Farmers Protest: two farmers organizations left kisan andolan
नई दिल्ली:गणतंत्र दिवस(Republic Day 2021)के दिन दिल्ली में हिंसक हुई किसान ट्रैक्टर रैली (Farmers tractor rally violence) ने आखिरकार किसान आंदोलन (kisan andolan) को कमजोर कर ही दिया।
ट्रैक्टर रैली हिंसा के बाद किसान आंदोलन से बुधवार को दो किसान संगठन अलग हो गए है।
किसान आंदोलन(Farmers Protest) से राष्ट्रीय किसान मजदूर संघर्ष संगठन और किसान यूनियन अलग हो गए (Farmers Protest: two farmers organizations left kisan andolan)है।
इतना ही नहीं,संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर रैली की हिंसा पर न केवल दुख व्यक्त किया बल्कि इसके लिए दीप सिद्धू(Deep Sidhu)को जिम्मेदार ठहराया है।
किसान मोर्चा ने कहा है कि अब वह 1 फरवरी को संसद पर किसान मार्च रद्द करते है और इसके बदले 30 जनवरी को बापू की पुण्यतिथि पर एक दिन का उपवास रखकर ट्रैक्टर रैली हिंसा का प्रायश्चित करेंगे।
इसके चलते चिल्ला बॉर्डर पर किसान आंदोलन खत्म हो गया है।
गौरतलब है कि गर्मी से लेकर दिल्ली की हांडकंपाती ठंड में तकरीबन तीन महीनों तक दिल्ली बॉर्डर पर किसानों ने नए कृषि बिलों के खिलाफ किसान आंदोलन (Farmers Protest) शांतिपूर्ण तरीके से कायम किया हुआ था।
लेकिन फिर गणतंत्र दिवस के दिन प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड(Farmers tractor rally chaotic) में मचे बवाल ने किसान आंदोलन ने सिर्फ कमजोर कर दिया बल्कि इसे हिंसक बनाकर बदनाम भी कर दिया।
जिसका सीधा फायदा केंद्र सरकार को ही हुआ। किसानों की एकता गणतंत्र दिवस की ट्रैक्टर परेड(Republic Day tractor parade) के अराजक होने से आखिरकार टूट ही गई और बुधवार को किसान संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व वाले किसान आंदोलन से दो अन्य संगठन अलग हो गए।
भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने रिपोर्टर्स को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान जो कुछ भी हुआ उससे वह काफी दुखी हैं और उनकी यूनियन ने अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया(Farmers Protest: two farmers organizations left kisan andolan) है।
भाकियू (भानु) से जुड़े किसान नोएडा-दिल्ली मार्ग की चिल्ला सीमा पर प्रदर्शन कर रहे थे।
‘ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-आर्डिनेशन कमेटी’ के वी एम सिंह ने कहा कि उनका संगठन मौजूदा आंदोलन से अलग हो रहा है क्योंकि वे ऐसे विरोध प्रदर्शन में आगे नहीं बढ़ सकते जिसमें कुछ की दिशा अलग है।
किसानों(Farmers) की मांगों को रेखांकित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर मंगलवार को निकाली गयी ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के कारण अराजक दृश्य पैदा हो गए।
बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लालकिला पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया जहां भारत का तिरंगा फहराया जाता है।
ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली का आईटीओ (I.T.O.) एक संघर्ष क्षेत्र की तरह दिख रहा था, जहां गुस्साये प्रदर्शनकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त करते हुए नजर आए।
आप भी देखें यहां लाल पर किसान रैली का हिंसक प्रदर्शन:
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