assam mizoram dispute 3days state mourning for died policemen
नई दिल्ली (समयधारा) : विपक्ष ने असम-मिजोरम विवाद के चलते गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफा मांगा है l
वही असम-मिजोरम सीमा (Assam Mizoram Border) पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
इस बीच असम ने कल सीमा संघर्ष में पांच पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए मंगलवार से तीन दिन के शोक की घोषणा की।
जबकि असम मिजोरम सीमा से लगे कछार जिले के लोगों ने पड़ोसी राज्य की आर्थिक नाकेबंदी की धमकी दी है।
असम सरकार ने एक आदेश जारी करने बताया कि राजकीय शोक के दौरान में राष्ट्र ध्वज आधा झुका रहेगा
और सार्वजनिक मनोरंजन के कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे ।
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असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के सोमवार को अचानक खूनी संघर्ष में तब्दील हो जाने से,
कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और एक पुलिस अधीक्षक समेत 60 अन्य घायल हो गए।
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा से बातचीत की और विवादित सीमा पर शांति सुनिश्चित करने की उनसे अपील की।
इससे पहले शाह ने पिछले हफ्ते भी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करके उनसे सीमा विवाद को हल करने की अपील की थी।
इस साल मई में नगालैंड-असम सीमा पर गोलीबारी के चलते इसी प्रकार का तनाव पैदा हो गया था।
उस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था। सरमा ने सिलचर में मंगलवार को पांचों पुलिसकर्मियों को पुष्पांजलि अर्पित की।
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उन्होंने ट्वीट किया, “असम पुलिस के वीर कर्मियों की मौत से हम बेहद शोकाकुल है। मैं सिलचर पुलिस अधीक्षक कार्यालय गया था
और मैंने वहां पांचों शहीद पुलिसकर्मियों को पुष्पांजलि अर्पित की और उनके बलिदान को सलाम करता हूं।”
इससे पहले वह सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल गए और उन्होंने संघर्ष में घायल पुलिकर्मियों से मुलाकात की।
कछार के पुलिस अधीक्षक वैभव चंद्रकांत निम्बालकर को एयर फोर्स की एयर एंबुलेंस से मुंबई के एक अस्पताल ले जाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री अंतर राज्यीय सीमा पर भी जा सकते हैं जहां हालात “तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में हैं।”
विशेष पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने इस बात के संकेत दिए कि असम के पुलिसकर्मियों पर गोली चलाने वाले मिजो पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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इस बीच काबूगंज और ढोलई इलाके के लोगों ने किसी भी वाहन को पड़ोसी राज्य में जाने से रोकने के लिए
मंगलवार सुबह नौ बजे से मिजोरम की ओर जाने वाली सड़कों को अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिया।
सामाजिक कार्यकर्ता जाबिर हुसैन लस्कर ने मीडिया को बताया कि सीमावर्ती कस्बों और गांवों के लोग भी बुधवार से अनिश्चितकालीन “आर्थिक नाकेबंदी” शुरू करेंगे।
उन्होंने असम सरकार से सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया।
“द बराक डेमोक्रेटिक फ्रंट (BDF)” के मुख्य संयोजक प्रदीप दत्ता रॉय ने कहा कि
BDF ने भी लैलापुर में असम पुलिस के छह जवानों और एक आम नागरिक की हत्या के विरोध में बुधवार को 12 घंटे के बराक घाटी बंद का आह्वान किया है।
अब बात करते है क्या है यह विवाद
यह मुद्दा ब्रिटिश राज के दौर से चल रहा है। ब्रिटिश शासकों ने 19वीं शताब्दी की शुरुआत में पूर्वोत्तर में अपना दबदबा बढ़ाया था।
उन्होंने असम का इस्तेमाल इस क्षेत्र में जनजातियों के पास मौजूद हिस्से पर कब्जा करने के लिए किया था।
स्वतंत्रता मिलने पर असम के पास पूर्वोत्तर का बड़ा हिस्सा था।
इसके बाद असम से चार राज्य – नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और मिजोरम अलग किए गए थे।
हालांकि, इन राज्यों के बीच सीमा को लेकर विवाद पूरी तरह नहीं सुलझ पाया था।
(इनपुट एजेंसी से भी)