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SKM ने आंदोलन स्थगित किया, 11 दिसंबर को किसान मोर्चा का विजय दिवस

सयुंक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को स्थगित करते हुए कहा कि बड़ी जीत लेकर जा रहे है, MSP पर केंद्र ने खरीदी का भरोसा दिया.

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नयी दिल्ली (समयधारा) : SKM ने आंदोलन स्थगित किया, 11 दिसंबर को किसान मोर्चा का विजय दिवस मनाने का ऐलान l 

सयुंक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को स्थगित करते हुए कहा कि बड़ी जीत लेकर जा रहे है, MSP पर केंद्र ने खरीदी का भरोसा दिया l 

कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसानों की बाकी मांगों पर भी सरकार की तरफ से पुख्ता भरोसा मिलने के बाद किसान आंदोलन खत्म हो गया है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन को खत्म करने का ऐलान कर दिया है।

15 दिसंबर से किसान अपने घरों को लौट जाएंगे। दिल्ली की सीमाओं पर पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से किसान आंदोलन कर रहे थे।

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एमसपी पर कमिटी बनाने और आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए केस को वापस लेने को लेकर,

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केंद्र सरकार की तरफ से लिखित आश्वासन के बाद किसानों में आंदोलन खत्म करने पर सहमति बनी।

आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजे के मसले पर यूपी और हरियाणा की सरकारों ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है।

पंजाब गन्ना किसानों ने खत्म किया किसान आंदोलन

केंद्र की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव पर गुरुवार सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक की।

बैठक में इस बात पर सहमति बन गई कि आंदोलन खत्म किया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक शुरू होने से पहले ही आंदोलन स्थलों से किसानों ने अपने टेंट हटाने शुरू कर दिए थे।

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किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान 11 दिसंबर को विजय जुलूस के साथ अपने-अपने घरों को लौटना शुरू करेंगे।

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दर्शनपाल सिंह ने भी कहा कि किसान 11 दिसंबर को सड़कें खाली कर देंगे।

किसानों की मांगें माने जाने को किसान संगठनों ने आंदोलन की बड़ी जीत करार दिया है।

हालांकि, आज संयुक्त किसान मोर्चा ने जीत का जश्न नहीं मनाने का फैसला किया है।

उनका कहना है कि पूरा देश सीडीएस जनरल बिपिन रावत के असामयिक निधन से गमगीन है, लिहाजा किसान जश्न नहीं मनाएंगे।

11 दिसंबर से आंदोलनकारी किसान अपने-अपने घरों को लौटना शुरू कर देंगे।

13 दिसंबर को किसान अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने जाएंगे। 15 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा फिर बैठक करेगा।

मोर्चा के नेताओं ने कहा कि यह किसान आंदोलन आजादी के बाद भारत का सबसे शांतिपूर्ण और बड़ा आंदोलन रहा।

(इनपुट एजेंसी से भी)

Radha Kashyap