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SBI Electoral Bonds-स्टेट बैंक ने चुनावी बॉन्ड का डेटा चुनाव आयोग को सौंपा

निर्वाचन आयोग जनता के लिए 15 मार्च 2024 तक सभी डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा गया है.

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SBI Electoral Bonds Data StateBankOfIndia handed over electoral bond data to the Election Commission

नयी दिल्ली (समयधारा) :  Electoral Bonds Data: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने चुनावी बॉन्ड का डेटा चुनाव आयोग (Election Commission) को सौंप दिया है।

SBI ने मंगलवार (12 मार्च) शाम 5:30 बजे तक सभी चुनाव बॉन्ड का डेटा भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को भेज दिया।

शीर्ष अदालत ने भारतीय स्टेट बैंक को बड़ा झटका देते हुए चुनावी बॉण्ड संबंधी जानकारी का खुलासा करने के लिए समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध करने वाली उसकी याचिका सोमवार (11 मार्च) को खारिज कर दी थी।

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निर्वाचन आयोग को जनता के लिए 15 मार्च 2024 तक सभी डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने SBI से 12 मार्च को कामकाजी घंटे समाप्त होने तक निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉन्ड संबंधी डिटेल्स उपलब्ध कराने का आदेश दिया था।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने निर्वाचन आयोग को SBI द्वारा दी गई जानकारी 15 मार्च को शाम 5 बजे तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया है। 

SBI Electoral Bonds Data StateBankOfIndia handed over electoral bond data to the Election Commission

सुप्रीम कोर्ट ने SBI को नोटिस दिया है कि यदि बैंक उसके निर्देशों और समयसीमा का पालन करने में विफल रहता है,

तो शीर्ष अदालत अपने 15 फरवरी के फैसले की ‘जानबूझकर अवज्ञा’ करने के लिए उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केंद्र की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था।

शीर्ष अदालत ने इसे ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और चंदा प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था।

लोकसभा चुनाव से पहले आए इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को तत्काल बंद करने, 

तथा इस योजना के लिए SBI को 12 अप्रैल, 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विस्तृत ब्योरा 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था।

न्यायालय ने SBI की उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बॉन्ड के डिटेल्स का खुलासा करने के लिए समय-सीमा 30 जून तक बढ़ाए जाने का अनुरोध किया गया था।

पीठ ने कहा कि अर्जी में एसबीआई की दलीलों से पर्याप्त संकेत मिलता है कि कोर्ट ने जिस जानकारी का खुलासा करने का निर्देश दिया था वह आसानी से उपलब्ध है।

उसने बैंक से यह भी पूछा कि उसने शीर्ष अदालत के 15 फरवरी के फैसले में दिए गए निर्देशों के अनुपालन के लिए क्या कदम उठाए हैं।

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SBI ने 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से 30 किस्त में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड जारी किए।

राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले कैश चंदे के विकल्प के रूप में चुनावी बॉन्ड पेश किया गया था।

चुनावी बॉन्ड की पहली बिक्री मार्च 2018 में हुई थी। चुनावी बॉन्ड राजनीतिक दल द्वारा अधिकृत बैंक अकाउंट के माध्यम से भुनाए जाने थे और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) इन बॉन्ड को जारी करने के लिए एकमात्र अधिकृत बैंक है।

Radha Kashyap