Supreme-Court-scold-Kisan-Mahapanchayat-farmers-have-strangulated entire-city-now-want-to-come-inside
नई दिल्ली:किसानों के संगठन किसान महापंचायत (Kisan-Mahapanchayat)की ओर से दाखिल अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court)ने शुक्रवार को किसानों को कड़ी फटकार लगाई।
कोर्ट ने कहा कि आंदोलनकारी किसानों ने पूरे शहर को बंधक बना रखा है और अब अंदर घुसना चाहते(Supreme-Court-scold-Kisan-Mahapanchayat-farmers-have-strangulated entire-city-now-want-to-come-inside) है।
दरअसल,सुप्रीम कोर्ट किसान आंदोलन(Kisan andolan)के दौरान हाईवे जाम किए जाने और रेल यातायात के प्रभावित होने से खासा नाराज था।
आपको बता दें कि किसान आंदोलनकारी दिल्ली के गाजीपुर, सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर बैठे हैं।
जिसकी वजह से ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है और लोगों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट इसे खाली करवाने के लिए उपाय तलाशने का आदेश सरकार को दे चुकी है।
किसान महापंचायत(Kisan Mahapanchayat)की ओर से अदालत में अर्जी दाखिल कर मांग की गई थी कि उन्हें जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करने की अनुमति दी जाए।
इस पर अदालत ने कहा कि आपको एक एफिडेविट दाखिल कर बताना होगा कि आप लोग उस किसान आंदोलन का हिस्सा नहीं हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गों को बंद कर रखा है।
अदालत ने किसान महापंचायत को सोमवार तक हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
इसके साथ ही अदालत ने कहा कि आंदोलनकारियों दिल्ली-एनसीआर में नेशनल हाईवेज को रोक रखा(Supreme-Court-scold-Kisan-Mahapanchayat-farmers-have-strangulated entire-city-now-want-to-come-inside) है।
कोर्ट ने कहा कि किसान आंदोलनकारी ट्रैफिक को रोक रहे हैं। ट्रेनें नहीं चलने दे रहे हैं और हाईवेज जाम किए हुए हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा कि एक ओर आप शांतिपूर्ण आंदोलन(Farmers Protest)की बात करते है और दूसरी ओर हाइवे जाम करते है। आंदोलन करना आपका अधिकार है तो बाकी नागरिकों का भी अधिकार है कि वह रास्ते पर चलें।
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