Syed-Ali-Shah-Geelani-Hurriyat-leader-passes-away
नई दिल्ली/ श्रीनगर:जम्मू-कश्मीर की राजनीति में बड़ा चेहरा तहरीक-ए-हुर्रियत(Tehreek-e-Hurriyat) के नेता सैयद अली शाह गिलानी(Syed-Ali-Shah-Geelani) का निधन हो गया है। वे 92 वर्ष के थे।हैदरपुरा में उनकी पसंद की जगह पर सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।
कश्मीर के अलगाववादी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी का बुधवार,1सितंबर 2021 को श्रीनगर में उनके आवास पर निधन हो गया।
हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े से ताल्लुक रखने वाले गिलानी ने पिछले वर्ष राजनीति और हुर्रियत से इस्तीफा दे दिया था।
उनके परिवार में उनके दो बेटे और छह बेटियां हैं। उन्होंने 1968 में अपनी पहली पत्नी के निधन के बाद दोबारा विवाह किया था।
अलगाववादी नेता गिलानी पिछले दो दशक से अधिक समय से गुर्दे संबंधी बीमारी से पीड़ित थे। इसके अलावा वह बढ़ती आयु संबंधी कई अन्य बीमारियों से जूझ रहे थे।
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट का गिलानी की मौत(Syed-Ali-Shah-Geelani-Hurriyat-leader-passes-away)पर दुख जताया।
उन्होंने कहा, “गिलानी साहब के निधन की खबर से दुखी हूं।
हम ज्यादातर चीजों पर सहमत नहीं हो सके, लेकिन मैं उनकी दृढ़ता और उनके विश्वासों के साथ खड़े होने के लिए उनका सम्मान करती हूं। ऊपर वाला उन्हें जन्नत और उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति संवेदना प्रदान करें।”
कश्मीर घाटी में अफवाहों के फैलने के कारण भ्रम की स्थिति पैदा होने से रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट एहतियातन बंद किया जा रहा है।
गिलानी के परिवार के एक सदस्य ने बताया कि गिलानी का निधन रात्रि साढ़े 10 बजे(Syed-Ali-Shah-Geelani-Hurriyat-leader-passes-away) हुआ।
पूर्ववर्ती राज्य में सोपोर से तीन बार विधायक रहे गिलानी 2008 के अमरनाथ भूमि विवाद और 2010 में श्रीनगर में एक युवक की मौत के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों का चेहरा बन गए थे।
वह हुर्रियत कांफ्रेंस के संस्थापक सदस्य थे, लेकिन वह उससे अलग हो गए और उन्होंने 2000 की शुरुआत में तहरीक-ए-हुर्रियत का गठन किया था।
आखिरकार उन्होंने जून 2020 में हुर्रियत कांफ्रेंस से भी विदाई ले ली।
पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने भी गिलानी के निधन(Geelani died)पर शोक व्यक्त किया. गिलानी को शहर के बाहरी इलाके स्थित हैदरपोरा में उनकी पसंद की जगह पर दफनाया जाएगा।
उनका पासपोर्ट 1981 में जब्त कर लिया गया था और फिर उनका पोसपोर्ट केवल एक बार 2006 में हज यात्रा के लिए उन्हें लौटाया गया था। उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय, पुलिस और आयकर विभाग में कई मामले लंबित थे.
कश्मीर घाटी में मस्जिदों से लाउडस्पीकर पर उनके निधन की सूचना दी गई और गिलानी समर्थक नारे लगाए गए। पुलिस ने बताया कि एहतियात के तौर पर कश्मीर में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाए गए हैं।
(इनपुट एजेंसी से भी)
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