कोरोना के बाद दिल्ली की प्रदुषण से जंग, स्कूल-कॉलेज अगले आदेश तक बंद

दिली ने प्रदुषण को लेकर कई कड़े कदम उठाये, सरकारी विभाग में 100 फीसदी वर्क फ्रॉम होम

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नयी दिल्ली (समयधारा) : Delhi-NCR में  बढ़ते प्रदुषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की l 

उन्होंने कहा की प्रदुषण को लेकर एक-दुसरें पर आरोप मढ़ने का काम बंद करें l 

उन्होंने इस पर सख्त आदेश देने से इनकार कर दिया l वही दिल्ली सरकार ने प्रदुषण को रोकने के लिए कई सख्त कदम उठाये l 

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जानियें दिल्ली में प्रदुषण से जंग को लेकर क्या-क्या कदम उठायें, 

  • सरकारी विभाग में 100 फीसदी वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) l
  • स्कूल-कॉलेज अगले आदेश तक बंद l
  • वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट की सघन जांच होगी l
  • दिल्ली में 372 वॉटर टैंकर से छिड़काव l
  • 15 साल पुरानी गाड़ियों की लिस्ट दिल्ली पुलिस को सौंपी गई l

दिल्ली में प्रदुषण के बाद पानी का संकट, जाने किस-किस जगह नहीं आएगा पानी

  • राजधानी में में 21 नवंबर तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंधl
  • ज़रूरी सेवाओं के अलावा अन्य ट्रकों की एंट्री बैन l
  • 1000 CNG प्राइवेट बसों को कल से हायर किया जाएगा l
  • DDMA से मेट्रो और बस में खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति मांगी गई l

गौरतलब है कि दिल्‍ली और इसके आसपास के इलाकों में दिनों दिन बिगड़ रही हवा की गुणवत्ता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्‍ली सरकार को आड़े हाथों लिया हैl

 

सु्प्रीम कोर्ट में हाल ही में केंद्र सरकार ने बताया था कि राजधानी में गंभीर प्रदूषण में पराली जलने से होने वाले धुएं का योगदान केवल 10 फीसदी ही हैl

दिल्ली के वायु प्रदूषण में खेत के कचरे को जलाने का योगदान 10 प्रतिशत है,

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से ​कहा था कि वायु प्रदूषण में उद्योग और सड़क की धूल की बड़ी भूमिका हैl

इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने केंद्र से सवाल किया था , 

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“क्या आप सैद्धांतिक रूप से इस बात से सहमत हैं कि पराली जलाना कोई प्रमुख कारण नहीं है और यह “हल्ला” वैज्ञानिक और कानूनी आधार के बिना थाl”

जब केंद्र के वकील ने इसे स्वीकार कर लिया, तो न्यायाधीश ने कहा कि “दिल्ली सरकार के हलफनामे का कोई मतलब नहीं है”

क्योंकि वे “केवल किसानों को दोष दे रहे हैं”l 

Varsa: वर्षा कोठारी एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। वर्षा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।