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हंगामे के बीच तीनों कृषि कानूनों पर सरकार का यू-टर्न, लोकसभा-राज्यसभा में बिल पास

कृषि कानून पर चर्चा, MSP, महंगाई सहित अन्य मुद्दों पर संसद का शीतकालीन सत्र की हंगामेदार शुरुआत

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नई दिल्ली : हंगामे के बीच तीनों कृषि कानूनों पर सरकार का यू-टर्न, लोकसभा-राज्यसभा में बिल पास l

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रकाश पर्व यानी 19 नवंबर को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कही थी l

आज 29 नवंबर को शीतकालीन सत्र की शुरुआत में ही सरकार ने तीनों बिल वापस ले लिए l 

लोकसभा :

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा में तीन विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी

‘कृषि विधि निरसन विधेयक, 2021’ को बिना चर्चा के मंजूरी प्रदान कर दी गयी,

हालांकि इस विधेयक पर चर्चा की मांग करते हुए विपक्षी दलों ने भारी हंगामा किया

जिस कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

कुछ दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि देने और दो नये सदस्यों प्रतिभा सिंह एवं ज्ञानेश्वर पाटिल को शपथ दिलाने के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई,

तो कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने कृषि विधि निरसन विधेयक पर चर्चा की मांग पर जोर दिया।

शोर-शराब के चलते दो बार के स्थगन के बाद सदन को अपराह्न दो बजकर करीब पांच मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।

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राज्यसभा : 

राज्यसभा में सोमवार को शीतकालीन सत्र के पहले दिन बैठक काफी हंगामेदार रही

जिसमें विपक्ष के शोरगुल के बीच तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को खत्म करने संबंधी एक विधेयक बिना चर्चा के पारित हो गया

जबकि पिछले मॉनसूस सत्र में ‘‘अशोभनीय आचरण’’ के कारण 12 विपक्षी सदस्यों को वर्तमान सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया।

हंगामे के कारण चार बार के स्थगन के बाद बैठक तीन बज कर करीब बीस मिनट पर पूरे दिने के लिए स्थगित कर दी गयी।

इससे पहले, 

आखिरकार कृषि कानून को संसद में वापस लेने का दिन आ ही गया l

आज यानी 29 नवंबर को संसद में कृषि कानून को वापस लिया जाएगा l

वही विपक्ष MSP को लेकर सत्ता पक्ष पर पलटवार कर सकती है l

ऐसे में देखना है कि कृषि कानून सहित जो बिल संसद में पेश होंगे वो कैसे पास होंगे l

क्योंकि इसे वापस लेने में भी विपक्ष कई अड़चने लगाने की सोच रहा है l  MSP सहित वह इस पर चर्चा की भी मांग कर रहा है l 

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वही वह अन्य मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है l 

दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने संसद शुरू होने से पहले एक बयान दिया और कहा की

“वह संसद में हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है, संसद में कितने घंटे काम हुआ इसके मायने l  

Breaking News:हम तीनों कृषि कानून वापस लें रहे है: पीएम मोदी का एलान

इससे पहले, 

गुरु नानक जयंती(Guru Nanak Jayanti 2021) पर पीएम मोदी(PM Modi)ने किसानों को प्रकाश पर्व का तोहफा देते हुए एलान किया है कि केंद्र सरकार द्वारा बनाएं गए तीनों कृषि कानूनों(Three Farm Laws)को वापस लिया जा रहा है। 

प्रधानमंत्री मोदी(PM Narendra Modi)ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन देते हुए घोषणा की केंद्र सरकार तीनोंं नए कृषि कानूनों को वापस ले रही(PM-Modi-announces-withdrawal-all-three-new-Farm-Laws) है

और आंदोलनकारी किसानों से अनुरोध है कि वह गुरु पूरब पर अपना आंदोलन खत्म कर अपने घर वापस लौटें। 

मोदी ने कहा कि संसद के अगले सत्र में तीनों कृषि कानूनों(new farm laws)को वापस लेने की प्रक्रिया शुरु (repeal of new farm laws)हो जाएंगी।

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हालांकि इस मुद्दे पर किसान आंदोलनकारियों का कहना है कि यह उनके संघर्ष की जीत है और कहीं न कहीं सरकार केवल उत्तर प्रदेश और पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों के चलते पीछे हटी(PM-Modi-announces-withdrawal-all-three-new-Farm-Laws) है।

आपको बता दें कि बीते एक साल से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे थे।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले के मुकाबले कृषि बजट 5 गुना बढ़ाया गया है।

उत्तर प्रदेश में कई योजानाओं के शिलान्यास और उद्घाटन के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने ये ऐलान किया है।

मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत(तस्वीर,साभार-हिंदुस्तान टाइम्स)

इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, “मैंने अपने पांच दशकों के कामकाज के दौरान किसानों की मुश्किलें देखी हैं।

जब देश ने मुझे प्रधान मंत्री बनाया, तो मैंने कृषि विकास या किसानों के विकास को अत्यधिक महत्व दिया।”

पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले सात सालों में देश में कृषि के विकास के लिए कई कदम  उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया गया है और इससे कृषि उत्पादन में सुधार करने में मदद मिली है।

पीएम ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान किसानों को मुआवजे के तौर पर 1 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं।

इसके अलावा बीमा और पेंशन भी प्रदान किए गए. उन्होंने कहा कि किसानों के खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण किया गया।

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राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में ग्रामीण बाजार के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है और एमएसपी भी बढ़ाया गया है।

उन्होंने कहा कि देश में सूक्ष्म सिंचाई कोष को भी दोगुना किया गया है। पीएम ने कहा कि किसानों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए फसल ऋण भी दोगुना कर दिया गया है।

उन्होंने कहा, “हमारी सरकार किसानों की सेवा के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। छोटे किसानों की मदद के लिए ही हमने पिछले साल तीन कृषि कानून लाए(PM-Modi-announces-withdrawal-all-three-new-Farm-Laws) थे।”

उन्होंने कहा, हमारी सरकार किसानों, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हम उनकी पूरी सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

संयुक्त किसान मोर्चा(SKM) के अध्यक्ष राकेश टिकैत(Rakesh Tikait)का इस मुद्दे पर कहना है कि जब तक संसद में कानून वापस नहीं होंगे तब तक आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। अभी यह हमारी आंशिक जीत है।
PM-Modi-announces-withdrawal-all-three-new-Farm-Laws
Dharmesh Jain

धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।