नागरिकता संशोधन विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी, जानें क्या बदेलगा अब

इस बिल में मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है। इसलिए विपक्ष इस विधेयक का विरोध कर रहा है

नयी दिल्ली:Citizenship Amendment Bill- बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नागरिकता संशोधन विधेयक अर्थात सिटीज़नशिप अमेंडमेंट बिल (Citizenship Amendment Bill) को एक स्वर से मंजूरी दे दी है।

अब इसके द्वारा गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भी नागरिकता दी जा सकेगी। सरल शब्दों में समझें तो नागरिकता (संशोधन) बिल (Citizenship Amendment Bill) का मुख्य उद्देश्य 6 धर्मों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है। ये छह धर्म है- हिंदू, ईसाई, सिख, जैन,बौद्ध और पारसी।

इसके साथ ही ट्विटर पर हैशटैग #CitizenshipAmendmentBill ट्रॉप पर ट्रेंड करने लगा।

इस बिल के द्वारा वर्तमान के कानूनों में संशोधन किया जाएगा। जिससे की उपरोक्त चुनिंदा वर्गों के गैरकानूनी प्रवासियों को छूट दी जा सकें।

इस बिल में मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है। इसलिए विपक्ष इस विधेयक का विरोध कर रहा है।

विपक्ष का कहना है कि यह नागरिकता (संशोधन) बिल (CitizenshipAmendmentBill) भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षात के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।

क्या है नागरिकता संशोधन बिल (What is Citizenship Amendment Bill)

इस विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से शरणार्थी के तौर पर आए उन गैर मुसलमानों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा हो।

सूत्रों ने बताया कि 1955 के नागरिकता अधिनियम को संशोधन करने वाले इस विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई ।

क्यों है विपक्ष इसके खिलाफ?

विपक्षी दल इस विधेयक को बांटने वाला एवं साम्प्रदायिक बता रहे हें । इसे भाजपा की विचारधारा से जुड़े महत्वपूर्ण आयाम का हिस्सा माना जा रहा है जिसमें शरणार्थी के तौर पर भारत में रहने वाले गैर मुसलमानों को नागरिकता देने का प्रस्ताव किया गया है ।

इनमें से ज्यादातर लोग हिन्दू हैं । इसके माध्यम से उन्हें उस स्थिति में संरक्षण प्राप्त होगा जब केंद्र सरकार देशव्यापी राष्ट्रीय नागरिक पंजी की योजना को आगे बढ़ायेगी ।

बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार सभी के हितों और भारत के हितों का ध्यान रखेगी ।

कुछ वर्गों द्वारा इसका विरोध किये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि लोग देश के हित में इसका स्वागत करेंगे ।

समझा जाता है कि सरकार इसे (Citizenship Amendment Bill) अगले दो दिनों में संसद में पेश करेगी और अगले सप्ताह इसे पारित कराने के लिये आगे बढ़ायेगी ।

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों ने इसकी तीखी आलोचना की है ।

नागरिकता (संशोधन) विधेयक (Citizenship Amendment Bill) पर विरोध जताते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने बुधवार को कहा कि इससे संविधान का मूलभूत सिद्धान्त कमतर होता है।

थरूर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह विधेयक असंवैधानिक है क्योंकि इस विधेयक में भारत के मूलभूत विचार का उल्लंघन किया गया है। वो लोग जो यह मानते हैं कि धर्म के आधार पर राष्ट्र का निर्धारण होना चाहिए…इसी विचार के आधार पर पाकिस्तान का गठन हुआ।’’

उन्होंने कहा कि हमने सदैव यह तर्क दिया है कि राष्ट्र का हमारा वह विचार है जो महात्मा गांधी, नेहरूजी, मौलाना आजाद, डा. आंबेडकर ने कहा कि धर्म से राष्ट्र का निर्धारण नहीं हो सकता।’’

यह विधेयक लोकसभा में पारित हो जायेगा क्योंकि निचले सदन में भाजपा को बड़ा बहुमत है ।

राज्यसभा में भी उसे कोई गंभीर अवरोध की संभावना नहीं है क्योंकि अतीत में उसे बीजद, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस जैसे दलों का समर्थन मिला है ।

गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं ने इस विषय पर राजनीतिक दलों एवं पूर्वोत्तर के नागरिक समूहों से व्यापक चर्चा की है और उनकी चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया है ।

Citizenship Amendment Bill

Reena Arya: रीना आर्य www.samaydhara.com की फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ है। रीना आर्य ने पत्रकारिता के महज 6-7 साल के भीतर ही अपने काम के दम पर न केवल बड़े-बड़े ब्रांड्स में अपनी पहचान बनाई बल्कि तमाम चुनौतियों और पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए समयधारा.कॉम की नींंव रखी। हर मुद्दे पर अपनी ज्वलंत और बेबाक राय रखने वाली रीना आर्य एक पत्रकार, कंटेंट राइटर,एंकर और एडिटर की भूमिका निभा चुकी है।