राजनीति

कुछ मज़बूरी-कुछ दूरी..! फिर भी दिखी विपक्षी एकता, शिमला में होंगे फिर एक

विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके दल केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेंगे।, विपक्षी नेताओं की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में न तो सीएम अरविंद केजरीवाल शामिल हुए और न ही आम आदमी पार्टी का कोई नेता।

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पटना /बिहार (समयधारा) : Opposition Meeting in Patna – आखिरकार विपक्षी दलों की महाबैठक पटना में हो ही गईं l  

उल्लेखनीय है कि विपक्ष के 15 राजनीतिक दलों के नेताओं ने साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए साझा रणनीति तय करने के लिए शुक्रवार को मैराथन बैठक की।

राजधानी पटना में घंटों तक चली विपक्षी दलों की महाबैठक में कई महत्वपूर्ण बातें सामने आई।

इस बैठक में यह फैसला किया गया कि विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके दल केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेंगे।

अब अगली बैठक 10 या 12 जुलाई को शिमला में होगी। इसमें अंतिम फैसला लिया जाना है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मेजबानी में यह बैठक मुख्यमंत्री के आवास ‘1 अणे मार्ग’ पर हुई,

जिसमें करीब 30 विपक्षी नेताओं ने भाग लिया। 

विपक्षी दलों की बैठक के बाद नीतीश कुमार ने विपक्षी नेताओं के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि काफी अच्छी मुलाकात हुई,

एक साथ चलने पर सहमति बनी। सीएम ने कहा, अगली बैठक कुछ दिन के बाद सब पार्टियों की फिर से की जाएगी।

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अगली बैठक में तय होगा की कौन कहां लड़ेगा। जो शासन में है वे देश के हित में काम नहीं कर रहे हैं। वे सब इतिहास बदल रहे हैं। हम सबका अभिनंदन करते हैं।

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगली बैठक जुलाई महीने में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में होगी।

उन्होंने कहा कि हम 10 या 12 जुलाई को शिमला में फिर से मिल रहे हैं,

जिसमें हम एक सामान्य एजेंडा तैयार करेंगे। हमें हर राज्य में अलग-अलग तरह से काम करना पड़ेगा।

वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह विचारधारा की लड़ाई है, हम एक साथ खड़े हैं,

हमारे बीच थोड़ा-बहुत मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हमें मिलकर काम करना है।

उन्होंने कहा, BJP और RSS हिंदुस्तान की नींव पर आक्रमण कर रही है। यह विचारधारा की लड़ाई है और हम साथ खड़े हैं।

हमने निर्णय लिया है कि हम एक साथ काम करेंगे और अपनी सामान्य विचारधारा की रक्षा करेंगे। यह विपक्षी एकता की प्रक्रिया है जो आगे बढ़ेगी।

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि हम एक हैं, हम मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि पटना में जो बैठक हुआ है वो अच्छा हुआ है।

हमने तीन चीज पर जोर दिया है-हम लोग एक है, हम लोग एक साथ लड़ेंगे, अगला बैठक शिमला में होगी।

बीजेपी चाहती है कि इतिहास बदला जाए और हम चाहते हैं कि बिहार से इतिहास बचाया जाए।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि देश की एकता, अखंडता बनाए रखने के लिए हम एक साथ आए हैं।

इसके आगे हमारे प्रजातंत्र पर आघात करेगा उसका हम सब मिलकर विरोध करेंगे।

जो भी देश में तानाशाही लाना चाहेगा उसके ख़िलाफ़ हम एक साथ रहेंगे। शुरूआत अच्छी रही है।

इसके अलावा नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इतने लोगों को इकट्ठा करना छोटी बात नहीं है।

हमारा मकसद ताकत हासिल करना नहीं है। यह उसूलों, विचारधारा, सोच, इरादों की लड़ाई है।

मैं और महबूबा मुफ्ती इस मुल्क के ऐसे बदनसीब इलाके से ताल्लुक़ रखते हैं जहां लोकतंत्र का दिनदहाड़े कत्ल किया जा रहा है।

वज़ीर-ए-आज़म को व्हाइट हाउस में लोकतंत्र की बात करते हुए अच्छा लगा लेकिन यह लोकतंत्र जम्मू-कश्मीर तक क्यों नहीं पहुंचता?

