Jammu-Kashmir:कश्मीरी पंडित को सरकारी ऑफिस में घुस आतंकियों ने गोली मारी
जम्मू-कश्मीर में आतंकी, इन दिनों कश्मीरी पंडितों(Kashmiri Pandits) सहित अल्पसंख्यक समुदाय और प्रवासी मजदूरों(migrant workers)को निशाना बना रहे हैं।
श्रीनगर: भले ही सरकार ने जम्मू-कश्मीर(Jammu-Kashmir) से धारा 370 हटा(Article 370 remove) ली हो लेकिन कश्मीरी पंडितों(Kashmiri Pandits)पर आतंकवादियों के हमले थमने का नाम नहीं ले रहे।
जम्मू-कश्मीर के बड़गाम जिले में आतंकवादियों ने गुरुवार को एक कश्मीरी पंडित राहुल भट की गोली मारकर हत्या कर(Jammu-Kashmir-Kashmiri-Pandit-Rahul-Bhat-shot-by-terrorists) दी।
इस घटना के बाद से रूष्ट समुदाय ने अपना विरोध दर्ज करवाने के लिए आज राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया।
आतंकियों ने कश्मीरी पंडित की गोलियों से भूनकर हत्या सरकारी ऑफिस में घुसकर की है। इसे टारगेटेड किलिंग की घटना माना जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बडगाम जिले के चदूरा इलाके में संदिग्ध आतंकवादियों(Terrorists)ने गुरुवार को एक सरकारी कर्मचारी, राहुल भट को उसके कार्यालय में घुसकर गोली मारकर घायल कर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि बंदूकधारी चदूरा इलाके में स्थित तहसील कार्यालय में दाखिल हुए और लिपिक राहुल को गोली मार दी।
कश्मीरी पंडित राहुल को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां बाद में उसकी मौत हो(Jammu-Kashmir-Kashmiri-Pandit-Rahul-Bhat-shot-by-terrorists)गई।
कश्मीर जोन पुलिस ने ट्वीट में लिखा, “आतंकियों ने बडगाम के चंदूरा के तहसीलदार ऑफिस में अल्पसंख्यक समुदाय के राहुल भट नाम के कर्मचारी को गोली मार दी।
उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल अवस्था में उन्हें श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया,जहां उन्होंने मौत के आगे घुटने टेक(Jammu-Kashmir-Kashmiri-Pandit-Rahul-Bhat-shot-by-terrorists)दिए।
सेना के अधिकारियों ने हाल ही में बताया है कि जम्मू-कश्मीर(Jammu-Kashmir) में फिलहाल कम से कम 168 आतंकवादी सक्रिय हैं जबकि 75 आतंकवादी इस साल मुठभेड़ में मारे गए हैं।
जानकारी के अनुसार,उन्होंने बताया कि मारे गए आतंकवादियों में 21 विदेशी थे. उन्होंने बताया कि गत 11 महीने में, नियंत्रण रेखा (LoC) के पास ही मुठभेड़ों में आतंकवादियों का सफाया किया गया और घुसपैठ की 12 कोशिशें नाकाम की गईं।
सेना के वरिष्ठ अधिकारी नेकहा, ‘‘गहन अभियान (आतंकवाद रोधी) तब तक पूरी ताकत से चलेगा जब तक कि बाकी बचे करीब 168 आतंकवादी आत्मसमर्पण नहीं कर देते या मारे जाते हैं।”
Sonal: सोनल कोठारी एक उभरती हुई जुझारू लेखिका है l विभिन्न विषयों पर अपनी कलम की लेखनी से पाठकों को सटीक जानकारी देना उनका उद्देश्य है l समयधारा के साथ सोनल कोठारी ने अपना लेखन सफ़र शुरू किया है l विभिन्न मीडिया हाउस के साथ सोनल कोठारी का वर्क एक्सपीरियंस 5 साल से ज्यादा का है l