know why Ganapati is established in Ganesh festival
मुंबई (समयधारा) : देशभर में हर साल धूमधाम से गणेश चतुर्थी और गणेश उत्सव मनाया जाता है।
हर साल लोग अपने घर में गणपति की स्थापना करते हैं।
महाराष्ट्र में इस त्यौहार को सबसे ज्यादा धूमधाम में मनाया जाता है, ठीक ऐसे जैसी दीपावली मनाई जाती है।
लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि गणेश उत्सव 10 दिनों का क्यों होता है?
या फिर गणेश उत्सव के दौरान गणपति की स्थापना क्यों की जाती है? जी हां, इसके पीछे भी पुराणों में कई कथाएं शामिल हैं।
चलिए जानते हैं गणेश उत्सव की स्थापना और गणेश चतुर्थी के बारे में कुछ अहम बातें।
ये है पौराणिक कथा-
ये तो बहुत से लोग जानते हैं कि भगवान गणेश को ज्ञान का देवता भी कहा जाता है।
कहते हैं जितना तेज वो लिख सकते थे उतना कोई और नहीं लिख सकता है।
गणेश जी के इसी गुण के कारण महर्षि वेद व्यास जी ने उनसे महाभारत लिखवाई थी।
पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक, बेशक महर्षि वेद व्यास जी ने महाभारत की रचना की है
लेकिन महाभारत का लेखन कार्य गणेश जी ने किया है।
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ऐसा कहा जाता है कि जब महर्षि वेद व्यास जी ने भगवान गणेश जी से महाभारत लिखने के कार्य के लिए पूछा था,
तो भगवान गणेश ने हामी भर दी थी। महाभारत के लेखन का कार्य शुरू होने के बाद 10 दिनों तक लगातार चला।
महर्षि वेद व्यास महाभारत की कथा बोलते गए और भगवान गणेश उसे ग्रंथ स्वरूप लिखते गए।
इसीलिए मनाई जाती है गणेश चतुर्थी :
बिना रूके 10 दिन तक लेखन कार्य के बाद गणेश जी को बहुत ज्यादा थकान हो गई थी।
गणेश जी की ऐसी स्थिति को देखकर महर्षि वेद व्यास जी ने गणेश जी के पूरे शरीर पर मिट्टी से लेप लगाकार उनकी खूब पूर्जा अर्चना की,
ऐसा इसीलिए किया ताकि भगवान गणेश के शरीर का तापमान सामान्य रहे। know why Ganapati is established in Ganesh festival
इसी दिन को अब गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार, ये भी माना जाता है कि
चतुर्थी के दिन ही महाभारत के लेखन का कार्य संपन्न हुआ था और उसी के बाद भगवान के शरीर पर लेप लगाकर उनकी पूजा की गई थी।
इसीलिए की जाती है गणपति की स्थापना :
जब महर्षि वेद व्यास जी ने गणेश जी के शरीर पर लेप लगाया था तो,
इससे गणेश जी का शरीर बहुत ज्यादा अकड़ गया जिससे गणेश जी को नया नाम पार्थिव गणेश भी मिला।
हालांकि अकड़न के साथ ही गणेश जी के शरीर का तापमान बहुत बढ़ता जा रहा था।
ऐसे में महर्षि व्यास जी ने 10 दिन तक गणेश जी की खूब आवभगत की और उन्हें उनके पसंदीदा व्यंजन भी खिलाएं।
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10 वें दिन गणपति जी को शीतल सरोवर में नहलाया जिससे वे प्रसन्न हो गए और ठीक हो गए।
ऐसे में गणेश जी की महर्षि व्यास द्वारा की गई 10 दिनों की आवभगत को भक्तजन गणपति उत्सव की तरह मनाते हैं।
इतना ही नहीं, पूरे विधि विधान के साथ भक्त जन गणेश जी की स्थापना करते हैं, उनके पसंदीदा व्यंजन बनाते हैं
और उनकी आवभगत करते हैं जिससे गणपति जी उनसे भी प्रसन्न हो और उनकी मुरादें पूरी करें।