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नई दिल्ली (समयधारा ) : केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया l
वह 74 वर्ष के थे l उनके पुत्र चिराग पासवान ने ट्वीट कर यह जानकारी दी l
चिराग पासवान ने ट्वीट किया
पापा….अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं।
Miss you Papa…
राजनीति के मौसम वैज्ञानिक माने जाते थे रामविलास पासवान l वह इलेक्शन से पहले जिस पार्टी के साथ रहते थे वह पार्टी सत्ता में अवस्य आती थी l
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा
मैं शब्दों से परे दुखी हूं। हमारे राष्ट्र में एक शून्य पैदा हो गया है जो शायद कभी नहीं भरेगा।
श्री राम विलास पासवान जी का निधन एक व्यक्तिगत क्षति है। मैंने एक दोस्त, मूल्यवान सहयोगी और किसी को खो दिया है,
जो हर गरीब व्यक्ति को यह सुनिश्चित करने के लिए बेहद भावुक था कि वह गरिमा का जीवन जीते हैं।
श्री राम विलास पासवान जी ने कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के माध्यम से राजनीति में कदम रखा।
एक युवा नेता के रूप में, उन्होंने अत्याचार और आपातकाल के दौरान हमारे लोकतंत्र पर हमले का विरोध किया।
वह एक उत्कृष्ट सांसद और मंत्री थे, जिन्होंने कई नीतिगत क्षेत्रों में स्थायी योगदान दिया।
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साथ में काम करना, पासवान जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना एक अविश्वसनीय अनुभव रहा है।
मंत्रिमंडल की बैठकों के दौरान उनके हस्तक्षेप व्यावहारिक थे।
राजनीतिक ज्ञान, राज्य-कौशल से लेकर शासन के मुद्दों तक, वह प्रतिभाशाली थे। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना। शांति।
अमित शाह ने कहा
सदैव गरीब और वंचित वर्ग के कल्याण व अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले हम सबके प्रिय राम विलास पासवान जी के निधन से मन अत्यंत व्यथित है।
उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में हमेशा राष्ट्रहित और जनकल्याण को सर्वोपरि रखा। उनके स्वर्गवास से भारतीय राजनीति में एक शून्य उत्पन्न हो गया है।
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चाहे 1975 के आपातकाल के विरुद्ध संघर्ष करना हो या मोदी सरकार में कोरोना महामारी में गरीब कल्याण के मंत्र को सार्थक करना हो,
राम विलास पासवान जी ने इन सभी में अद्वितीय भूमिका निभाई है। कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहते हुए,
पासवान जी अपने सरल व सौम्य व्यक्तित्व से सबके प्रिय रहे।
भारतीय राजनीति व केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनकी कमी सदैव बनी रहेगी
और मोदी सरकार उनके गरीब कल्याण व बिहार के विकास के स्वपन्न को पूर्ण करने के लिए कटिबद्ध रहेगी।
मैं उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ और दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूँ। ॐ शांति
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया l
रामविलास पासवान जी के असमय निधन का समाचार दुखद है।
ग़रीब-दलित वर्ग ने आज अपनी एक बुलंद राजनैतिक आवाज़ खो दी। उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ।
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नितीश कुमार ने ट्वीट कर कहा
केंद्रीय मंत्री एवं लोकप्रिय राजनेता राम विलास पासवान जी के निधन से मुझे व्यक्तिगत तौर पर दुःख पहुंचा है।
उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।
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चलियें जानते है रामविलास पासवान की जिंदगी के बारे में l
रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 को खगड़िया के सुदूर देहात शहरबन्नी में हुआ था।
पिता जामुन पासवान की तीन संतानों में रामविलास सबसे बड़े थे, उसके बाद पशुपति पारस और रामचंद्र पासवान।
पिता ने तीनों भाइयों को काफी गरीबी में पाला था, लेकिन रामविलास शुरू से ही जुझारु थे,
उन्होंने शहरबन्नी से स्कूली पढ़ाई करने के बाद एमए और एलएलबी कर लिया।
इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की न सिर्फ तैयारी की बल्कि उसे क्रैक भी किया।
रामविलास का चयन डीएसपी के पोस्ट के लिए हुआ था। लेकिन शायद उन्हें कहीं और जाना था।
जब उनका चयन यूपीएससी में हुआ तभी वह समाजवादी नेता राम सजीवन के संपर्क में आए और राजनीति का रुख कर लिया।
1969 में वह अलौली विधानसभा से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और विधानसभा पहुंचे।
इसके बाद पासवान ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
इसके बाद 1974 में वो राज नारायण और जेपी के प्रबल अनुयायी के रूप में लोकदल के महासचिव बने।
वे व्यक्तिगत रूप से राज नारायण, कर्पूरी ठाकुर और सत्येंद्र नारायण सिन्हा जैसे आपातकाल के प्रमुख नेताओं के करीबी भी रहे।
उनकी शादी 1960 में राजकुमारी देवी के साथ हुई थी। बाद में 1981 में राजकुमारी देवी को तलाक देकर
उन्होंने दूसरी शादी 1983 में रीना शर्मा से की। उनकी दोनों पत्नियों से तीन पुत्रियां और एक पुत्र है।
उन्होंने कोसी कॉलेज, खगड़िया और पटना यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। पटना विश्वविद्यालय से उन्होंने एमए और लॉ ग्रेजुएट की डिग्री ली।
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