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गणेशोत्सव 2021 पर फिर कोरोना की मार,2/4 फुट से ज्यादा ऊंची मूर्ति नहीं

गणपति के आगमन और विसर्जन की शोभायात्रा निकालने पर प्रतिबंध लगा

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ganesh chaturthi 2021 news updates in hindi

नई दिल्ली (समयधारा) : देश भर में अब तीसरी लहर की सुगबुगाहट की चर्चा जोरों पर है l

जिसके चलते पहले से ही कई कड़े कदम कई राज्य उठा रहे है l

कोरोना महामारी की सबसे ज्यादा मार सहने वाले राज्य महाराष्ट्र में भी इसके लिए कमर कस ली है l

जिसके चलते पिछले साल की तरह इस साल भी गणेशोत्सव सादगी मनाये जाने के दिशानिर्देश दिये गये हैं।

तीसरी लहर की संभावना के चलते गणेशोत्सव को सादगी मनाना होगा।

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इसके तहत घरेलू गणपति की मूर्ति 2 फुट और सार्वजिनक गणपति की मूर्ति 4 फुट से ज्यादा ऊंची नहीं होगी।

इसके अलावा गणपति के आगमन और विसर्जन पर भी शोभायात्रा निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

वहीं भाजपा ने कोरोना और गणेशमूर्ति की ऊंचाई के बीच क्या संबंध है ऐसा कहते हुए प्रतिबंधों पर पुनर्विचार करने की मांग की है।

गणेशोत्सव के संबंध में महाराष्ट्र के गृह विभाग ने मार्गदर्शक सूचना जारी की है और कोरोना नियंत्रण के लिए राज्य में लागू किये गये,

प्रतिबंधों में गणेशोत्सव के दौरान कोई भी प्रकार की शिथिलता नहीं दी जाये ऐसा स्पष्ट निर्देश पालिका और जिला प्रशासन को दिया गया है।

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इतना ही नहीं गणेशोत्सव मंडलों को महानगरपालिका, स्थानीय प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी होगी और उनके नियमों के अनुसार उत्सव ही मनाना होगा।

मूर्ति की ऊंचाई के संबंध में नियमावली बनाई गई है और दिखावा एवं भीड़ टालने के लिए ऐसे निर्देश दिये गये हैं।

इसके साथ ही पर्यावरण अनुकूल गणेशोत्सव मनाने का आग्रह भी किया गया है।

लोकसत्ता में छपी खबर के मुताबिक इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रम की बजाय स्वास्थ्यसंबंधी कार्यक्रम, रक्तदान शिविर का आयोजन करने को प्राथमिकता देनी चाहिए।

इसके द्वारा कोरोना, मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों की रोकथाम के उपाय के साथ ही स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने का अनुरोध गणेशोत्सव मंडलों से किया गया है।

इसके अलावा आरती और अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान भीड़ न हो इसका भी ख्याल रखना होगा।

 

Dharmesh Jain

धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।