Sikh Sant baba Ram Singh commits suicide in support of kisan andolan
चंडीगढ़:किसानों के आंदोलन के 21वें दिन बहुत ही दुखदायी और दिल को दहला देने वाली खबर आई। बुधवार को दिल्ली की कुंडली सीमा पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन (kisan andolan) में शामिल संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर(Sikh Sant baba Ram Singh commits suicide) ली।
किसान आंदोलन के समर्थन में बाबा राम सिंह ने अपने शरीर का त्याग किया। इसकी जानकारी स्वंय बाबा ने एक नोट में (Baba Ram Singh write suicide note)लिखी।
किसान आंदोलन (Farmers protest) जब से शुरु हुआ है तब से कई किसान अपनी जान गंवा चुके है।लेकिन उनकी मौत की वजह ठंड और बीमारी या कोरोना थी।
देश और दुनियाभर में प्रख्यात सिख संत बाबा राम सिंह जी(Sikh Sant baba Ram Singh) की आत्महत्या से किसानों के बीच अत्यंत शोक और रोष की लहर है।
केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों(New farm laws 2020) के विरोध में देशभर से किसान दिल्ली के बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से कर रहे है।
दिल्ली की हांड-कंपाती ठंड में आंदोलन कर रहे हजारों किसानों को उस समय गहरा आघात लगा जब पता चला कि संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या (baba Ram Singh ne ki atmhatya)कर ली।
उनकी मौत से किसानों के बीच गहरा दुख और गुस्सा बरकरार है। इस हादसे पर सभी ने दुख और रोष से भरी प्रतिक्रियाएं दी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और मोदी कैबिनेट की पूर्व केंद्रीय व शिरोमणि अकाली दल की नेत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी संत बाबा राम सिंह के निधन(Sikh Priest Baba Ram Singh Dies) पर दुख और मोदी सरकार की हठधर्मी के प्रति रोष व्यक्त किया।
कैसे पता चला की सिख संत बाबा ने की आत्महत्या?
Sikh Sant baba Ram Singh commits suicide in support of kisan andolan
किसानों के विरोध-प्रदर्शन के बीच(Farmers Protest) सिख संत बाबा राम सिंह, जिन्हें बाबा राम सिंह जी सिंघरा वाले भी कहते है, ने कुंडली सीमा पर बुधवार को खुद को गोली ली।
फिर इसके बाद उन्हें जल्दबाजी में अस्पताल लेकर जाया गया,लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
बाबा बुड्ढा साहेब जी प्रचारक सभा करनाल के सेक्रटरी गुलाब सिंह कहते हैं कि मैं वर्ष 1996 से उनका शिष्य हूं।
बाबा जी का जन्म जगरांव पंजाब में हुआ था। वह छह बहनों में इकलौते भाई थे।
मैंने उनसे कीर्तन प्राप्त किया था। गुलाब सिंह ने बताया कि सिविल अस्पताल में संत बाबा राम सिंह के पार्थिव शरीर का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है ताकि आगे की तमाम आशंकाओं पर लगाम लगाई जा सके।
रागी गुलाब सिंह कहते हैं, ‘जब यह घटना हुई उस वक्त भाई मंजीत सिंह उनके नजदीक ही थे। वह बाबा राम सिंह के हुजूरी सेवक हैं।
वह हर वक्त बाबा जी के साथ ही रहते हैं।’ गुलाब सिंह ने कहा, ‘8 और 9 दिसंबर को बाबाजी ने करनाल में अरदास समागम रखा, जिसमें कई जत्थे आए थे।
बाबाजी ने अरदास की कि किसान आंदोलन में जो भी किसान शामिल हैं, वे सुखशांति से अपने घर पहुंचें।
9 दिसंबर को बाबाजी किसान आंदोलन में 5 लाख रुपये देकर आए थे। इसके बाद बाबाजी वहां पर गर्म कंबल देकर भी आए।
वह हर रोज अपने जत्थे समेत पहुंच रहे थे। हर दिन वह डायरी लिखते थे। वह कहते कि मुझसे यह दुख नहीं देखा जा रहा।’
शिष्य गुलाब सिंह ने संत बाबा राम सिंह के साथ एक तस्वीर एनबीटी ऑनलाइन के साथ शेयर भी की है।
वह कहते हैं, ‘यह तस्वीर 6 दिसंबर की है। हम उन्हें समागम के लिए आमंत्रित करने गए थे।’
‘बाबा राम सिंह ने दी अपनी शहादत‘
Sikh Sant baba Ram Singh commits suicide in support of kisan andolan
गुलाब सिंह बताते है कि, ‘बाबा राम सिंह फिर से पहुंचे थे। यहां उन्होंने अपने सेवादारों से कहा कि आप स्टेज पर जाओ।
इस दौरान सभी वहां से चले गए। बाबा राम सिंह गाड़ी में बैठे हुए थे। फिर उन्होंने एक नोट लिखा।
इसमें उन्होंने लिखा कि ‘किसान आंदोलन से दुखी होकर कई भाइयों ने अपनी नौकरी छोड़ी, अपना सम्मान वापस किया।
ऐसे में मैं अपना शरीर समर्पित कर रहा हूं। पिस्टल गाड़ी में पड़ा हुआ था। वही लेकर उन्होंने खुद को शहीद कर लिया।
किसान आंदोलन(Kisan andolan) में उन्होंने अपनी शहादत दी है।‘
गुलाब सिंह कहते हैं कि पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार नानक सर सिंगड़ा, करनाल हरियाणा में होगा।
गुलाब सिंह ने कहा, ‘हम सभी से इसी बात की अपील करते हैं कि वे शांति बनाकर रखें। ज्यादा से ज्यादा सिमरन करें।’
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