दीपावली 2025 कब है? जानें शुभमुहूर्त पूजा समय

इस बार दिवाली के शुभ मुहूर्त को लेकर कई तरह का कंफ्यूजन जारी है, कोई कह रहा है दिवाली 20 की है तो कोई 21 की वही

दीपावली 2025 कब है? जानें शुभमुहूर्त पूजा समय

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इस बार दिवाली के शुभ मुहूर्त को लेकर कई तरह का कंफ्यूजन जारी है, कोई कह रहा है दिवाली 20 की है तो कोई 21 की..? 

ऐसे में दिवाली की सही तिथि कौन सी है यह बड़ा सवाल है l आपके सभी कंफ्यूजन को यानी आपको असमंजस की स्थिति को समझते हुए हमने दिवाली की सही तिथि जानने के लिए करीब 10 महापंडित और महाज्योतिषों से संपर्क किया l निष्कर्ष क्या निकला चलिए हम बताते है l   

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करीब 20 शहरों के अलग-अलग पंडितों और ज्योतिषोंयों से बात करने के बाद वही कई नामचीन ज्योतिष वेब साईट से जानकारी लेने के बाद हमने क्या पाया l 

  • दिनांक 20 अक्टूबर 2025 को 70 फीसदी ज्योतिषाचार्य और पंडितों ने दिवाली का दिन बताया है l 

  • दिनांक 2 अक्टूबर 2025 को 30 फीसदी ज्योतिषाचार्य और पंडितों ने दिवाली का दिन बताया है l 

 

पाठकों की सुविधा के लिए हमने पहले हमने 20 अक्टूबर 2025 को दिवाली का दिन मानते हुए पूजा मुहूर्त और दिवाली सप्ताह के सभी दिनों की जानकारी दी है l

इसी के साथ अगले लेख में 21 अक्टूबर 2025 (उदयातिथि के अनुसार) दिवाली के शुभ मुहूर्त और दिन बताये है l जिससे पाठक अपनी सुविधा के अनुसार इस पर काम कर सके l 

 “दीवाली 2025 के शुभ मुहूर्त और पूजन समय” 


🌟 दिवाली 2025 शुभ मुहूर्त और पूजन समय: पूरी जानकारी

दिवाली का त्योहार केवल रोशनी और खुशियों का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है। इस साल 2025 में दिवाली कई उत्सवों और पूजाओं के साथ मनाई जाएगी। सही मुहूर्त और समय पर पूजा करना विशेष शुभ माना जाता है।
इस लेख में हम आपको दिवाली सप्ताह के सभी दिन, उनके शुभ मुहूर्त, पूजा का समय, अभ्यंग स्नान और पारिवारिक परंपराएँ विस्तार से बताएंगे।

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📅 दिवाली 2025 का महत्व

दिवाली हिंदू संस्कृति का एक प्रमुख त्योहार है। इसे दीपावली भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है “दीपों की पंक्ति।” यह अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई, और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है।

इस बार दिवाली का सप्ताह निम्नलिखित त्योहारों के साथ मनाया जाएगा:

  • 17 अक्टूबर: एकादशी – वसुबारस
  • 18 अक्टूबर: धनतेरस
  • 20 अक्टूबर: नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली)
  • 21 अक्टूबर: लक्ष्मी कुबेर पूजन
  • 22 अक्टूबर: दिवाली पाडवा / गोवर्धन पूजा
  • 23 अक्टूबर: भाई दूज (यम द्वितीया)

हर दिन का मुहूर्त और पूजन समय विशेष शुभता लेकर आता है।


🌞 17 अक्टूबर 2025 – शुक्रवार (एकादशी / वसुबारस)

मुख्य पूजा:

  • सवात्स गाई का पूजन
  • गूळ का नैवेद्य

शुभ समय:

  • सायं 6 बजे

महत्व:
एकादशी का दिन व्रत और संयम का प्रतीक है। वसुबारस विशेष रूप से परिवारिक और कृषि संबंधित कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन गाई और पशु पूजन से घर में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की वृद्धि होती है।

कैसे करें पूजा:

  • घर की साफ-सफाई करें।
  • गाई या गाय के प्रतीक रूप में पूजा सामग्री रखें।
  • गुड़ का नैवेद्य अर्पित करें।
  • दिनभर संयम और साधना पर ध्यान दें।

💰 18 अक्टूबर 2025 – शनिवार (धनतेरस)

मुख्य पूजा:

  • धनतेरस पर धन और स्वास्थ्य की देवी मां लक्ष्मी व भगवान धनवंतरि की पूजा।

शुभ समय:

  • सायं 6:13 बजे से रात 8 बजे तक
  • रात 10 से 12:30 बजे तक

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महत्व:
धनतेरस धन और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन नए बर्तन, सोना-चांदी और मूल्यवान वस्तुएँ खरीदना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए पूजा करना लाभकारी है।

पूजा विधि:

  • घर की साफ-सफाई और दीपक जलाना।
  • देवी लक्ष्मी और भगवान धनवंतरि की मूर्तियों का पूजन।
  • गंध और फूलों से पूजा स्थल सजाएँ।
  • इस दिन की खरीदारी सोच-समझकर करें।

🛁 20 अक्टूबर 2025 – सोमवार (नरक चतुर्दशी / छोटी दिवाली)

