राजनीति

कृषि कानून होल्ड की मांग किसान संगठनों ने ठुकराई,वापस लें कानून मांग दोहराई

किसानों ने सरकार से फिर दो टूक बात कही है कि उन्हें नए कृषि कानून वापस लिए जाने से कम कुछ भी मंजूर नहीं है...

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Farmer unions reject govt offer to put Farm Laws on Hold

नई दिल्ली: सरकार ने नए कृषि कानूनों को 1-1.5 साल तक होल्ड करने का प्रस्ताव किसानों के समक्ष रखा था,जिसे किसान संगठनों ने विचार-विमर्श के बाद गुरुवार को ठुकरा दिया(Farmer unions reject govt offer to put Farm Laws on Hold) है।

इसके साथ ही किसानों ने उस प्रस्ताव को भी नामंजूर कर दिया है जिसमें किसान और सरकार के बीच गतिरोध खत्म कर समाधान खोजने के लिए एक ज्वाइंट कमेटी स्थापित करने की बात की गई थी।

किसानों ने सरकार से फिर दो टूक बात कही है कि उन्हें नए कृषि कानून वापस लिए जाने से कम कुछ भी मंजूर नहीं (Farmer unions reject govt offer to put Farm Laws on Hold-want repeal)है।

इसकी घोषणा संयुक्त किसान मोर्चा ने की है जोकि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर 58 दिन से किसान आंदोलन (Kisan andolan) कर रही विभिन्न यूनियनों का संयुक्त संगठन है।

किसान मोर्चा और किसानों(Farmers) के बीच आज फिर ग्यारहवें स्तर की बातचीत होनी है लेकिन इससे पहले गुरुवार को किसान संगठनों ने साझा बयान जारी करते हुए कहा कि गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में सरकार द्वारा बुधवार को सामने रखा गया प्रस्ताव ठुकरा दिया गया है।

बयान में कहा गया है कि मोर्चा उन 143 किसानों को श्रद्धांजलि देता है जो अब तक इस आंदोलन और विरोध-प्रदर्शन(Farmers protest) में शहीद हुए हैं। ये साथी इस आंदोलन को लड़ते हुए हमसे अलग हो गए।

इनका बलिदान बेकार नहीं जाएगा और वे इन कृषि कानूनों की वापसी के बिना नहीं जाएंगे।

किसान संगठन ने आगे कहा कि केंद्र के तीनों नए कृषि कानूनों(New farm laws) की संपूर्ण वापसी और सभी किसानों के लिए  MSP का कानून लागू करने की मांग को दोहराया जाता है, जोकि आंदोलन की मांगे हैं।

 

कृषि कानूनों को होल्ड पर रखने की सरकार ने कही थी बात

गौरतलब है कि किसान संगठनों और सरकार(Govt-farmers talk) के प्रतिनिधियों के बीच बुधवार को हुई बैठक में सरकार ने अपनी तरफ से नए कृषि कानूनों में फिर से संशोधन का प्रस्ताव रखा था,

लेकिन किसान नेताओं ने हमेशा की तरह इसे ठुकराकर अपनी पुरानी मांग कानून वापस लिए जाएं,दोहराई।

फिर बाद में सरकार ने नए कृषि कानूनों को 1-1.5 साल होल्ड करने का प्रस्ताव रखा और इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल करने की भी बात कही।

बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा था कि बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है।

22 जनवरी को किसी समाधान पर पहुंचने की संभावना है। किसान संगठनों के साथ बातचीत में हमने कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों को एक या डेढ़ साल होल्ड करने के लिए तैयार है।

मुझे खुशी है कि किसान संगठनों ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है और कहा है कि वह इस पर गुरुवार को विचार करेंगे और 22 जनवरी को अपना फैसला बताएंगे।

इसके बाद शुक्रवार को सरकार की मंशा पर पानी फेरते हुए किसान संगठनों ने सरकार को स्पष्ट कर दिया कि उन्हें कृषि कानून की वापसी से कम कुछ मंजूर नहीं है। बातचीत की का दौर फिर भी जारी है।

Farmer unions reject govt offer to put Farm Laws on Hold

Varsa

वर्षा कोठारी एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। वर्षा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।