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छठ पूजा 2022-कब दे व्रती छठ पूजा के दौरान सूर्योदय और सूर्यास्त पर अर्घ्य

लोक आस्था का महापर्व छठ का आज का आज तीसरा दिन है.

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नयी दिल्ली (समयधारा) :  लोक आस्था का महापर्व छठ का आज का आज तीसरा दिन है।

इस दिन व्रती शाम में डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं। 

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  • सूर्योदय समय – सुबह 06:31 बजे
  • सूर्यास्त समय – शाम 05:38 बजे

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने छठ पूजा 2022 की शुभकामनाएं दी हैं।

दिवाली के तुरंत बाद, बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग छठ पूजा की तैयारी शुरू कर देते हैं।

सूर्य षष्ठी, छठ, महापर्व, छठ पर्व, डाला पूजा, प्रतिहार और डाला छठ के रूप में भी इस त्योहार को लोग जानते हैं।

चार दिवसीय पर्व में छठ में भगवान सूर्य देवता की पूजा की जाती है।

Chhath Puja 2022 Argh Time:आज से शुरु हुई छठ पूजा,जानें सूर्योदय-सूर्यास्त पर अर्घ्य देने का शुभ समय

इससे पहले, 

Chhath-Puja-2022-Argh-Time-chhath-puja-argh-dene-ka-samay-पूर्वांचल और बिहार  का लोकप्रिय पर्व छठ महापर्व आज,28 अक्टूबर 2022,शुक्रवार को नहाय-खाय(Nahay Khay)के साथ (Chhath Puja 2022 date) शुरू हो रहा है।

इसका समापन 31 अक्टूबर,सोमवार को होगा।

दिवाली(Diwali 2022)के छह दिन बाद कार्तिक माह की षष्टी तिथि को पड़ने के कारण ही इसे छठ(Chhath)पर्व कहा जाता है।

29 अक्टूबर 2022 शनिवार को खरना या लोहंडा (Kharna or lohanda) के साथ 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा।

व्रतीजन संतान की प्राप्ति, सुख-समृद्धि, संतान की दीघार्यु और आरोग्य की कामना के लिए साक्षात सूर्य देव और छठी मैया(Chhathi Maiya)की आराधना करती हैं।

 

चलिए अब बताते है छठ पूजा के दौरान सूर्योदय और सूर्यास्त पर अर्घ्य देने का समय- chhath-puja-2022 suryoday-suryast-par-ardhya-dene-ka-samay bihar-uttarpradesh-chhath-puja-time

 

छठ पूजा पर अर्घ्य देने का समय

30 अक्टूबर को अस्ताचलगामी और 31 अक्टूबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य-Chhath-Puja-2022-Argh-Time

 

हिंदू पंचांग के अनुसार, 29 अक्टूबर, शनिवार को खरना(chhath-puja-argh-dene-ka-samay)है। इस दिन व्रती संध्या में आम की लकड़ी से मिट्टी के बने चूल्हे पर गुड़ का खीर बना कर भोग अर्पण करती हैं और प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण करती है।

इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है।

इससे एक दिन पूर्व शुक्रवार को नहाय खाय के दिन महिलाएं सूर्योदय से पूर्व स्नान कर नए वस्त्र धारण कर पूजा करने के उपरांत चने की दाल कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण करेंगी।

खरना के दूसरे दिन अर्थात 30 अक्टूबर, रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इस दिन व्रती डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे।
इस दिन छठ घाट पहुंचने से पूर्व घर में सभी सदस्य मिलजुल कर साफ-सफाई से शुद्ध देसी घी में ठेकुआ बनाते हैं।
इसी ठेकुआ, चावल के आटा और घी से बने लड्डू, पांच प्रकार के फल व दीए के साथ पूजा का सूप सजाया जाता है। दौरा सिर पर रखकर लोग छठ गीत की धुन पर श्रद्धा भाव के साथ घाट पहुंचते हैं।

 

अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य कब-chhath-puja-2022 suryoday-suryast-par-argh-dene-ka-samay bihar-uttarpradesh-chhath-puja-time

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी पर शाम में व्रती अस्ताचलगामी सूर्यदेव को प्रथम अर्घ्य अर्पित करेंगे।

अर्घ्य अर्पित करने से पूर्व व्रती जल में खड़े होकर आदिदेव भुवन भास्कर को नमन कर एवं परिवार, समाज की सुख-शांति के लिए मंगल कामना करेंगे।

प्रथम अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त (chhathi-maiya puja shubh muhurat)

 

इस साल छठ महापर्व में सूर्यदेव को पहला अर्घ्य 30 अक्टूबर, रविवार को दिया जाएगा।

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इस दिन सूर्योदय समय छठ पूजा के दिन -सुबह  06:31

और सूर्यास्त समय छठ पूजा के दिन – शाम 05:38 बजे रहेगा।

 

 

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य-सुबह 06:32 बजे-Chhath-Puja-2022-Argh-Time-chhath-puja-argh-dene-ka-samay

 

इस साल 31 अक्टूबर 2022, सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।

पंचांग के अनुसार इस वर्ष 31 अक्टूबर को सुबह 06.32 बजे सूर्योदय हो रहा है।

सभी छठ घाटों पर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान भास्कर से सुख समृद्धि और आरोग्यता की कामना की जाएगी।

उदयीमान सूर्य को अर्घ्य के साथ ही चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था का यह महापर्व छठ संपन्न हो जाएगा।

जानें कौन हैं छठी मईयां ?-Who is Chhathi Maiya

छठ (Chhath) का पर्व कार्तिक मास की षष्टी को मनाया जाता है। छठे दिन पूजी जाने वाली षष्ठी मइया (Sasthi Maiya) को बिहार में आसान भाषा में छठी मईयां (Chhathi Maiya) कहकर पुकारते हैं।

ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा (Chhath Puja) के दौरान पूजी जाने वाली यह माता सूर्य भगवान की बहन हैं।

इसीलिए लोग सूर्य को अर्घ्य देकर छठ मैया को प्रसन्न करते हैं।

वहीं, पुराणों में मां दुर्गा के छठे रूप कात्यायनी देवी को भी छठ माता का ही रूप माना जाता है।

छठ मइया को संतान देने वाली माता के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि जिन छठ पर्व संतान के लिए मनाया जाता है।

खासकर वह जोड़े जिन्हें संतान का प्राप्ति नही हुई। वो छठ का व्रत (Chhath Vrat) रखते हैं, बाकि सभी अपने बच्चों की सुख-शांति के लिए छठ मनाते हैं।

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जानें छठ पर अर्घ्य देने का वैज्ञानिक महत्व

सूर्य की किरणें शरीर के लिए लाभदायक होती है,चूंकि इनसे मानव शरीर को विटामिन डी मिलता है। ऐसे में यदि उगते सूर्य की किरणों के सामने खड़ा हुआ जाएं तो इससे अधिक लाभकारी कुछ हो नहीं सकता।

इसीलिए सदियों से सूर्य नमस्कार को बहुत लाभकारी बताया गया।

वहीं, प्रिज्म के सिद्धांत के मुताबिक सुबह की सूरत की रोशनी से मिलने वाले विटामिन डी (Vitamin D) से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है और स्किन से जुड़ी सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं।

(इनपुट एजेंसी से भी)

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Radha Kashyap