मुख्य पूजा और कार्य:

  • अभ्यंगस्नान

शुभ समय:

  • पहेले अभ्यंगस्नान: 5:20 AM से 6:40 AM तक

महत्व:
नरक चतुर्दशी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह दिन शरीर और मन को शुद्ध करने के लिए अभ्यंगस्नान का विशेष महत्व रखता है। इस दिन विशेष तेल से स्नान करने से न केवल स्वास्थ्य में वृद्धि होती है, बल्कि मानसिक ऊर्जा और सकारात्मकता भी आती है।

पूजा और विधि:

  • घर में दीपक और गंध का प्रबंध।
  • स्नान के बाद हल्के भोजन के साथ दिन की शुरुआत।
  • परिवार के सभी सदस्यों के साथ शुभकामनाएँ साझा करना।

💰 21 अक्टूबर 2025 – मंगलवार (लक्ष्मी कुबेर पूजन)

मुख्य पूजा:

  • लक्ष्मी गादी पूजन (आसन)
  • लक्ष्मी कुबेर पूजन

शुभ समय:

  • सकाळी 9:00 AM से 12:30 PM – लक्ष्मी गादी पूजन
  • दुपहरी 3:00 PM से 4:30 PM – लक्ष्मी कुबेर पूजन
  • सायं 6:00 PM से 8:30 PM
  • रात 10:30 PM से 12:00 AM तक

महत्व:
लक्ष्मी कुबेर पूजन समृद्धि, सुख-शांति और धन की प्राप्ति का प्रमुख अवसर है। इस दिन सूर्य की देखी हुई तिथि का पालन करना शुभ माना जाता है।

कैसे करें पूजा:

  • घर की साफ-सफाई करना।
  • पूजा स्थल पर लाल और पीले रंग का वस्त्र बिछाएँ।
  • लक्ष्मी और कुबेर जी की प्रतिमा स्थापित करें।
  • दीपक जलाएँ, गंध और फूल अर्पित करें।
  • परिवार के सभी सदस्य मिलकर भक्ति भाव से पूजन करें।

🌾 22 अक्टूबर 2025 – बुधवार (दिवाली पाडवा / गोवर्धन पूजा / अन्नकोट)

मुख्य पूजा:

  • अभ्यंगस्नान
  • वही पूजन
  • गोवर्धन पूजन
  • अन्नकोट

शुभ समय:

  • पहाटे 3:00 AM से 6:00 AM – वही पूजन
  • सकाळी 6:30 AM से 9:30 AM और 11:00 AM से 12:30 PM – गोवर्धन पूजन
  • ऑफिस/दुकान खोलना: सकाळी 6:30 AM से 9:30 AM तक

महत्व:
दिवाली पाडवा और गोवर्धन पूजा में पर्यावरण, गायों और अन्न का सम्मान किया जाता है। यह दिन कृषि और व्यवसाय से जुड़ी स्थिरता का प्रतीक है।

पूजा विधि:

  • घर और आँगन की सफाई।
  • वही, गोवर्धन और अन्न को पूजित करना।
  • दीपक जलाना और परिवार के साथ अन्न वितरण करना।
  • इस दिन नए व्यवसाय या दुकान खोलना शुभ होता है।

👬 23 अक्टूबर 2025 – गुरुवार (भाई दूज / यम द्वितीया)

महत्व:
भाई दूज भाई-बहन के प्रेम और संबंधों का प्रतीक है। इस दिन भाई के दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना बहन करती है।

पूजा और विधि:

  • भाई और बहन मिलकर विशेष पूजन करें।
  • तिलक और मिठाई के साथ प्रेम और सहयोग को बढ़ावा दें।
  • यह दिन परिवारिक एकता और भाई-बहन के प्रेम को मजबूत करता है।

🪔 दिवाली सप्ताह की कुल सीख और महत्व

  1. दीपावली हमें अंधकार पर प्रकाश की जीत सिखाती है।
  2. हर दिन का सही मुहूर्त जीवन में सफलता और शुभता लाता है।
  3. अभ्यंगस्नान और पूजन स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन में मदद करते हैं।
  4. लक्ष्मी कुबेर पूजन से आर्थिक और पारिवारिक समृद्धि सुनिश्चित होती है।
  5. भाई दूज और परिवारिक मेलजोल जीवन में प्रेम और सहयोग की भावना बनाए रखते हैं।
  6. दीपावली केवल त्योहार नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, संयम और नैतिकता की शिक्षा देती है l

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🙏 शुभकामनाएँ

सभी पाठकों को दिवाली 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ।
इस दिवाली आपका जीवन खुशियों, समृद्धि और मानसिक शांति से परिपूर्ण हो।

शुभ दीपावली! 🙏🏻💐

 

Reena Arya: रीना आर्य www.samaydhara.com की फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ है। रीना आर्य ने पत्रकारिता के महज 6-7 साल के भीतर ही अपने काम के दम पर न केवल बड़े-बड़े ब्रांड्स में अपनी पहचान बनाई बल्कि तमाम चुनौतियों और पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए समयधारा.कॉम की नींंव रखी। हर मुद्दे पर अपनी ज्वलंत और बेबाक राय रखने वाली रीना आर्य एक पत्रकार, कंटेंट राइटर,एंकर और एडिटर की भूमिका निभा चुकी है।