जानें किस शुभ मुहूर्त में करें दशहरा की पूजा, कैसे मिलेगा छप्पर फाड़ धन
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नई दिल्ली: शारदीय (Shardiya) नवरात्रि (Navratri) में नौंवी नवरात्रि यानि महानवमी (Mahanavami) के बाद दशहरा (Dussehra) का पर्व मनाया जाता है।
बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरा यानि विजयदशमी (Vijayadashami) का पर्व हिंदू धर्म में बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है।
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार,दशहरा के दिन प्रभु श्रीराम ने बुराई के प्रतीक रावण का वध किया था,
तभी से उनकी जीत के उपलक्ष्य में विजयदशमी का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाने लगा। दशहरा को ही विजयदशमी कहा जाता है।
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प्रतिवर्ष देश में दशहरा के दिन रावण दहन का विधान है।
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ग्राउंड्स, सोसायटी और गली-मोहल्लो में रावण,कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले जलाकर संदेश दिया जाता है कि अहंकार,
बुराई और अधर्म चाहे जितना बलिष्ठ हो,एक न एक दिन उसका समूल नाश होता है।
इसी सदैव सच्चाई,ईमानदारी और धर्म के रास्ते पर चलना चाहिए। यही श्रीराम का संदेश है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार दशहरा या विजयदशमी वर्ष की तीन सबसे शुभ तिथियों में से एक है।
अन्य दो तिथियां चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा और कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा है।
इसके अतिरिक्त इस दिन मां दुर्गा ने भी महिषासुर का वध किया था। इसलिए इस दिन को विजयदशमी भी कहा जाता है।
आपको बता दें कि इस वर्ष दशहरा का त्यौहार 5 अक्टूबर 2022 बुधवार को मनाया जाएगा।
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विजय मुहूर्त: 5 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 34 मिनट से लेकर 3 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। इस बीच आप कोई भी कार्य करके अपनी जीत सुनिश्चित कर सकते हैं।
अश्विन मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि शुरू – 4 अक्टूबर 2022 को 2 बजकर 20 मिनट से
अश्विन मास शुक्ल पक्ष तिथि समाप्त – 5 अक्टूबर 2022 12 बजकर 01 मिनट पर
घर में दशहरा पूजन 5 अक्टूबर दिन बुधवार को विजय मुहूर्त 2:22pm से 3:10pm बजे तक बहुत शुभ है l
वहीं बंगाल में विजयादशमी की अपराह्न पूजा का समय दोपहर 01:20 बजे से 03:41 बजे तक करीब 2 घंटे 21 मिनट का रहेगा l
इस दौरान 4 अक्टूबर की रात 10 बजकर 51 मिनट से लेकर 5 अक्टूबर को रात 09 बजकर 15 मिनट तक श्रवण नक्षत्र रहेगा, जिसे पूजा के लिए शुभ माना जाता है.
रावण दहन का शुभ समय सूर्यास्त के बाद से रात 8.30 बजे तक श्रेष्ठ है। रावण दहन हमेशा प्रदोष काल में श्रवण नक्षत्र के अंर्तगत ही किया जाता है।
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यह त्यौहार भगवान श्री राम(Sri Ram) की कहानी तो कहता ही है जिन्होंने लंका में 9 दिनों तक लगातार चले युद्ध के पश्चात अंहकारी रावण(Ravan) को मार गिराया और माता सीता को उसकी कैद से मुक्त करवाया।
वहीं इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था इसलिए भी इसे विजयदशमी के रुप में मनाया जाता है और मां दुर्गा की पूजा(Ma Durga) भी की जाती है।
माना जाता है कि भगवान श्री राम ने भी मां दुर्गा की पूजा कर शक्ति का आह्वान किया था, भगवान श्री राम की परीक्षा लेते हुए पूजा के लिए रखे गये कमल के फूलों में से एक फूल को गायब कर दिया।