navratri-2022 fourth-day-of-maa-kushmanda puja-archna news updates in hindi
नई दिल्ली, 5 अप्रैल : नवरात्रि उत्सव का चौथा दिन और इस चौथे दिन का ‘मंगलवार’ को आना आपके सोये हुए भाग्य को जगाने का सुनहरा मौका देने वाला है l
सृष्टि की रचनाकार माँ कूष्माण्डा देवी जो सूर्यमंडल के भीतर के लोक में निवास करती है l
मंगलवार होने की वजह से इस देवी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है l
जो व्यक्ति सम्पूर्ण जगत में राज करना चाहता है l
Tuesday thoughts: दुनिया दारी छोड़ कर अपने लक्ष्य के पीछे भागते रहो…
या जिसकी इच्छा है की उसका तेज चारों दिशाओं में फैले उनके लिए नवरात्री का यह चौथा दिन एक लाटरी की टिकट की तरह आया है l
अगर आपने आज माँ कूष्माण्डा देवी को प्रसन्न कर लिया तो उनकी कृपा दृष्टी से आप जगत में मशहूर हो जायेंगे l
जब सृष्टि में जल-आकाश – पशु-पक्षी- आप और में नहीं थे l तब माँ कूष्माण्डा देवी ने ब्रह्मांड (सृष्टि) की रचना की थी। जब सृष्टि नहीं थी,
चारों तरफ अंधकार ही अंधकार था, तब इसी देवी ने अपने मुख के आलौकिक हास्य से ब्रह्मांड की रचना की थी।
इसीलिए इसे सृष्टि की आदि स्वरूपा या आदि शक्ति कहते है। यह ही सृष्टि की आदि-स्वरूपा, आदिशक्ति हैं।
Mosquito home remedy:पास भी नहीं फटकेंगे मच्छर,ये घरेलू उपाय करेंगे असर
इनका निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में है। वहाँ निवास कर सकने की क्षमता और शक्ति केवल इन्हीं में है।
इनके शरीर की कांति और प्रभाव भी सूर्य के समान ही दैदीप्यमान हैं।
इनके तेज और प्रकाश से दसों दिशाएँ प्रकाशित हो रही हैं। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में अवस्थित तेज इन्हीं की छाया है।
माँ की आठ भुजाएँ हैं। अतः ये अष्टभुजा देवी के नाम से भी विख्यात हैं। इनके सात हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प,
अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है। इनका वाहन सिंह है।
navratri-2022 fourth-day-of-maa-kushmanda puja-archna news updates in hindi
इस देवी का यह श्लोक पाठ करने से सब दुखों का हरण होता है और चारों दिशाओं में आपकी ख्याति फैलती है l
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च | दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे
माँ कूष्माण्डा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं। इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है।
माँ कूष्माण्डा बहुत ही कम सेवा और भक्ति से प्रसन्न होने वाली देवी हैं।
यदि मनुष्य सच्चे हृदय से इनका शरणागत बन जाए तो फिर उसे अत्यन्त सुगमता से परम पद की प्राप्ति हो सकती है।
इस दिन जहाँ तक संभव हो बड़े माथे वाली तेजस्वी विवाहित महिला का पूजन करना चाहिए।
उन्हें भोजन में दही, हलवा खिलाना श्रेयस्कर है। इसके बाद फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान भेंट करना चाहिए।
जिससे माताजी प्रसन्न होती हैं। और मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है।
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
इस मंत्र के जाप से माँ जगदम्बे व माँ कूष्माण्डा देवी बहुत जल्द प्रसन्न हो मनचाहा फल प्रदान करती है l
navratri-2022 fourth-day-of-maa-kushmanda puja-archna news updates in hindi