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इसके अलावा DMK नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला,

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की नेता महबूबा मुफ्ती, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा,

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी और कुछ अन्य नेता इस बैठक में शामिल हुए।

विपक्षी नेताओं की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में न तो सीएम अरविंद केजरीवाल शामिल हुए और न ही आम आदमी पार्टी का कोई नेता।

बाद में AAP ने एक बयान जारी कर कांग्रेस पर निशाना साधा है।

आम आदमी पार्टी ने बयान जारी करते हुए कहा है कि अध्यादेश को लेकर कांग्रेस का स्टैंड जबतक साफ नहीं होता

तबतक विपक्ष की किसी भी बैठक में आम आदमी पार्टी शामिल नहीं होगी।

आप ने कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है जो लगभग हर मुद्दे पर स्टैंड लेती है।

लेकिन कांग्रेस द्वारा अबतक काले अध्यादेश पर अपना रुख सार्वजनिक नहीं किया गया है।

AAP ने एक बयान में कहा, ”अब समय आ गया है कि कांग्रेस तय करे कि वह दिल्ली की जनता के साथ खड़ी है या मोदी सरकार के साथ।”

केजरीवाल की पार्टी ने कहा, आज, पटना में समान विचारधारा वाली पार्टी की बैठक के दौरान,

कई दलों ने कांग्रेस से काले अध्यादेश की सार्वजनिक रूप से निंदा करने का आग्रह किया। हालांकि, कांग्रेस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।

पटना में शुक्रवार 23 जून को विपक्ष पार्टियों की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक दिलचस्प वाकया देखने को मिला।

राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू यादव (Lalu yadav) ने अपने चिरपरिचित चुटीले अंदाज में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को दूल्हा बनने की सलाह दे डाली।

लालू यादव ने राहुल से कहा कि ‘आप शादी करिए, हम लोग बारात चलने के लिए तैयार हैं।’

लालू यादव के इस बयान को इशारों-इशारों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को दिया गया जवाब समझा जा रहा है।

दरअसल विपक्षी एकता के सवाल पर बीजेपी अक्सर यह पूछती रहती हैं, आखिर विपक्ष का दूल्हा कौन है।

पटना में विपक्ष के संयुक्त बैठक से ठीक पहले बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने एक बयान में कहा था,

2024 के लिए नीतीश बाबू बारात सजा तो रहे हैं लेकिन दूल्हा कौन है, कुछ की इच्छा अंदर है और कुछ की इच्छा बाहर है।

देश आगे निकल गया है, देश एक स्थायी सरकार चाहता है।

बिहार से बीजेपी सांसद और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री, नित्यानंद राय ने भी ‘दूल्हे’ का तंज कसते हुए कहा था,

पटना की सड़कों पर अनेकों दूल्हों की दावेदारी लगी हुई है। लेकिन दूल्हा कौन है? यह तो साफ समझ आ गया है कि वहां कोई दावेदारी ही नहीं है।

विपक्ष एक साथ लड़े या न लड़े उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2024 में जनता मोदी जी को ही फिर से प्रधानमंत्री बनाएगी।

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इससे पहले, 

Opposition Patna Meet: विपक्ष के कई प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता

अगले साल 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी BJP को कड़ी चुनौती देने के मकसद से, 

एक मजबूत मोर्चा बनाने की रणनीति पर आज यानी शुक्रवार को बिहार की राजधानी पटना में मंथन करेंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी,

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल,

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव,

शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार और विपक्ष के कई अन्य नेता इस बैठक में भाग लेने वाले हैं।

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(इनपुट एजेंसी से )

Radha Kashyap