breaking_newsHome sliderचटपट चुटकले व शायरीशायरी

शायरी : ज़िन्दगी गुज़रने लगी है.. अब तो किश्तों पर..! पचास ग्राम का मोबाइल.. भारी पड़ गया है.. सभी रिश्तो पर..

(1)जिंदगी तेरी नाराजगी से क्या होगा…

मेरी मुस्कुराहट मेरी आदत में शामिल हैं…..

(2) दर्द सबके एक है,
मगर हौंसले सबके अलग अलग है,
कोई हताश हो के बिखर गया
तो कोई संघर्ष करके निखर गया !

(3) कुछ चीज़े ‘कमजोर’ की हिफाज़त में भी ‘महफूज़’ रहती हैं,
जैसे ‘मिटटी की गुल्लक’ में ‘लोहे के सिक्के…!
बशर्ते विश्वास होना चाहिए

(4) ज़िन्दगी गुज़रने लगी है..
अब तो किश्तों पर..!

पचास ग्राम का मोबाइल..
भारी पड़ गया है..
सभी रिश्तो पर..

(5) दर्द कितना खुशनसीब है जिसे
पा कर लोग अपनों को याद
करते है, दौलत कितनी
बदनसीब है जिसे पा कर लोग
अक्सर अपनों को भूल जाते है…

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button