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गणेश चतुर्थी 2025: गणपति बप्पा की स्थापना से पहले ज़रूर जान लें ये अहम नियम
हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का पर्व विशेष महत्व रखता है। वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस वर्ष यह पावन पर्व 27 अगस्त 2025 से शुरू हो रहा है। इसी दिन भक्तजन अपने घरों और पंडालों में गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करेंगे।
धार्मिक मान्यता है कि गणपति जी की सही विधि से स्थापना करने पर घर में सुख-समृद्धि, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है। वहीं, वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसे नियम बताए गए हैं जिनका ध्यान न रखने पर अनचाहे परिणाम भी मिल सकते हैं।
आइए जानते हैं प्रतिमा स्थापना से जुड़े ये जरूरी वास्तु नियम :-
🪔 गणेश प्रतिमा का आकार
घर में स्थापित करने के लिए हमेशा मध्यम आकार की प्रतिमा ही चुनी जानी चाहिए। न तो बहुत छोटी और न ही अत्यधिक बड़ी मूर्ति घर के लिए उपयुक्त मानी जाती है। बड़ी प्रतिमाएं आमतौर पर पंडालों और सार्वजनिक आयोजनों के लिए रखी जाती हैं, जबकि घर में मध्यम आकार की मूर्ति सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है।
🌿 सूंड की दिशा पर दें ध्यान
गणपति जी की मूर्ति चुनते समय उनकी सूंड की दिशा सबसे अहम होती है। वास्तु के अनुसार, घर में बाईं ओर मुड़ी सूंड (वामवर्ती गणपति) की प्रतिमा रखना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि यह घर में सफलता, समृद्धि और सुख-शांति का आगमन कराती है।
🙏 भगवान गणेश की मुद्रा
गणपति जी की बैठी हुई मुद्रा (बैठे हुए गणेश जी) को घर में रखना अत्यंत शुभफलदायी माना गया है। ऐसी प्रतिमा से घर में स्थिरता, शांति और खुशहाली बनी रहती है।
वहीं, पंडालों या सार्वजनिक स्थलों के लिए खड़े हुए या नृत्य करते हुए गणपति की प्रतिमाएं स्थापित करना शुभ होता है।
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🍬 मोदक और मूषक का होना आवश्यक
गणेश जी का प्रिय भोग मोदक और उनका वाहन मूषक (चूहा) होता है। इसलिए प्रतिमा चुनते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मूर्ति में यह दोनों तत्व अवश्य हों। वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऐसी प्रतिमा घर में रखने से विशेष शुभता और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
🎨 प्रतिमा के रंग का महत्व
प्रतिमा के रंग का भी घर की ऊर्जा पर असर पड़ता है। वास्तु के अनुसार, घर के लिए सफेद रंग की गणेश प्रतिमा सबसे शुभ मानी जाती है क्योंकि यह शांति और पवित्रता का प्रतीक है। इसके अलावा, सिंदूरी रंग की प्रतिमा भी घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने वाली मानी जाती है।
✨ निष्कर्ष
गणेश चतुर्थी केवल उत्सव नहीं बल्कि आस्था, भक्ति और परंपरा का संगम है। अगर इस पावन अवसर पर गणपति बप्पा की प्रतिमा लाते समय इन वास्तु नियमों का पालन किया जाए तो न केवल घर का वातावरण सकारात्मक होगा बल्कि सुख, समृद्धि और सौभाग्य का वास भी होगा।