कर्नाटक के DGP प्रवीण सूद बनाये गए नए CBI Director,दो साल का होगा कार्यकाल,जानें सबकुछ

आपको बता दें कि वर्तमान सीबीआई डायरेक्टर सुबोध कुमार जायसवाल का कार्यकाल इसी महीने 25 मई को खत्म हो रहा है और इसी दिन प्रवीण सूद नए सीबीआई डायरेक्टर के रूप में पदभार ग्रहण कर सकते है।

प्रवीण सूद बने नए सीबीआई डायरेक्टर

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नई दिल्ली:1986 बैच के IPS अधिकारी और कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद(Praveen Sood) को रविवार को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन(CBI)का नया डायरेक्टर नियुक्त किया गया(Karnataka-DGP-IPS-Officer-Praveen-Sood-appointed-as-new-CBI-director)है।

प्रवीण सूद अगले दो सालों के लिए सीबीआई के नए डायरेक्टर पद पर(Praveen-Sood-appointed-as-new-CBI-director-for-next-two-years)रहेंगे।

आपको बता दें कि वर्तमान सीबीआई डायरेक्टर सुबोध कुमार जायसवाल का कार्यकाल इसी महीने 25 मई को खत्म हो रहा है और इसी दिन प्रवीण सूद नए सीबीआई डायरेक्टर के रूप में पदभार ग्रहण कर सकते है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Modi)की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय चयन समिति ने कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद को नया सीबीआई डायरेक्टर नियुक्त किया है।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023(Karnataka Assembly Polls 2023) में कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद केंद्र द्वारा प्रवीण सूद को सीबीआई का नया डायरेक्टर नियुक्त करना बड़ा सियासी दांव साबित होने वाला है। यह कहना है एक्सपर्ट्स का।

राजनीतिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि दरअसल,प्रवीण सूद(Praveen Sood)पर कर्नाटक का डीजीपी रहते हुए आरोप लगे है कि वह राज्य में भाजपा सरकार के एजेंट की तरह काम करते रहे है

और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ केस बनाते रहे है और अब जब कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है तो ऐसे में प्रवीण सूद को केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई का नया डायरेक्टर बनाना(Karnataka-DGP-IPS-Officer-Praveen-Sood-appointed-as-new-CBI-director)आने वाले समय में कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं के लिए खासा सिरदर्द बनने वाला है।

जनवरी 2020 में 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी अशित मोहन प्रसाद को पछाड़ते हुए 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी सूद को  कर्नाटक डीजीपी नियुक्त किया गया था।

 

 

 

 

कौन है प्रवीण सूद ?-Who Is Praveen Sood

सूद ने IIT दिल्ली से स्नातक किया, और पुलिस में शामिल होने के बाद, 1989 में सहायक पुलिस अधीक्षक (Mysore) के रूप में अपना करियर शुरू किया।

बाद में उन्होंने पुलिस उपायुक्त (कानून और कानून) के रूप में बेंगलुरु शहर में स्थानांतरित होने से पहले बेल्लारी और रायचूर के एसपी के रूप में कार्य किया।

1999 में, वह तीन साल के लिए मॉरीशस सरकार के पुलिस सलाहकार के रूप में एक विदेशी प्रतिनियुक्ति पर गए जहां उन्होंने यूरोपीय और अमेरिकी पुलिस के साथ मिलकर काम किया।

सूद का एक ब्लॉग पेज है और उन्होंने उल्लेख किया कि 2003 में, उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान, बैंगलोर और मैक्सवेल स्कूल ऑफ गवर्नेंस, सिरैक्यूज़ विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क से सार्वजनिक नीति और प्रबंधन में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए विश्राम लिया।

“वह 2004 से 2007 तक मैसूर शहर के पुलिस आयुक्त के रूप में तैनात थे। उन्होंने मैसूर में अपने कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान मूल के आतंकवादियों की गिरफ्तारी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

इसके बाद साल 2008 से 2011 तक सूद ने बेंगलुरु के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ट्रैफिक का पदभार(Karnataka-DGP-IPS-Officer-Praveen-Sood-appointed-as-new-CBI-director)संभाला। 

सूद को वर्ष 2013 में कर्नाटक राज्य पुलिस आवास निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर नियुक्त किया गया था। उन्होंने केवल नौ महीनों में ही कंपनी का कारोबार ₹160 करोड़ से बढ़ाकर ₹282 करोड़ कर दिया। 

उन्होंने राज्य की राजधानी बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त के रूप में भी काम किया है और उन्हें संकट में लोगों के लिए ‘नम्मा 100’ आपातकालीन रेस्पॉन्स सिस्टम स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है। उनके इस काम को लेकर उस समय वह काफी चर्चा में भी रहे थे।

प्रवीण सूद ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के लिए पुलिस आयुक्त के रूप में भी काम किया है। सूद एक अत्यधिक सम्मानित अधिकारी हैं। उन्हें 1996 में सेवा में उत्कृष्टता के लिए मुख्यमंत्री स्वर्ण पदक दिया गया।

वहीं साल 2002 में सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक मिला और 2011 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। 

IPS अधिकारी प्रवीण सूद कर्नाटक के डीजीपी रहे है। वह मार्च के महीने में तब सुर्खियों में आ गए जब कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने उन पर आरोप लगाया कि वह राज्य में भाजपा सरकार का साथ दे रहे है।

डी।के शिवकुमार ने इस बात का दावा करते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक(DGP) की गिरफ्तारी की भी मांग की थी कि वह कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज कर रहे हैं।

सीबीआई चीफ के लिए शनिवार को सिलेक्शन कमेटी की मीटिंग हुई थी, जिसमें तीन नामों को शॉर्टलिस्ट किया गया था।
इस बैठक में प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस (CJI)और लोकसभा में विपक्ष नेता शामिल थे। इसमें प्रवीण सूद के अलावा मध्य प्रदेश के DGP सुधीर सक्सेना और सीनियर IPS ताज हासन का नाम शॉर्टलिस्ट किया गया था।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी CBI की स्थापना के 60 साल पूरे होने के डायमंड जुबली प्रोग्राम में शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री ने अपने 25 मिनट के संबोधन में CBI के 6 दशक के सफर और आगे आने वाली चुनौतियों को लेकर बात की थी।
उन्होंने CBI से कहा था, ‘आपको कहीं पर भी रुकने की जरूरत नहीं है। मैं जानता हूं आप जिनके खिलाफ एक्शन ले रहे हैं वे बेहद ताकतवर लोग हैं, बरसों तक वे सरकार और सिस्टम का हिस्सा रहे हैं।
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Varsa: वर्षा कोठारी एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। वर्षा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।