Maternity Leave:मातृत्व अवकाश 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने हो:नीति आयोग के सदस्य

आपको बता दें कि मौजूदा वक्त में सरकारी और निजी कंपनियों में मातृत्व अवकाश(Maternity Leave)की अवधि 26 हफ्ते यानी करीब 6 महीने निर्धारित हैं।

मातृत्व अवकाश 9 होना चाहिए-वीके पॉल

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नई दिल्ली:देश में सरकारी और निजी कंपनियों में कार्यरत महिला कर्मचारियों(Women Employees)के लिए मातृत्व अवकाश की अवधि 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने की जानी चाहिए। यह कहना है नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल(Maternity-Leave-should-increase-to-9-months-proposed-NITI-Aayog-Member)का।

वीके पॉल ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए अपनी महिला कर्मचारियों को प्रदान की जाने वाली मैटरनिटी लीव(Maternity-Leave)को बढ़ाएं जाने की वकालत की है। 

आपको बता दें कि मौजूदा वक्त में सरकारी और निजी कंपनियों में मातृत्व अवकाश(Maternity Leave)की अवधि 26 हफ्ते यानी करीब 6 महीने निर्धारित हैं।

महिला कर्मचारियों को यह अवकाश, उनके प्रेग्नेंट(Pregnancy )होने से लेकर शिशु के जन्म होने के बाद तक की समयावधि के बीच प्रदान की जाती है।

नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि भारत के सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में मातृत्व अवकाश को छह महीने से बढ़ाकर नौ महीने किया जाना(Maternity-Leave-should-increase-to-9-months-proposed-NITI-Aayog-Member-to-govt-private-sectors)चाहिए।

पॉल ने एक सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए अपने कर्मचारियों को प्रदान किए जाने वाले मातृत्व अवकाश को बढ़ाने पर विचार करने की वकालत(Maternity-Leave-should-increase-to-9-months-proposed-NITI-Aayog-Member)की।

मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक, 2016 को 2017 में संसद द्वारा पारित किया गया था, जो पहले 12 सप्ताह से 26 सप्ताह के भुगतान वाले मातृत्व अवकाश का हकदार था।

1961 का भारतीय मातृत्व लाभ अधिनियम(The Indian Maternity Benefit Act of 1961) निर्धारित करता है कि नई माताएँ अपने पहले दो बच्चों के लिए छह महीने या 26 सप्ताह का सवैतनिक अवकाश लेने की हकदार हैं।

प्रत्येक बाद के बच्चे के लिए, माँ तीन महीने या 12 सप्ताह की छुट्टी ले सकती है, जिसका पूरा भुगतान भी नियोक्ता द्वारा किया जाता है।

अब नीति आयोग (NITI Aayog) के सदस्य VK पॉल(VK Paul)की सलाह से इस बात की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है कि आने वाले समय में मातृत्व अवकाश की अवधि 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने की जा सकती(Maternity-Leave-should-increase-to-9-months-proposed-NITI-Aayog-Member)है।

VK पॉल का कहना है कि पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर की महिला कर्मियों के लिए मातृत्व अवकाश की अवधि 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने करने पर विचार करना चाहिए।

फिक्की महिला संगठन (FLO) ने पॉल के हवाले से एक बयान में कहा, ‘निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को एक साथ बैठकर माताओं के मातृत्व अवकाश को छह महीने से बढ़ाकर नौ महीने करने के बारे में सोचने की जरूरत(Maternity-Leave-should-increase-to-9-months-proposed-NITI-Aayog-Member)है।’

 

 

 

 

 

 

नीति आयोग की मदद करें प्राइवेट सेक्टर

नीति आयोग के सदस्य VK पॉल ने कहा, ‘प्राइवेट सेक्टर को बच्चों की बेहतर परवरिश सुनिश्चित करने के लिए और अधिक क्रेच (Creche) खोलने चाहिए।

उन्हें बच्चों और जरूरतमंद बुजुर्गों की समग्र देखभाल की व्यवस्था तैयार करने में नीति आयोग की मदद करनी चाहिए।’

उन्होंने कहा कि देखभाल के लिए भविष्य में लाखों कर्मियों की जरूरत होगी, इसलिए व्यवस्थित ट्रेनिंग सिस्टम विकसित करने की आवश्यकता है।

 

 

 

 

 

 

केयर इकोनॉमी अहम सेक्टर

FLO की अध्यक्ष सुधा शिवकुमार ने कहा कि ‘वैश्विक स्तर पर देखभाल’ की अर्थव्यवस्था यानी केयर इकोनॉमी एक अहम सेक्टर है जिसमें देखभाल करने और घरेलू कार्य करने वाले वैतनिक-अवैतनिक कर्मी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि ये सेक्टर आर्थिक विकास, लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देता है. इस काम को ग्लोबल स्तर पर कम आंका गया है।’

सुधा शिवकुमार ने आगे कहा, ‘भारत में बड़ी खामी है कि हमारे पास देखभाल अर्थव्यवस्था से जुड़े कर्मियों की ठीक से पहचान करने की कोई प्रणाली नहीं है और अन्य देशों की तुलना में ‘देखभाल अर्थव्यवस्था’ पर भारत का सार्वजनिक खर्च बहुत कम है।

 

 

 

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(इनपुट एजेंसी से भी)

Radha Kashyap: