Covaxin-deal-with-Brazil-fraud-allegations-Congress-attacked-PM-Modi
नई दिल्ली:स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन एक्सपोर्ट डील ब्राजील(Covaxin-deal-with-Brazil)के साथ निलंबित होने के बाद से ही कांग्रेस पीएम मोदी और सरकार पर हमलावर(Congress-attacked-PM Modi)है।
चूंकि ब्राजील के साथ कोवैक्सीन एक्सपोर्ट डील में धांधली के आरोप लग रहे है।
कांग्रेस ने कहा है कि सरकारी हिस्सेदारी वाली इस वैक्सीन से जुड़ा सौदा ‘अनियमितता’ के घेरे में है। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र सरकार और स्वास्थ्य मंत्री को जवाब देना चाहिए।
पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह सवाल भी किया कि जब वैक्सीन के निर्यात पर पाबंदी लगा दी गई थी तो फिर ‘भारत बायोटेक’(Bharat Biotech) से जुड़े इस सौदे को जारी रखने की अनुमति कैसे दी गई?
ऐसे आरोप हैं कि भारत बायोटेक पहले ‘मेडिसिन बायोटेक’ को सस्ते में टीका बेचती थी और फिर मेडिसिन बायोटेक इसे आगे महंगे में बेचती थी। इसका मतलब ICMR का मुनाफा घटना था।
जानें क्या है पूरा मामला
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आईये समझते है कि ब्राजील के साथ कौवैक्सीन(Covaxin)डील में धांधली के आरोप लग क्यों रहे है। आखिर क्या है पूरा मामला।
दरअसल, भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन'(COVAXIN) की दो करोड़ डोज खरीदने पर ब्राजील सहमत हुआ था।
ब्राजील सरकार ने समझौते में अनियमितताओं के आरोप लगने के बाद बीते बुधवार को ही इस करार को निलंबित करने की घोषणा कर दी।
इसके बाद भारत बायोटेक ने एक बयान जारी किया। इसमें कंपनी ने कहा कि उसे अभी ब्राजील से वैक्सीन के लिए अग्रिम भुगतान नहीं हुआ है।
हैदराबाद की दवा निर्माता कंपनी ने कहा कि कंपनी ने करार, नियामक मंजूरियों और आपूर्तियों के लिहाज से ब्राजील में भी उन्हीं नियमों का पालन किया, जिनका उसने दुनिया के अन्य देशों में कोवैक्सीन की सफल आपूर्ति के लिए किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया का क्या कहना है ?
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कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया ने कहा, ‘भारत बायोटेक एक निजी कंपनी है। इसने आईसीएमआर के साथ मिलकर कोवैक्सीन का निर्माण किया था।
आईसीएमआर के साथ इस कंपनी की साझेदारी की वजह से सरकार की भी भूमिका है। इसमें आम लोगों का पैसा लगा है।’
उन्होंने दावा किया, ‘कोवैक्सीन ब्राजील में बहुत बड़े भ्रष्टाचार के घेरे में देखी जा रही है। वहां संसदीय जांच हो रही है। टीकों की खरीद के अनुबंध को निलंबित कर दिया गया है। ये आक्षेप कहीं न कहीं भारत सरकार(Modi govt) तक पहुंचते हैं।’
कोवैक्सीन डील को लेकर लग रहे है ये दो आरोप
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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘दो बड़े आरोप लग रहे हैं। पहला आरोप है कि कोवैक्सीन का दाम बड़े स्तर पर बढ़ाया गया है।
पहले इस टीके को करीब 1.5 डॉलर प्रति खुराक की दर से देने का प्रस्ताव दिया गया था। बाद में कीमत 15 डॉलर प्रति खुराक तक बढ़ा दिया गया।’
उनके मुताबिक, ‘दूसरा आरोप सिंगापुर स्थित कंपनी ‘मेडिसिन बायोटेक’ को लेकर है। इसके संस्थापक ही भारत बायोटेक के संस्थापक हैं।
सिंगापुर की इस कंपनी ने ब्राजील से 4.5 करोड़ डॉलर का अग्रिम भुगतान मांगा।
ब्राजील में इसको लेकर सवाल किया गया कि जब मेडिसिन बायोटेक से अनुबंध का कोई सीधा संबंध नहीं है तो फिर वह अग्रिम भुगतान क्यों मांग रही है?’
भारत सरकार गड़बड़ी का पता क्यों नहीं लगा रही?
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सुप्रिया ने दावा किया, ‘ऐसे आरोप हैं कि भारत बायोटेक पहले मेडिसिन बायोटेक को सस्ते में टीका बेचती थी।
फिर मेडिसिन बायोटेक इसे आगे महंगे में बेचती थी। इसका मतलब था कि आईसीएमआर को कम मुनाफा होता था।’
उन्होंने सवाल किया, ‘क्या सरकार की यह जिम्मेदारी नहीं है कि यह पता किया जाए कि मेडिसिन बायोटेक की क्या स्थिति है, उसका बायोटेक से किस तरह का संबंध था?
जब टीकों के आपूर्ति पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, तो कोवैक्सीन के निर्यात के इस सौदे को जारी रखने की अनुमति कैसे मिली?’
उन्होंने दावा किया, ‘यह अनियमितता का मामला है। एक भारतीय कंपनी के ऊपर आरोप लग रहे हैं, जो हमारे फार्मास्यूटिकल सेक्टर के लिए बहुत बड़ा नुकसान है।’ सुप्रिया ने कहा, ‘देश के प्रधानमंत्री, सरकार और स्वास्थ्य मंत्री मूकदर्शक क्यों बने हुए हैं? उन्हें इस मामले पर जवाब देना चाहिए।’
(इनपुट एजेंसी से भी)
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