punjab congress crisis news updates in hindi
पंजाब (समयधारा) : पंजाब में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी में काफी घमासान जारी है l
कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस से जाने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू का पार्टी में कद उंचा हो गया l
वह अध्यक्ष तो बन गए पर फैसले लेने का अधिकार अभी भी हाईकमान के पास है l ऐसे में वह नाराज चल रहे थे l
इस साल जुलाई में पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) प्रमुख बनाए गए सिद्धू ने पार्टी के साथ आंतरिक मतभेदों के कारण पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था।
हालांकि, सिद्धू का इस्तीफा कांग्रेस आलाकमान ने खारिज कर दिया था।
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पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) गुरुवार को AICC दफ्तर में AICC महासचिव हरीश रावत (Harish Rawat) और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलने और पंजाब कांग्रेस से संबंधित पार्टी के संगठनात्मक मामलों पर चर्चा करने पहुंचे।
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हरीश रावत ने कहा, “नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत चन्नी ने कुछ मुद्दों पर बात की है, एक समाधान निकलेगा … कुछ चीजें हैं जिनमें समय लगता है।”
बैठक के बाद हरीश रावत ने मीडिया से कहा, “सिद्धु ने साफ तौर पर कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का आदेश उनको सर्वमान्य होगा।
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आदेश बिल्कुल साफ है कि वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी पंजाब के अध्यक्ष के रूप में अपना काम पूरी शक्ति से करें।
कल आपको इससे बड़ी जानकारी विधिवत तरीके से मिलेगी।”
सिद्धू ने कहा, “मैंने पंजाब के प्रति, पंजाब कांग्रेस के प्रति जो भी मेरी चिंताएं थी, वो पार्टी हाईकमांड को बताई हैं।
मुझे कांग्रेस अध्यक्ष पर, प्रियंका जी पर और राहुल जी पर पूरा भरोसा है।
वे जो भी निर्णय लेंगे, वो कांग्रेस और पंजाब के हित में होगा, उनके हर आदेश का पालन करूंगा।”
इस हफ्ते की शुरुआत में, रावत ने एक ट्वीट में जानकारी दी थी कि सिद्धू पंजाब कांग्रेस के “संगठनात्मक मामलों” पर चर्चा करने के लिए उनसे मिलेंगे।
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इस्तीफे के बाद सिद्धू और कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के बीच ये पहली आधिकारिक बैठक है।
इस बीच, कल सिद्धू ने मीडिया से कहा कि वह उन्हें मौका देने के लिए पार्टी आलाकमान के हमेशा आभारी हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि कभी भी समझौता नहीं किया जा सकता है।
सिद्धू ने कहा, “पंजाब के साथ मेरा “इश्क” है। “इश्क” का क्या अर्थ है? लोग सोचते हैं कि ये कुछ भौतिक है। नहीं… सारे रिश्ते टूट जाते हैं
और पंजाब के लिए कुछ इस तरह है मेरा “इश्क”, पंजाब के लिए मेरे “इश्क” को समझने वाले मुझ पर कभी कोई आरोप नहीं लगाएंगे।”
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क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने कहा, “हर जगह मेरी योग्यता को नजरअंदाज किया गया। राजनीति में 5 को 50 और 50 को शून्य में बदला जा सकता है…
मैं हमेशा उनका आभारी रहूंगा, लेकिन समझौता करके आगे कैसे बढ़ना है? ये व्यवस्था राक्षस की तरह खड़ी होती है और तुम्हें काटता है।”