Manish-Gupta-death-post-mortem-report-exposed-Gorakhpur-police-false story
गोरखपुर पुलिस(Gorakhpur-police)की बर्बरता की कहानी बयां करता मनीष गुप्ता की मौत का मामला मीडिया में आने बाद अब और तूल पकड़ता जा रहा है।
UP की गोरखपुर पुलिस की पिटाई से कानपुर(Kanpur)के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत(Manish-Gupta-death) हो गई है।
मृतक की पत्नी की तहरीर पर भले ही 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ भले ही मर्डर का केस फाइल हो गया (Murder case filed against 6 policemen)हो,लेकिन गिरफ्तारी अभी तक किसी की नहीं हुई है।
दूसरी ओर मृतक के परिवार की ओर से मीडिया में वायरल कथित वीडियो से भी पता चल रहा है कि गोरखपुर पुलिस इस मामले में कुछ आरोपियों को बचाने की जुगत में है।
इसी दौरान पुलिस की बर्बर पिटाई से मरे मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने गोरखपुर पुलिस के झूठ का पर्दाफाश कर दिया(Manish-Gupta-death-post-mortem-report-exposed-Gorakhpur-police-false story) है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट(Manish Gupta post mortem report)में पता चला है कि मनीष के सिर, चेहरे और शरीर पर गंभीर चोट के निशान हैं।
मनीष के सिर के अगले हिस्से पर तेज प्रहार किया गया, जिससे उनके नाक के पास से खून बह रहा था।
हालांकि, पुलिस ने घटना के बाद अपने पहले बयान में इसे हादसे में हुई मौत बताया था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ(Yogi AdityaNath)ने मृतक परिवार को 10 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने का एलान(CM announces Rs.10 Lakh compensations)किया है।
लेकिन मृतक की पत्नी 6पुलिसकर्मियों को कड़ी से कड़ी सजा मर्डर की धारा में देने की गुहार लगा रही है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अपराधियों की चेकिंग के दौरान थाना रामगढ़ताल की पुलिस एक होटल में गई।
वहां पर एक कमरे में तीन संदिग्ध युवक अलग-अलग शहर से आए थे।
इस सूचना पर पुलिस होटल मैनेजर को साथ में लेकर कमरे की चेकिंग करने गई, जहां पर हड़बड़ाहट में एक युवक (मनीष) की कमरे में गिरने से चोट गई।
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इसके बाद पुलिस ने तत्काल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
जानें क्या है पूरा मामला?
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बता दें कि मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों हरदीप सिंह चौहान और प्रदीप सिंह चौहान के साथ सोमवार सुबह गोरखपुर घूमने गए थे।
यहां ये लोग होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहरे थे। हरदीप ने बताया कि सोमवार रात 12:30 बजे पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची।
मनीष को सोते हुए जगाया तो उन्होंने पूछा इतनी रात में चेकिंग किस बात की हो रही है। क्या हम आतंकी हैं? इस पर पुलिस वालों ने उसे पीटना शुरू दिया।
इसके बाद घायल मनीष को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अंतिम संस्कार 53 घंटे बाद हुआ
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मनीष गुप्ता का अंतिम संस्कार मौत के 53 घंटे बाद गुरुवार सुबह हुआ। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने को अड़े पीड़ित परिजन मनीष का अंतिम संस्कार नहीं कर रहे थे।
फिर, बुधरात देर रात कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण समेत कई आला अधिकारी मनीष के घर पहुंचे और उनकी पत्नी मीनाक्षी से बात की।
इस दौरान असीम अरुण ने कहा कि गुरुवार को परिवार की सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कराई जाएगी, जिसके बाद पीड़ित परिजनों मनीष के अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए।
मनीष गुप्ता मां-बाप के इकलौते बेटे थे
मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने बताया कि 8 साल पहले वर्ष 2013 में उनकी शादी हुई थी। मनीष रियल इस्टेट का काम करते थे।
परिवार में बीमार ससुर के अलावा उनका 4 साल का एक बेटा अभिराज है। सास का पहले ही देहांत हो चुका है।
मनीष की तीन बहनें हैं, उनकी शादी हो चुकी है। मीनाक्षी ने बताया कि सोमवार देर रात में फोन पर बात के बाद लगा कि शायद सब कुछ ठीक हो गया होगा, लेकिन मंगलवार सुबह करीब 5 बजे फोन पर पता चला पति अब इस दुनिया में नहीं हैं।