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बैंक डूबेगा पर पैसा नहीं, खाताधारकों को मिलेगे 90 दिन में पैसे वापस

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई मीटिंग में डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DIGC) बिल और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप अमेंडमेंट बिल को अनुमति दे दी गई है.

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stressed bank will give money account holders will get money back in 90 days 

नई दिल्ली (समयधारा) :  देशभर में मोदी सरकार ने आम लोगों की पैसों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया हैl

मोदी सरकार ने बैंक में आपके पैसों को पूरी सुरक्षा देने के लिए कल दो बिलों को अनुमति दे दी है l 

येस बैंक, लक्ष्मी विलास बैंक और पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक जैसे बैंकों से परेशान ग्राहकों के लिए मोदी सरकार राहत लाने वाली है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई मीटिंग में डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DIGC) बिल

और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप अमेंडमेंट बिल को अनुमति दे दी गई है।

अब इस बिल को संसद में रखा जाएगा। इस बिल के मुताबिक बैंक के डूबने पर भी बीमा के तहत सेविंग अकाउंट होल्डर्स को 90 दिन के अंदर पैसा मिल जाएगा।

यानी बैंक डूबने पर भी आपका पैसा नहीं डूबेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि,

DIGC बिल के तहत किसी बैंक के मोराटोरियम  के तहत होने पर भी 5 लाख रुपये तक के डिपॉजिट का इंश्योरेंस होगा।

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इसमें सभी बैंकों में किसी भी प्रकार के 5 लाख रुपये तक के डिपॉजिट पर ग्राहकों को इंश्योरेंस की सुरक्षा मिलेगी।

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सरकार इस बिल को मानसून सत्र में संसद में पेश करेगी। इस संशोधन के पास होने से ग्राहकों का पैसा सुरक्षित होगा।

इस बिल के पास होने के बाद सेविंग अकाउंट होल्डर्स को बैंक के डूबने पर भी 90 दिनों के अंदर पैसा मिल जाएगा।

इस नियम के तहत सभी प्राइवेट, सरकारी और कोऑपरेटिव बैंक आएंगे। इस नियम के तहत ग्रामीण बैंक भी आएंगे।

वित्त मंत्री ने बताया कि इस तहर के इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम बैंक देता है।

हाल के वर्षों में कुछ को-ऑपरेटिव बैंकों के दिवालिया होने से इनके डिपॉजिटर्स को बड़ा नुकसान हुआ था।

इसी के मद्देनजर डिपॉजिट पर इंश्योरेंस देने का फैसला किया गया है।

सीतारमण ने बताया कि बैंक के मोराटोरियम के तहत होने पर ही यह उपाय लागू होगा।

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मुश्किल में फंसे बैंक को पहले 45 दिनों में इंश्योरेंस कॉरपोरेशन को सौंपा जाएगा।

रिजॉल्यूशन का इंतजार किए बिना 90 दिनों के अंदर प्रोसेस को पूरा कर लिया जाएगा।

इससे मोराटोरियम का सामना कर रहे बैंकों को राहत मिलेगी। इसमें सभी डिपॉजिट में से 98.3 प्रतिशत कवर हो जाएंगे।

सीतारमण ने बताया कि डिपॉजिट की वैल्यू के लिहाज से यह 50 प्रतिशत से अधिक कवरेज होगी।

shweta sharma

श्वेता शर्मा एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। लेकिन अब अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। श्वेता शर्मा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।