supreme court on pegasus next hearing on 10th august
नई दिल्ली (समयधारा) : आखिरकार पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई l
सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी कांड पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए कहा कि अगर इसके बारे में मीडिया रिपोर्टें सही हैं तो जासूसी के आरोप गंभीर हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कथित पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई शुरू करते हुए यह बात कही l
वहीं, कपिल सिब्बल ने मामले को गंभीर बताते हुए सीजेआई से गुहार लगाई कि केंद्र को नोटिस जारी किया जाए।
फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 10 अगस्त को करेगा।
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चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एन वी रमण और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने शुरू में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया
और वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कुछ सवाल पूछे।
सीजेआई ने कहा कि इस सब में जाने से पहले, हमारे कुछ सवाल हैं। इसमें कोई शक नहीं, अगर रिपोर्ट सही है तो आरोप गंभीर हैं।
उन्होंने यह कहते हुए देरी का मुद्दा उठाया कि मामला 2019 में सामने आया था। सीजेआई ने कहा कि जासूसी की रिपोर्ट 2019 में सामने आई थी।
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मुझे नहीं पता कि क्या अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए कोई प्रयास किए गए थे। उन्होंने कहा कि वह यह नहीं कहना चाहते थे कि यह एक बाधा थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह प्रत्येक मामले के तथ्यों में नहीं जा रही है और अगर कुछ लोगों का दावा है कि
उनके फोन को इंटरसेप्ट किया गया था तो टेलीग्राफ अधिनियम है जिसके तहत शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
कपिल सिब्बल ने कहा कि मैं समझा सकता हूं। हमारे पास कई सामग्री तक पहुंच नहीं है।
याचिकाओं में फोन में सीधी घुसपैठ के 10 मामलों की जानकारी है।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे अपनी याचिका की प्रति केंद्र को दें। अब इस मामले की सुनवाई मंगलवार को होगी।
कथित पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच के अनुरोध वाली एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया
और वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा दायर याचिकाओं सहित नौ याचिकाओं पर फिलहाल सुनवाई चल रही है।
सुप्रीम कोर्ट में पेगासस जासूसी मामले को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई हैं
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और इन याचिकाओं में पेगासस जासूसी कांड की कोर्ट कि निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की गई है।
ये याचिकाएं इजराइली कंपनी एनएसओ के स्पाइवेयर पेगासस का उपयोग करके प्रमुख नागरिकों,
नेताओं और पत्रकारों पर सरकारी एजेंसियों द्वारा कथित तौर पर जासूसी की रिपोर्ट से संबंधित हैं।
एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने बताया है कि 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबर पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके निगरानी के संभावित लक्ष्यों की सूची में थे।