने की बजाय, आउटसोर्स को बढ़ावा देकर ठेका प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है।
ठेका प्रथा विरोध में मोर्टा दर्जनों बार धरने, प्रदर्शन,रैलियां और घेराव कर चुका है मगर सरकार मनमानी और हठधर्मिता परअड़ी हुई है।
यहाँ यह बताना भी जरुरी है कि BSES का एक डिपार्टमेंट है – मीटर मैनेजमेंट ग्रुप (Meter Management Group – MMG) जिनके 480 कर्मचारी पिछले 22 जून से बिना काम के बैठे हुए हैl हाईकोर्ट के मौखिक आदेश के बावजूद भी कंपनी हर तारीख पर कह देती है हम ले लेंगे लेकिन आज तक भी उनको ड्यूटी पर नहीं लिया गया l यह हड़ताल कर्मचारियों का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसे अलग करके नहीं रखा जा सकता l
उन्होंने सरकार को खुली चुनौती देते हुए कहा कि 31 अक्टूबर 2023, मंगलवार को मोर्चा दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों में कार्यरत 25 हजार संविदा कर्मियों की मांगों को लेकर आंदोलन करेगी।
यदि सरकार ने मांगे नहीं मानी तो वे 31 अक्टूबर को दिवाली पर बिजली हड़ताल की घोषणा (Delhi-BSES-workers-to-be-strike-on-Diwali-Rashtiya-Sanyukt-Morcha-to-kejriwal-govt) करेगा।
हमारी मुख्य मांगों में
उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली सरकार उपरोक्त मांगों को नंवबर के प्रथम सप्ताह तक नहीं मान लेती है,तो दिल्ली के बिजली,पानी,यातायात,शिक्षा,स्वास्थ्य और सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे।
हड़ताल होने से राजधानी की औद्दोगिक शांति अगर भंग होती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी दिल्ली सरकारी की होगी।
भवदीय
इंजी.डी.सी.कपिल
(राष्ट्रीय अध्यक्ष)
नोट: प्रथम शीर्षक और लेख के शुरुआती तीन पैरा को छोड़कर, संपूर्ण पोस्ट प्रेस विज्ञप्ति के अनुरूप लिखी गई है।
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