Maharashtra Crisis: Uddhav Thackeray पार्टी सिंबल धनुष-बाण बचाने गए चुनाव आयोग

एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र की सत्ता पर कब्जे के बाद से बैकफुट पर आएं उद्धव ठाकरे अब अपनी पार्टी शिवसेना और उसके चुनावी चिन्ह धनुष-बाण को बचाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गए है,जिसके लिए ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग में कैविएट (प्रतिवाद) दाखिल किया है।

उद्धव ठाकरे

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नई दिल्ली:महाराष्ट्र का सियासी संकट(Maharashtra-Political-Crisis)अभी थमा नहीं है। शिवसेना(ShivSena) पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे(Uddhav Thackeray)एकनाथ शिंदे(Eknath Shinde) और बागी विधायकों(Rebel MLAs) की बदौलत भले ही सत्ता गंवा बैठे है लेकिन अपनी पैतृक पार्टी शिवसेना को बचाने के लिए अब वह पूरी तरह से एक्शन में आ गए है।

इसी का नतीजा है कि उद्धव ठाकरे गुट सोमवार को शिवसेना पार्टी का सिंबल धनुष-बाण बचाने चुनाव आयोग पहुंच (Maharashtra-Crisis-Uddhav-Thackeray-moves-election-commission-to-save-party-Shivsena-and-symbol)गया।

एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र की सत्ता पर कब्जे के बाद से बैकफुट पर आएं उद्धव ठाकरे(Uddhav Thackeray)अब अपनी पार्टी शिवसेना और उसके चुनावी चिन्ह धनुष-बाण को बचाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गए है,जिसके लिए ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग में कैविएट (प्रतिवाद) दाखिल किया है।

इसमें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े ने मांग की है कि पार्टी के सिंबल धनुष-बाण को लेकर कोई भी फैसला उनके पक्ष को सुनने के बाद ही लिया जाए।

दरअसल शिवसेना के 55 विधायक हैं और उनमें से 40 ने एकनाथ शिंदे का समर्थन किया है। इसके अलावा 19 लोकसभा सांसदों में भी कई ऐसे हैं, जिनके उद्धव का साथ छोड़ने की आशंका है।

 

 

 

उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे गुट से पहले हुए सक्रिय

अपनी रीढ़ की हड्डी में ऑपरेशन के चलते अस्वस्थ चल रहे उद्धव ठाकरे अब शिवसेना और पार्टी के सिंबल को बचाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते।

यही कारण है कि उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे गुट से पहले ही चुनाव आयोग पहुंच गया,चूंकि उन्हें अंदेशा है कि शिंदे गुट चुनाव आयोग जाकर पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावा ठोक सकता है।

इस स्थिति से बचने के लिए ही उद्धव ठाकरे पहले ही ऐक्टिव हो गए हैं और चुनाव आयोग में कैविएट दाखिल की है। मराठी वेबसाइट लोकसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक उद्धव ठाकरे गुट ने कैविएट में मांग की है, ‘शिवसेना के धनुष-बाण चुनाव चिन्ह पर हमारा पक्ष सुने बिना कोई फैसला नहीं लिया(Maharashtra-Crisis-Uddhav-Thackeray-moves-election-commission-to-save-party-Shivsena-and-symbol)जाए।’

शिंदे गुट धनुष और बाण के इस प्रतीक का दावा कर सकता है। इसीलिए कहा जा रहा है कि उद्धव ठाकरे ने यह एहतियात बरती है और पहले ही चुनाव आयोग(Election Commission) का रुख कर लिया है।

 

 

 

पार्षदों तक में दिख रही फूट, आयोग में मामला पहुंचना तय

एकनाथ शिंदे के समर्थन में 40 विधायकों के जाने के बाद शिवसेना के संसदीय दल में भी फूट की आशंका है। स्थानीय स्तर पर कुछ पार्षद और कार्यकर्ता भी एकनाथ शिंदे का समर्थन करते नजर आ रहे हैं।

पिछले दिनों ही ठाणे के 67 में से 66 शिवसेना पार्षदों ने एकनाथ शिंदे गुट के समर्थन का ऐलान किया है। शिंदे गुट का दावा है कि उनका धड़ा ही असली शिवसेना है और वे बालासाहेब ठाकरे के सपने को आगे बढ़ा रहे हैं।

भविष्य में शिंदे समूह शिवसेना के धनुष-बाण के चुनाव चिह्न पर भी दावा कर सकता है। इस बीच उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय चुनाव आयोग में कैविएट दाखिल की(Maharashtra-Crisis-Uddhav-Thackeray-moves-election-commission-to-save-party-Shivsena-and-symbol) है।

 

 

 

 

 

सांसदों की मीटिंग में नहीं पहुंचे 7 नेता

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा है कि कोई भी शिवसेना से धनुष-बाण सिंबल नहीं छीन सकता।

इस बीच उद्धव ठाकरे ने सांसदों की मीटिंग में मातोश्री में बुलाई, जिसमें 18 लोकसभा सांसदों में से 2 नहीं पहुंचे।

इससे उद्धव ठाकरे गुट की चिंताएं और बढ़ गई हैं।

 

 

 

 

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Varsa: वर्षा कोठारी एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। वर्षा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।