Gujarat-Rajkot-Game-Zone-Fire Death-Toll-Goes-To-33 People-Including-9-Children
अहमदाबाद: कल हुए दर्दनाक गेम जोन (#GameZone) हादसे में अब तक 33 लोगों के मरने की खबर आई है l
गुजरात (#Gujarat) के राजकोट गेम जोन (Rajkot Game Zone) हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है।
इसमें नौ बच्चे शामिल हैं। शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट किया जाएगा। इसके लिए सैंपल लेकर उन्हें गांधीनगर लाया गया है।
रिपोर्ट मैच करने के बाद परिवारों को डेडबॉडी दी जाएंगीं। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गृह मंत्री हर्ष संघवी के साथ घटनास्थल का दौरा किया है।
राजकोट के नाना मोवा रोड पर टीआरपी गेम जोन में शनिवार शाम को आग लग गई थी।
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पुलिस ने इस घटना में अभी तक गेम जोन के मालिक और मैनेजर समेत दस लोगों को राउंडअप किया है।
गेम जोन का संचालन युवराज सिंह सोलंकी के पास था। उसके साथ नितिन जैन और यज्ञेश पाठक इसमें शामिल थे।
राजकोट टीआरपी गेम ज़ोन अग्निकांड: अब तक क्या हुआ
- 5:37 PM: गेमजोन में आग लगने की घटना
- 5:38 PM: आग लग गई
- 5:45 PM: फायर ब्रिगेड को कॉल आई
- 5:50 PM: मुख्य अग्निशमन अधिकारी मौके पर पहुंचे
- 5:55 PM: आग ने भीषण रूप ले लिया है
- 6:00 PM: दमकल विभाग का आग बुझाने का काम जारी
- 06:01 PM: घायलों और शवों का मिलना शुरू
- 6:20 PM : कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर मौके पर पहुंचे
- 7:15 PM : आग से चार लोगों की मौत
- 7:20 PM : दो शव सिविल अस्पताल पहुंचे
- 7:22 PM : पूरा गेमजोन जलकर खाक हो गया
- 7:29 PM : सिविल अस्पताल 4 शव पहुंचे
- 7:32 PM : चीफ फायर ऑफिसर ने 6 लोगों की मौत की पुष्टि की
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- 7:47 PM : भीषण आग में 8 की मौत
- 7:55 PM : आग में जले 8 शव सिविल अस्पताल पहुंचे
- 8:05 PM : 17 शव सिविल अस्पताल पहुंचे
- 8:15 PM : सिविल अस्पताल में भीड़
- 8:25 PM : सिविल अस्पताल में 20 शव पहुंचे
- 10:30 PM: 25 शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेजा गया
- 11:15 PM : सिविल अस्पताल पहुंचे 28 शव।
- 2:38 AM : गृह मंत्री घटनास्थल पर राजकोट पहुंचे।
- 3:15 AM : कलेक्टर कार्यालय में डाक अधिकारियों के साथ बैठक हुई।
- 8:30 AM: अग्निकांड में करने वाला की संख्या 33 हुई।
- 9:00 AM : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घटनास्थल का दौरा किया।
- 10:14 AM: शवों की पहचान के लिए 25 डीएनए सैंपल गांधीनगर भेजे गए।
राजकोट नगर निगम की स्टैडिंग कमेटी के चेयरमैन जतिन ठक्कर ने एकमीडिया हाउस से बातचीत में कहा है कि टीआरपी गेम जोन फायर बिना एनओसी के चल रहा था,
और इसे निगम के मनोरंजन विभाग से भी कोई मंजूरी नहीं मिली थी। राजकोट अग्निकांड में जान गंवाने वाले लोगों की सूची अभी तक जारी नहीं की गई है,
शवों की पहचान के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी। निगम के खुलासे के बाद सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिरी किसके कहने पर इस टीआरपी गेम जोन का संचालन हो रहा था।
सवाल यह भी कि गेम जोन डेढ़ साल से चल रहा था, इसकी बड़े पैमाने पर ब्रांडिंग की गई थी तो फिर निगम को क्यों इसका पता नहीं चला।