NDA-makes-Draupadi-Murmu-as-Presidential-candidate-against-Yashwant-Sinha
नई दिल्ली:राष्ट्रपति चुनाव(President Election 2022) के लिए मंगलवार को जहां विपक्ष के साझा उम्मीदवार के तौर पर यशवंत सिन्हा(Yashwant Sinha) के नाम पर मुहर लगी है,
तो वहीं उनके खिलाफ भाजपा नित एनडीए(NDA)गठबंधन ने राष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू(Draupadi Murmu) को बनाया है,जोकि झारखंड की पूर्व गवर्नर रह चुकी है।
द्रौपदी मुर्मू एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीवार होंगी,इस बात का एलान मंगलवार को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किया।वह राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को टक्कर(NDA-makes-Draupadi-Murmu-as-Presidential-candidate-against-Yashwant-Sinha)देंगी।
अगर द्रौपदी मुर्म राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतती है एनडीए के संख्या बल को देखते हुए जिसकी पूरी संभावना है तो वह देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति होंगी।
आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार के नाम पर मंथन के लिए मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय में भाजपा की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था, संसदीय बोर्ड की बैठक हुई।
बैठक के बाद जेपी नड्डा ने ऐलान किया कि झारखंड की पूर्व गवर्नर द्रौपदी मुर्मू एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार(NDA-makes-Draupadi-Murmu-as-Presidential-candidate-against-Yashwant-Sinha) होंगी।
नड्डा ने बताया कि संसदीय बोर्ड की बैठक में करीब 20 नामों पर चर्चा हुई और आदिवासी महिला नेता मुर्मू पर मुहर लगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi), भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह(Amit Shah), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित संसदीय बोर्ड के अन्य सदस्य बैठक में मौजूद हैं।
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अगर द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति चुनाव जीत जाती है तो वह भारत के इतिहास में पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी।इसके साथ ही अगर वह चुनाव जीतती हैं तो प्रतिभा पाटिल के बाद देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनेंगी।
अगर वो जीतती हैं तो ओडिशा राज्य से आने वाली पहली राष्ट्रपति (NDA-makes-Draupadi-Murmu-as-Presidential-candidate)होंगी। द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला गवर्नर रही हैं।
वो ओडिशा की पहली महिला और आदिवासी नेता रही हैं, जिन्हें किसी भारतीय राज्य में गवर्नर बनाया गया हो और जिसने अपना कार्यकाल पूरा किया हो।
मुर्मू ने पार्षद पद से अपना सियासी सफर प्रारंभ किया था। वो बीजेपी-बीजेडी गठबंधन सरकार में मंत्री रही हैं। सियासत और सामाजिक जीवन में करीब दो दशक लंबा अनुभव उनके पास है।
उन्होंने भुवनेश्वर के रमा देवी कॉलेज से ग्रेजुएट किया था।
वो ओडिशा से दो बार विधायक रह चुकी हैं. वो बीजेपी एसटी मोर्चा की कार्यकारिणी में सदस्य रही हैं।
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जानिये द्रोपदी मुर्मू का सियासी सफर-Who is Draupadi Murmu
-द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरगंज जिले के बैदपोसी गांव में हुआ। उनके पिता का नाम बिरांची नारायण टुडु है। वे आदिवासी जातीय समूह, संथाल से संबंध रखती हैं।
-द्रौपदी सिंचाई और बिजली विभाग में 1979 से 1983 तक जूनियर असिस्टेंट के तौर पर काम कर चुकी हैं। वर्ष 1994 से 1997 तक उन्होंरे रायरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटीगरल एजुकेशन सेंटर में ऑनरेरी असिस्टेंट टीचर के तौर पर भी सेवाएं दीं।
-द्रौपदी का बचपन गरीबी और अभावों के बीच बीता। ऐसी स्थिति में भी संघर्ष करते हुए उन्होंने ऊंचाइयों को छुआ। उन्होंने बीए तक शिक्षा हासिल की है।
-वर्ष 2000 और 2004 में द्रौपदी मुर्म बीजेपी के टिकट पर रायरंगपुर सीट से विधायक चुनी गई थीं। वे बीजेपी एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी रह चुकी हैं।
-ओडिशा में बीजेडी और बीजेपी गठबंधन सरकार में द्रौपदी मंत्री रह चुकी हैं। उन्होंने मार्च 2000 से कई 2004 तक राज्य के वाणिज्य व परिवहन तथा मत्स्य और पशु संसाधन विकास विभाग के मंत्री का पद संभाला।
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-वर्ष 2007 में द्रौपदी को ओडिशा विधानसभा के बेस्ट एमएलए ऑफ द ईयर पुरस्कार से नवाजा गया था।
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-द्रौपदी मुर्म झारखंड की ऐसी पहली राज्यपाल थीं जिन्होंने वर्ष 2000 में इस राज्य के गठन के बाद पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया। उन्होंने वर्ष 2015 से 2021 तक झारखंड के राज्यपाल का पद संभाला।
-द्रौपदी मुर्म यदि राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतती है (एनडीए के संख्या बल को देखते हुए जिसकी पूरी संभावना है) तो वे देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी।
-जीतने की स्थिति में ओडिशा राज्य से देश के शीर्ष पद तक पहुंचने वाली वे पहली शख्सियत होंगी।