new epf rules will be implemented from 1st april 2021 epf rule change all you should know
नई दिल्ली (समयधारा) : EPF-VPF के नियमों में बड़े बदलाव होने वाले है l
कई सारे पुराने नियमों की जगह अब नए नियम लागू हो जायेंगे l
जैसे की EPF, VPF और इग्जेम्प्टेड प्रोविडेंट फंड ट्रस्ट्स के ब्याज पर इनकम टैक्स में छूट मिली हुई है l
लेकिन 1 अप्रैल से PF से जुड़ा यह नियम बदलने वाला है। आपका PF कंट्रीब्यूशन कितना ही अधिक क्यों न हो।
अब 1 अप्रैल 2021 से एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड (EPF) और वॉलेन्टरी प्रोविडेंट फंड (VPF) के नियमों में बदलाव होने जा रहा है
दरअसल, आम बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने EPF में 2.50 लाख रुपये से अधिक सालाना जमा करने को टैक्सेबल बना दिया।
इसका मतलब यह है कि एक साल में 2.5 लाख रुपये से ऊपर के प्रोविडेंट फंड कॉन्ट्रीब्यूशन पर मिलने वाली ब्याज पर अब नॉर्मल रेट्स से इनकम टैक्स लिया जाएगा।
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हालांकि, यह केवल कर्मचारियों के कॉन्ट्रीब्यूशन पर लागू होगा, एंप्लॉयर (कंपनी) के योगदान पर नहीं।
बजट 2021 के इस नए प्रावधान का सीधा असर हाई-इनकम सैलरी वाले लोगों पर पड़ेगा, जो कि टैक्स-फ्री इंटरेस्ट के लिए VPF का इस्तेमाल करते हैं।
EPF Act के तहत कर्मचारी और कंपनी का योदगान बेसिक सैलरी का 12 फीसदी तय किया गया है।
हालांकि, कर्मचारी स्वैच्छिक रूप से इस अमाउंट से ज्यादा का योदगान VPF में कर सकते हैं। CPF में योगदान की कोई ऊपरी लिमिट नहीं है।
इसका इस्तेमाल कर्मचारी टैक्स छूट के लिए करते हैं। लेकिन अब यह नियम बदलने जा रहा है।
केंद्र सरकार का दावा है कि इससे एक प्रतिशत से भी कम कर्मचारी प्रभावित होंग।
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सरकार का कहना है कि जो लोग EPF में सालाना 2.5 लाख से अधिक का योगदान कर रहे हैं, उनकी संख्या 1% से भी कम है।
आपको बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के अंशधारकों की संख्या छह करोड़ से अधिक है।
सरकार ने राजस्व घाटे (Revenue Deficit) की भरपाई के लिए यह कदम उठाया है।
सरकार के इस कदम से वैसे कर्मचारी सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे जिनकी सालाना कमाई 20.83 लाख रुपये से अधिक है।
इस नए नियम से VPF में पैसे जमा करेन वालों का संख्या में कमी आने की आशंका है, क्योंकि अधिकतर लोग टैक्स सेविंग के लिए VPF में इंवेस्ट करते हैं।