Rajasthan:गहलोत सरकार ने जीता विश्वास मत,सचिन का मिला साथ बीजेपी खाली हाथ

कांग्रेस के बागी उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थकों व राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच पार्टी आलाकमान की कोशिशों के बाद सुलह हो गई...

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अशोक गहलोत ने जीता विश्वास मत साथ में सचिन पायलट

जयपुर:Rajasthan: Ashok Gehlot wins confidence motion- राजस्थान (Rajasthan) की सियासी जंग (Rajasthan Political Crisis) आखिरकार एक महीने बाद आज थम ही गई। शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने राजस्थान विधानसभा में अपना विश्वास मत (confidence motion)जीत ही लिया।

राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को बागी उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का पूरा समर्थन मिला और अशोक गहलोत की सरकार ने सदन में ध्वनिमत से अपना विश्वास प्रस्ताव (Confidence Motion) पेश किया।

दरअसल, राजस्थान विधानसभा में विश्वास मत पेश करने से पहले ही कांग्रेस के बागी उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थकों व राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच पार्टी आलाकमान की कोशिशों के बाद सुलह हो गई, जिसके कारण बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी।

Rajasthan: Ashok Gehlot wins confidence motion

चूंकि सीएम अशोक गहलोत लगातार भाजपा पर आरोप लगाते रहे है कि उनकी सरकार गिराने के लिए बीजेपी कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त कर रही है।

इसलिए विश्वास मत जीतने से पहले ही अशोक गहलोत ने शुक्रवार को विधानसभा का सत्र शुरू होने से ठीक पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में लिखा, “विधानसभा का सत्र आज से शुरू हो गया है। इसमें राजस्थान के लोगों और कांग्रेस विधायकों की एकता की जीत होगी। यह सच की जीत होगी। सत्यमेव जयते।”

विश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान बीजेपी (BJP) ने सचिन पायलट (Sachin Pilot) का जिक्र किया। इस पर सचिन पायलट ने बीच में टोकते हुए कहा ‘वह (राजेंद्र राठौड़) बार- बार मेरा नाम ले रहे हैं।

मैंने सोचा कि हमारे अध्यक्ष व मुख्य सचेतक ने मेरी सीट यहां क्यों रखी है? मैंने दो मिनट सोचा और फिर देखा कि यह सरहद है एक तरफ पक्ष है और दूसरी तरफ विपक्ष…. तो सरहद पर किसको भेजा जाता है।  सबसे मजबूत योद्धा को भेजा जाता है।’

विश्‍वास मत पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनी हुई सरकारों को गिराने की कोशिश की जा रही है। सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।

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प्रधानमंत्री कहते हैं कि राजस्थान से अन्य राज्यों को प्रेरणा लेनी चाहिए। देश में पॉलिटिकल पार्टी में कई बार मतभेद हो जाते हैं। आपकी पार्टी में भी वसुंधरा राजे के शासन में ऐसा हुआ।

राजस्थान में फोन टेपिंग को परम्परा नहीं रही, न ही फोन टेपिंग हुई। उन्‍होंने कहा कि षड्यंत्र आपकी पार्टी और आपके हाईकमान का था।

चिन पायलट की ‘घर वापसी’ से गहलोत खेमे को काफी मजबूती मिली है। सचिन पायलट की बगावत के बाद से ही गहलोत सरकार पर संकट मंडराने लगा था। सीएम गहलोत और सचिन पायलट ने गुरुवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक में एक-दूसरे से हाथ मिलाया और जीत का संकेत भी दिया।

गहलोत के पास 125 विधायकों का समर्थन है, जो कि 200 सदस्यीय विधानसभा में 101 के बहुमत के आंकड़े से काफी ज्यादा है। बागी विधायकों की वापसी से पहले गहलोत खेमे के पास 102 विधायक थे।

सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विश्‍वास प्रस्ताव पेश किया किया। प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करते हुए धारीवाल ने कहा कि केंद्र की सरकार के इशारों पर मध्य प्रदेश व गोवा में चुनी हुई सरकारों को गिराया गया है। धारीवाल ने कहा कि धन बल व सत्ता बल से सरकारें गिराने की यह साजिश राजस्थान में कामयाब नहीं हो पाई

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राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खचरियावास ने विश्वास मत हासिल के बाद कहा कि हमने राजस्थान में बीजेपी को हरा दिया है। पूरी पार्टी एकजुट है। बीजेपी का षड्यंत्र कामयाब नहीं हुआ है। सचिन पॉयलट को लेकर कोई नाराज़गी नहीं है। पार्टी आलाकमान के कहने पर सब संभव हुआ है

मुख्यमंत्री गहलोत ने गुरुवार को कांग्रेस विधायकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘जो बातें हुईं, उन्हें अब भूल जाओ। हम इन 19 विधायकों के बिना भी बहुमत साबित कर देते लेकिन फिर वह खुशी नहीं मिलती क्योंकि अपने तो अपने होते हैं। हम विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाएंगे।’

राजस्थान बीजेपी(BJP) के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, “हम कोरोना जैसे आम आदमी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं। हमारे पास संख्या बल नहीं है। यह स्पष्ट है। हम मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। हमारी पर्दे के पीछे की कोई रणनीति नहीं है।

बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने कांग्रेस में विलय कर चुके अपने 6 विधायकों को व्हिप जारी किया था। BSP ने व्हिप में विधायकों से विश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस के ख़िलाफ़ वोट करने को कहा था। बीएसपी की ओर से व्हिप में कहा गया कि अगर विधायक व्हिप नहीं मानेंगे तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।

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सुप्रीम कोर्ट(Supreme court) ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राहत देते हुए विधायकों के विलय के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया था।

BSP विधायकों के कांग्रेस में विलय करने के मामले में शीर्ष न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि फिलहाल हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है। हम इस मामले में दखल नहीं देंगे। बीएसपी से कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायक विधानसभा सत्र में भाग ले सकेंगे।

 

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Radha Kashyap: