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नयी दिल्ली (समयधारा) : लोकसभा स्पीकर इलेक्शन 2024 (LokSabha Speaker Election 2024) में एक बार फिर सांसद ओम बिरला एक बार फिर लोकसभा स्पीकर चुन लिए गए हैं।
ओम बिरला राजस्थान के कोटा से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद हैं।
स्पीकर बनाने के साथ वह दो दशक से अधिक समय में इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला को लोकसभा स्पीकर के रूप में निर्वाचित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया।
वहीं, शिवसेना (UBT) के सांसद अरविंद सावंत ने लोकसभा स्पीकर पद के लिए कोडिकुन्नील सुरेश के नाम का प्रस्ताव रखा और आरएसपी के नेता एनके प्रेमचंद्रन ने इसका अनुमोदन किया।
लोकसभा स्पीकर पद के लिए सरकार और विपक्ष के बीच मंगलवार को आम-सहमति नहीं बन सकी।
इसके बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार तथा BJP सांसद ओम बिरला का मुकाबला कांग्रेस के कोडिकुन्नील सुरेश के साथ था।
बिरला और सुरेश ने मंगलवार को क्रमश: NDA और विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) के उम्मीदवारों के रूप में अपने नामांकन पत्र दाखिल किए।
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लोकसभा स्पीकर के चुनाव में उतरने के लिए विपक्ष ने अंतिम समय में तब फैसला लिया जब भारतीय जनता पार्टीके वरिष्ठ नेताओं ने
उनकी इस पूर्व शर्त को नहीं माना कि राजग के उम्मीदवार बिरला का समर्थन करने के ऐवज में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. को डिप्टी स्पीकर पद दिया जाना चाहिए।
हाल में समाप्त हुए लोकसभा चुनाव में बिरला कोटा लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार सांसद निर्वाचित हुए।
कांग्रेस ने उनके सामने भाजपा से आए प्रहलाद गुंजल को खड़ा किया था। बिरला ने गुंजल को 41 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराकर कोटा लोकसभा सीट फिर जीत ली।
बिरला को मंगलवार को NDA की तरफ से सर्वसम्मति से पुन: लोकसभा स्पीकर का उम्मीदवार बनाया गया।
वह दो दशक से अधिक समय में वह इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले व्यक्ति है।
बिरला को पर्दे के पीछे रहकर संगठन के लिए काम करने वाला नेता माना जाता है।
उन्होंने साल 1991 से 2003 तक बीजेपी की युवा शाखा के लिए काम किया। इस दौरान बीजेपी के आम कार्यकर्ता से लेकर बड़े नेताओं के संपर्क में आए।
2019 में सबको चौंकाते हुए लोकसभा अध्यक्ष के लिए उनका नाम प्रस्तावित किया गया।
बिरला पहले ऐसे लोकसभा अध्यक्ष हैं जिनके कार्यकाल में कोई लोकसभा उपाध्यक्ष नहीं चुना गया।
बिरला के नाम संसद के पुराने और नए दोनों भवनों में लोकसभा की अध्यक्षता करने का रिकॉर्ड भी दर्ज है।
17वीं लोकसभा में उनके स्पीकर रहने के दौरान तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को सदन से निष्कासित किए जाने,
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और बड़ी संख्या में सांसदों को निलंबित किए जाने के कारण भी उनका कार्यकाल सुर्खियों में रहा था।
17वीं लोकसभा के दौरान ही 2023 में नई संसद का उद्घाटन हुआ और नए लोकसभा कक्ष में बिरला ने अध्यक्ष के रूप में निचले सदन की कार्यवाही का संचालन किया।
उनके पिछले कार्यकाल में संसद में आर्टिकल 370 समाप्त होने, नागरिकता संशोधन कानून लागू होने, तीन आपराधिक कानून लागू होने समेत अनेक महत्वपूर्ण विधायी कामकाज हुए।
62 वर्षीय बिरला के लिए कोटा जन्मभूमि एवं कर्मभूमि दोनों रही है। उन्होंने स्कूली शिक्षा कोटा के गुमानपुरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से की और उसके बाद बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से बी कॉम तथा एम कॉम किया।
बिरला से पहले निचले सदन के लिए पुनः निर्वाचित होने वाले अंतिम लोकसभा अध्यक्ष पी.ए. संगमा थे, जो 1996 से 1998 तक 11वीं लोकसभा के पीठासीन अधिकारी थे।
उस समय कांग्रेस के सदस्य रहे संगमा 1998 के लोकसभा चुनाव में मेघालय के तुरा से दोबारा निर्वाचित हुए।
(इनपुट एजेंसी से)
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