Corona की तीसरी लहर का बच्चों पर नहीं पड़ेगा ज्यादा प्रभाव-WHO-AIIMS सर्वे
बच्चों और वयस्कों के बीच सीरो-पॉजिटिविटी दर में अंतर बताता है कि जैसे-जैसे बीमारी बढ़ रही है ये सभी आयु वर्ग को समान रूप से प्रभावित कर रही है...
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नई दिल्ली:कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच एक अच्छी खबर आई है।विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO)और एम्स (AIIMS)ने अपनी स्टडी में इस बात का खुलासा किया है कि भारत में कोरोनावायरस की तीसरी लहर(Corona third wave) का बच्चों पर ज्यादा प्रभाव नहीं (Corona-third-wave-in-India-not-much-affect-on-children)पड़ेगा।
यह स्टडी देश के 5 राज्यों में संपन्न की गई है। इसमें 10 हजार सैम्पल लिए गए थे। बकौल एम्स स्टडी,बच्चों में सेरो-पॉजिटिविटी रेट वयस्कों से ज्यादा थी।
कोरोनावायरस(Coronavirus)के मौजूदा वैरिएंट से तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की संभावना कम है।
इस स्टडी के लिए डाटा का कलेक्शन 15 मार्च 2021 से 10 जून 2021 तक किया गया हैं।
यह स्टडी दिल्ली, फरीदाबाद, भुवनेश्वर, गोरखपुर और अगरतल्ला में हुई।
इस स्टडी के फाइनल नतीजे दो से तीन महीने में आएंगे।
कुल उपलब्ध डाटा में से 4509 लोगों ने सर्वे में भाग लिया जिसमें 18 वर्ष से कम उम्र के 700 लोग थे और 18 साल से अधिक के 3809 थे।
18 से कम उम्र के लोगों में सेरो पॉजिटिविटी 55.7 फीसदी थी, वहीं 18 से ज्यादा उम्र वालों में 63.5% थी(Corona-third-wave-in-India-not-much-affect-on-children)।
गौरतलब है कि भारत में कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान, सबसे बुरी तरह दिल्ली सहित बड़े शहरी क्षेत्र प्रभावित थे।
इस साल मार्च के दूसरे पखवाड़े के दौरान डेटा एकत्र किया गया. यह वो समय था जब पहली लहर कम हो रही थी और दूसरी लहर नहीं आई थी।
हालांकि परिणाम बताते हैं कि आबादी का एक बड़ा हिस्सा पहले ही इससे संक्रमित हो चुका था।
बच्चों और वयस्कों के बीच सीरो-पॉजिटिविटी दर में अंतर बताता है कि जैसे-जैसे बीमारी बढ़ रही है ये सभी आयु वर्ग को समान रूप से प्रभावित कर रही है।
महामारी के दौरान स्कूल बंद थे और वयस्कों की तुलना में बच्चे घरों में ज्यादा रहे।
लेकिन बच्चों के लिए, संक्रमण का स्रोत ये रहा जब घर के बड़ी उम्र के लोग काम काज के लिए घर से बाहर निकले और अपने साथ इंफेक्शन लेकर घर आए।
कुल मिलाकर, परिणाम बताते हैं कि बच्चे और वयस्क समान रूप से COVID 19 संक्रमण के लिए संवेदनशील हैं।